रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने देश के विक्ट्री डे पर वादा किया है कि यूक्रेन की जंग में ठीक उसी तरह से हमारी जीत होगी जैसे द्वितीय विश्वयुद्ध में हिटलर की नाजी सेना के खिलाफ हुई थी। यूक्रेन युद्ध में रूस को भारी के नुकसान के बीच विक्ट्री डे परेड से ठीक पहले पुतिन ने दिए अपने भाषण में यह बड़ा बयान दिया है। रूस के विक्ट्री डे पर आज 11 हजार रूसी सैनिक परेड निकालेंगे। इसके अलावा कई महाविनाशक हथियारों का प्रदर्शन करके पुतिन दुनिया को अपनी ताकत दिखाएंगे।
पुतिन आज मास्को के लाल चौक से भाषण देंगे जिसमें वह बड़ा ऐलान कर सकते हैं। पुतिन ने कहा, ‘आज हमारे सैनिक, उनके पूर्वज देश की जमीन को नाजी गंदगी से मुक्त कराने के लिए उसी आत्मविश्वास से लड़ रहे हैं जिस तरह से 1945 में लड़े थे। जीत हमारी होगी।’ रूस ने दावा किया है कि वह यूक्रेन में नाजी तत्वों को मुक्त कराने के लिए विशेष सैन्य अभियान चला रहा है। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान सोवियत संघ के 2 करोड़ 70 लाख लोग मारे गए थे जो किसी अन्य देश से ज्यादा है।
नाजीवाद एक बार फिर से सिर उठा रहा है
पुतिन ने कहा, ‘यह आज हमारी ड्यूटी है कि नाजीवाद के फिर से जन्म को रोका जाए जिसकी वजह से विभिन्न देशों में बहुत ज्यादा लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।’ उन्होंने कहा, ‘दुख की बात यह है कि नाजीवाद एक बार फिर से सिर उठा रहा है। इससे पहले पुतिन ने आरोप लगाया था कि यूक्रेन फांसीवाद की गिरफ्त में है और वह रूस तथा रूसी भाषा बोलने वाले यूक्रेन के लोगों के लिए एक खतरा है। रूस का दावा है कि वह यूक्रेन के पूर्वी इलाकों को मुक्त करा रहा है।
रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि यह हमारी पवित्र जिम्मेदारी है कि जिन लोगों को हमने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान हराया था, उनके उत्तराधिकारियों को हराया जाय। पुतिन ने द्वितीय विश्वयुद्ध को महान देशभक्ति युद्ध करार दिया और रूसी जनता से अपील की कि वे ‘बदला लें।’ रूस आज विक्ट्री डे परेड निकालने जा रहा है जिसमें 11 हजार सैनिक हिस्सा लेंगे और सैकड़ों फाइटर जेट मास्को के आसमान में गरजेंगे। यह भी अटकलें हैं कि पुतिन आज यूक्रेन में पूर्ण युद्ध का ऐलान कर सकते हैं जिसे उन्होंने अभी तक विशेष अभियान नाम दिया है।
रूस की सड़कें लाल रंग के सोवियत झंड़ों से पटी
रूस में विजय दिवस या विक्ट्री डे को देखते देश के विभिन्न शहरों की सड़कें लाल रंग के सोवियत झंड़ों और नारंगी-काले रंग की धारीदार सैन्य रिबन से पटी हुई हैं। रूस के पूर्व सैनिकों के समूह ‘ग्रेट पैट्रियॉटिक वॉर’ से जुड़े स्मारकों पर पुष्पांजलि अर्पित कर रहे हैं। रूस में द्वितीय विश्व युद्ध को ‘ग्रेट पैट्रियॉटिक वॉर’ के तौर पर जाना जाता है। विक्ट्री डे या विजय दिवस यानी 1945 में नाजी जर्मनी की हार का जश्न मनाने के लिए सोमवार को होने वाले समारोह की तैयारियां पहली नजर में पिछले वर्षों की तरह ही नजर आती हैं। लेकिन इस साल माहौल बहुत अलग है, क्योंकि रूसी सैनिक एक बार फिर युद्ध लड़ रहे हैं और प्राणों की आहुति दे रहे हैं। पड़ोसी देश यूक्रेन में जारी यह युद्ध 11वें हफ्ते में प्रवेश कर गया है।
-एजेंसियां
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