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8 जिलों के 42 विद्यार्थियों ने सीखी संस्कृत भाषा, यह धारणा गलत कि संस्कृत मृत भाषा हैः डॉ. वाचस्पति मिश्र

RELIGION/ CULTURE

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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. सरस्वती शिशु मन्दिर कमलानगर में संस्कृत भारती ब्रज प्रान्त द्वारा आवासीय प्रबोधन वर्ग आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के संयोजक एवं राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान के पूर्व अध्यक्ष डॉ. वाचस्पति मिश्र ने कहा कि संगठन का उद्देश्य जन मानस में व्याप्त इस धारणा को दूर करना है कि संस्कृत मृत भाषा है, इसका हमारे दैनिक जीवन में कोई उपयोग नहीं है, यह अत्यंत कठिन भाषा है।

उन्होंने बताया कि दैनिक जीवन के कर्मकांड के अतिरिक्त इस भाषा को प्रायः प्रशासनिक प्रतियोगी परीक्षाओं में आज से नहीं तो पिछले अनेक दशकों से छात्र वैकल्पिक विषय के रूपमें स्वीकार करते रहे हैं। विभिन्न भाषाओं के अनुवादक संस्कृत के बिना स्वयं को अपूर्ण मानते हैं। विश्व की अनेक भाषाओं का संस्कृत से निकट सम्बंध है। कम्प्यूटर और तकनीकी क्षेत्र में इसकी उपादेयता अद्वितीय है। संस्कृत भाषा के बिना संस्कृति सुरक्षा की कल्पना भी नहीं की जा सकती है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता बी. आर. अम्बेडकर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर आशुरानी ने की। उन्होंने कार्यक्रम आयोजकों की प्रशंसा करते हुये कहा कि जून मास की इस भीषण गर्मी में ऐसे प्रशिक्षण वर्ग निश्चित रूप से समाज को एक नवीन उत्‌साह और प्रेरणा प्रदान करते हैं। ऐसे प्रशिक्षण समय समय पर न केवल समाज द्वारा अपितु विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालयों में भी आयोजन किया जाना बाहिए।

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इस वर्ग का आयोजन 5 जून से किया गया। वर्ग की आख्‌या प्रस्तुत करते हुये प्रान्त मंत्री डॉ. धर्मेन्द्र कुमार अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश के 8 जिलों के 42 शिविरार्थियों ने भाग लिया। वर्ग की दिनचर्या प्रातः 5 बजे से रात्रि 10 बजे तक चली।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रसिद्ध उद्योगपति पूरन डावर ने भी विचार व्यक्त किये। धन्यवाद ज्ञापन वर्गाधिकारी रघुवीर जी ने किया। संचालन प्रान्त प्रशिक्षण प्रमुख सतीश शर्मा ने किया। अतिथि परिचय डॉ. गौरव गौतम ने कराया।

इस अवसर पर ब्रज प्रान्त संगठन मंत्री डॉ नरेन्द्र भागीरथी, कृष्णगोपाल जी, गंगाधर अरोड़ा, हरस्वरूप यादव, जगदीश शर्मा, रेखा सिंह, चंदन शास्त्री, सर्वेश शर्मा, नारायण चतुर्वेदी, रुद्र , देवव्रत, राधा, लक्ष्मी नारायण, हरिश्चंद्र, आनंद आदि अनेक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

Dr. Bhanu Pratap Singh