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चौ. बदन सिंह से सीख सकते हैं 5 बातें, जानिए उनकी पुस्तकों के बारे में

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Agra, Uttar Pradesh, India. फतेहपुर सीकरी विधानसभा क्षेत्र से पांच बार विधायक रहे चौ. बदन सिंह हमारे बीच नहीं हैं। एक दिसम्बर, 2022 के दोपहर 12.30 बजे उन्होंने नश्वर शरीर छोड़ दिया। वे 97 वर्ष के थे। राजनेताओं को उनसे कुछ बातें सीखनी चाहिए।

1.जब लगे के आप राजनीति में नहीं चल पा रहे हैं तो चुपचाप रिटायरमेंट ले लेना चाहिए।

2.अपने प्रतिद्वंद्वंदियों की निंदा बंद कर देनी चाहिए।

3.कुछ ऐसा करना चाहिए जो समाज के काम आए। जैसे चौ. बदन सिंह ने पुस्तकें लिखी। उनका यह कार्य हमेशा याद किया जाएगा।

4.चौ. बदन सिंह हमेशा बृज भाषा में बात करते थे। मतलब वे अपनी जड़ों को नहीं भूले। आज के राजनेता अपनी भाषा भूल जाते हैं।

5.सांसद और विधायक को इतनी पेंशन मिल जाती है कि वह अपना और परिवार का पेट पालन कर सके। इसके बाद भी राजनीति से बाहर होने के बाद भी धनार्जन में ही लगे रहते हैं। चौ. बदन सिंह ने अपना समय साहित्य सेवा में लगाया।

अखिल भारतीय जाट महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कुँ. शैलराज सिंह एडवोकेट, जिला अध्यक्ष कप्तान सिंह चाहर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जयप्रकाश चाहर, भूपेंद्र सिंह राणा, चौधरी नवल सिंह, सुरेन्द्र चौधरी, नरेश इन्दोलिया, मेघराज सोलंकी, देवेंद्र चौधरी, शिशुपाल चौधरी आदि ने संयुक्त बयान में फतेहपुर सीकरी से 5 बार विधायक रहे चौधरी बदन सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया।

जिलाध्यक्ष कप्तान सिंह चाहर ने कहा है चौधरी बदन सिंह ने विधानसभा में फतेहपुर सीकरी की पानी और विकास की समस्याओं को बखूबी उठाया। ब्रजभाषा की खड़ी बोली को काफी आगे बढ़ाया। ग्रामीण परिवेश में आज भी बोली जाने वाली ब्रजभाषा और लोकगीतों का बड़ा संकलन किया। किताबें भी लिखी। उन्हें एक समाजसेवी के रूप में हमेशा याद किया जाएगा।

पूर्व विधायक चौ. बदन सिंह का निधन, शोक की लहर

Dr. Bhanu Pratap Singh