अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि की उम्मीद को देखते हुए हुए रेलवे प्रशासन आस्था ट्रेनों को चलाने की तैयारी कर रहा है। गोमतीनगर व चारबाग से अयोध्या के लिए आस्था मेमू ट्रेनें चलाई जाएंगी। उम्मीद जताई जा रही है कि ये ट्रेनें 25 से शुरू हो सकती हैं। बहरहाल अफसर ट्रेन के नोटिफिकेशन जारी होने का इंतजार कर रहे हैं।
अयोध्या के महत्व को देखते हुए उत्तर रेलवे अयोध्या कैंट, अयोध्या धाम, सालारपुर व दर्शननगर, तो पूर्वोत्तर रेलवे रामघाट स्टेशन को अत्याधुनिक बन रहा है। अब आस्था ट्रेनों को चलाने की तैयारी है। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि आस्था ट्रेनें दो तरह की रहेंगी। अयोध्या के आसपास के जिलों से आस्था मेमू ट्रेनें चलाई जाएंगी। मसलन, लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी आदि जगहों से आस्था मेमू ट्रेनें चलाई जाएंगी।
इसके लिए 10 ट्रेनें मिलेंगी। वहीं दक्षिण भारत, दिल्ली, मुंबई, जयपुर, अहमदाबाद आदि जगहों से लंबी दूरी की आस्था ट्रेनें चलेंगी, जिसमें स्लीपर व एसी की बोगियां रहेंगी। ऐसी तकरीबन 300 ट्रेनें पूरे देश से चलकर अयोध्या पहुंचेंगी। छोटी दूरी के लिए चलने वाली आस्था मेमू ट्रेनों को 25 से शुरू किया जा सकता है। पर, इस बाबत आधिकारिक रूप से अफसर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।
राम लला के दर्शन करने के लिए देशभर से अयोध्या से चलाई जा रही आस्था स्पेशल ट्रेनों का परिचालन सुरक्षा के घेरे में किया जाएगा। आस्था ट्रेनों के आगे पायलट लोको (खाली इंजन) चलाया जाएगा, इसके पीछे-पीछे आस्था ट्रेनें चलेंगी। प्रत्येक ट्रेन में रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ), राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के दस्ते तैनात रहेंगे। आस्था ट्रेनों में तीर्थ यात्री रेल टिकट के स्थान पर स्पेशल आई-कार्ड (पहचान पत्र) के साथ यात्रा करेंगे। जिससे अवैध मुसाफिर कोच में प्रवेश नहीं कर सकेंगे।
सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों से मिली खूफिया जानकारी के अनुसार 25 जनवरी से भगवान श्रीराम के दर्शन के लिए देशभर से अयोध्या के लिए चलाई जा रही आस्था स्पेशल टूरिस्ट ट्रेनों पर हमला हो सकता है।
सूत्रों ने बताया कि रामभक्तों से भरी स्पेशल ट्रेनों के परिचालन के लिए सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। इसके तहत प्रत्येक आस्था स्पेशल ट्रेन के आगे पायलट लोको चलाया जाएगा। जिससे पटरियों के साथ छेड़छाड़ कर ट्रेन को बेपटरी के मंसूबे को नाकाम किया जा सके। प्रत्येक आस्था ट्रेन में जीआरपी अथवा आरपीएफ के चार हथियारबंद जवानों का दस्ता तैनात रहेगा।
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रेलवे ट्रैक की निगरानी के लिए आरपीएफ, गैंगमैन, ट्रैकमैन आदि स्टाफ की संख्या बढ़ा दी गई है। ट्रेन में ऑन बोर्ड हाउसकीपिंग सर्विस (ओबीएचएस) कर्मी, रेलवे के इलेक्ट्रिक, मेकैनिकल, कैटरिंग वेंडर आदि कर्मचारी गले में पहचान पत्र धारण कर यात्रा करेंगे। जिससे अवैध व्यक्ति कोच में तीर्थ यात्रियों के साथ सफर नहीं कर सकें।
विशेष पहचान पत्र जारी किए जाएंगे
आस्था स्पेशल ट्रेन में तीर्थ यात्रियों को आईआरसीटीसी के ओर से एक पहचान पत्र जारी किया जाएगा। तीर्थ यात्री रेलवे टिकट के बजाए उक्त पहचान पत्र के साथ यात्रा करेंगे। जोकि जाने व आने के लिए मान्य होगा। इस पर उनका नाम, पता, मोबाइल नंबर, उम्र, लिंग, आधार कार्ड नंबर, यात्रा की तारीख, चढ़ने-उतरने वाले स्टेशनों के नाम, इमरजेंसी के लिए परिवार-रिश्तेदार का मोबाइल नंबर दर्ज होगा। आईआरसीटीसी के टूरिज्म पोर्टल पर सामूहिक बुकिंग का प्रावधान होगा। इन ट्रेनों की बुकिंग रेलवे के पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम (पीआरएस) पर उपलब्ध नहीं होगी।
पूरी तरह से स्लीपर
आस्था स्पेशल ट्रेन पूरी तरह से स्लीपर होगी। इसके बावजूद ट्रेन में बेडरोल व खानपान की सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी। इसमें एक चादर, एक कंबल, एक तकिया व कवर होगा। हर दूसरे कोच में बर्थ संख्या 65 से 70 (छह बर्थ) बेडरोल रखने के लिए आरक्षित रहेंगी। प्रत्येक कोच में बेड रोल वितरित होंगे। कोच व टॉयलेट की सफाई के लिए प्रत्येक कोच में सफाई कर्मी होगा।
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