युवा करते रहे डाकिया का इंतजार, उनके नौकरी के कॉल लेटर मिले नाले में

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Mathura (Uttar Pradesh, India) मथुरा डाकघर अब बैंकों का काम करने लगे है, आपका खाता खोलते हैं, आपका पैसा लेते हैं देते हैं, बुजुर्गों को पेंशन बांटते हैं, टेलीफोन और बिजली का बिल जमा करते हैं, क्या कुछ नहीं करते? मगर आपके अपनों की चिट्ठी-पत्री भले ही समय पर न पहंचायें मगर युवाओं का भविष्य इस विभाग के भरोसे आज भी है ऐसे में युवाओं को नोकरी के कॉल लेटर हों या जरूरी कागजात जैसे चैक बुक डिग्री तक इनके द्वारा ही बांटने की जिम्मेदारी है जिसे अगर समय पर या फिर सही व्यक्ति तक न पहुंचायें तो इसे कितना गैरजिम्मेदाराना माना जाये जब युवाओं का भविष्य इस विभाग के लापरवाह डाक कर्मियों के जिम्मे है। इस लिए डाकिया और उसके काम को भी ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। बावजूद इसके अभी भी कई महत्वपूर्ण कार्य ऐसे हैं जो डाक विभाग और डाकिया के ही भरोसे हैं। यहां तक कि कोरियर सेवाएं भी इन कामों के लिए अनुउपयोगी है।

आधा दर्जन गांवों की डाक नाले में पडी मिली, एक ही डाकिया चार पांच गांव की डाक बांटता है

आज अगर कोई डाकिया का बेसब्री से इंतजार करता है तो वह युवा हैं। युवाओं की भर्ती के कॉल लेटर और दूसरे तमाम दस्तावेज और जरूरी सूचनाएं आज भी सरकारी विभाग और प्राइवेट सेक्टर सरकरी डाक सेवा के जरिये ही कर रहे हैं। शनिवार को जो वाकया सामने आया उससे करीब आधा दर्जन गांवों के युवाओं के पैरों तले की जमीन खिसक गई। वह शिकायत लेकर डीएम तक जा पहुंचे। थाने में भी शिकायत दर्ज कराई है। शनिवार को धनगांव और उसके आसपास के करीब आधा दर्जन गांवों की डाक नाले में पडी मिली। जब कुछ युवकों की इस पर नजर गई तो उन्होंने बोरे को खोला, इसके बाद जो हुआ वह बेदह व्यथित करने वाला था। ग्रामीणों ने डाकिया पर डाक को नाले में फैंकने का आरोप लगाया है। इस संबंध में एक शिकायती पत्र जिलाधिकारी को सौंपा और कार्रवाही की मांग की है। ज्ञापन सौंपने आये मुकेश भाटी ने बताया कि सीआरपीएफ में फिजिकल के लिए एक एडमिट कार्ड आया था जो कि डाकिया द्वारा घर पर भेजा नहीं गया। गांव की पूरी डाक नाले में पडी मिली है। एक ही डाकिया चार पांच गांव की डाक बांटता है।

कॉल लेटर डाकिया ने नाले में फेंक दिए, करीब 20  युवकों के फिजिकल के एडमिट कार्ड थे

मुकेश  ने  कहा कि मेरे फिजिकल की तारीख निकल चुकी है। अब इसका मैं क्या करूंगा। रोजागर के लिए मारामारी है, कॉल लेटर ही नहीं आ रहे हैं, जब कॉल लेटर आया तो उसे डाकिया ने नाले में फैंक दिया। सुबह जब डाकिया से इस बारे में युवकों ने पूछताछ की तो बताया कि यह गलती से हो गया है। करीब 20  युवकों के फिजिकल के एडमिट कार्ड थे। इसके अलावा दूसरे कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी इसमें शामिल हैं। अभी कुछ की तारीख बची है वह भर्ती प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहाकि हम चाहते हैं कि इसके लिए दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाही की जाये जिससे दूसरे लोगों को ऐसा करने में डर लगे, हमारे गांव का डाकिया बदल दिया जाये।

Dr. Bhanu Pratap Singh