लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर समाज कल्याण विभाग में भ्रष्टाचार के मामलों पर बड़ी कार्रवाई की गई है। समाज कल्याण विभाग ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में चार जिला समाज कल्याण अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने भी इनकी बर्खास्तगी को मंजूरी दे दी है। वहीं, तीन सेवानिवृत्त अधिकारियों से करोड़ों रुपये की वसूली और पेंशन में स्थायी कटौती का आदेश जारी किया गया है।
समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने बताया कि सभी मामलों में एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जांच उनके प्रत्यक्ष पर्यवेक्षण में पूरी की गई और दोषी पाए गए अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की गई है।
बर्खास्त अधिकारियों की सूची
बर्खास्त अधिकारियों में शामिल हैं —
मीना श्रीवास्तव, तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी, श्रावस्ती (वर्तमान में भदोही में तैनात)
करुणेश त्रिपाठी, तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी, मथुरा
संजय कुमार ब्यास, तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी, हापुड़
राजेश कुमार, तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी, शाहजहांपुर
ये अधिकारी लंबे समय से निलंबित चल रहे थे और मुख्यालय से संबद्ध थे।
करोड़ों के घोटाले का खुलासा
मीना श्रीवास्तव पर आरोप है कि उन्होंने 2008 से 2012 के बीच मुख्यमंत्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना के तहत बिना सक्षम स्वीकृति के डेटा फीडिंग कराई और लाभार्थियों के खातों में हेरफेर की। छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति की राशि हड़पने में भी उनकी संलिप्तता पाई गई।
करुणेश त्रिपाठी ने निजी आईटीआई संस्थानों को अनियमित रूप से छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति की राशि जारी की। 11 मान्यताविहीन संस्थानों को लगभग 2.53 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। वहीं, उनसे 19.25 करोड़ रुपये की वसूली का निर्देश जारी हुआ है।
संजय कुमार ब्यास पर आरोप है कि उन्होंने 2.74 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति सीधे शिक्षण संस्थानों के खातों में भेज दी, जबकि नियमों के अनुसार यह राशि छात्रों को मिलनी चाहिए थी। इनके खिलाफ 3.23 करोड़ रुपये की वसूली का आदेश हुआ है।
राजेश कुमार, शाहजहांपुर के तत्कालीन अधिकारी, ने वृद्धावस्था पेंशन योजना में लाभार्थियों के बैंक खाते बदलकर अपात्रों को लाभ दिलाया। उनसे 2.52 करोड़ रुपये की रिकवरी की जाएगी।
सेवानिवृत्त अधिकारियों पर भी गाज
श्रीभगवान, पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी (औरैया), से 20 लाख रुपये की वसूली की जाएगी और उनकी पेंशन से 10 प्रतिशत स्थायी कटौती होगी।
विनोद शंकर तिवारी, पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी (मथुरा), से 1.96 करोड़ रुपये की वसूली और 50 प्रतिशत पेंशन कटौती का आदेश जारी हुआ है।
उमा शंकर शर्मा, पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी (मथुरा), से 89 लाख रुपये की वसूली के साथ 50 प्रतिशत पेंशन कटौती का निर्देश दिया गया है।
मंत्री बोले – “भ्रष्टाचार पर शून्य सहनशीलता”
राज्यमंत्री असीम अरुण ने कहा, “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस पॉलिसी जारी रहेगी। जिन मामलों की फाइलें वर्षों से दबाई गई थीं, अब उन पर भी कार्रवाई तय है। जल्द ही सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।”
साभार सहित
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