विश्व प्रकृति दिवस प्रत्येक वर्ष 3 अक्टूबर को मनाया जाता है|वर्तमान परिपेक्ष्य में कई प्रजाति के जीव जंतु एवं वनस्पति विलुप्त हो रहे हैं| विलुप्त होते जीव जंतु और वनस्पति की रक्षा का विश्व प्रकृति दिवस पर संकल्प लेना ही इसका उद्देश्य है|जल, जंगल और जमीन, इन तीन तत्वों के बिना प्रकृति अधूरी है। विश्व में सबसे समृद्ध देश वही हुए हैं, जहाँ यह तीनों तत्व हों|भारत देश जंगल, वन्य जीवों, नदियों के लिए प्रसिद्ध है| हमने कंक्रीट के विकास की रफ़्तार इतनी तेज कर दी कि प्रकृति के सौंदर्य को नष्ट कर दिया। एनजीटी, सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालय इलाहाबाद के कई आदेश इस प्रकृति विरोधी कार्य के लगाम लगाने में जारी हुए पर लागू कराने में थक हारकर उसकी लड़ाई लड़ने वाले या तो खामोश हुए या ख़ामोश करा दिए गये।
इस स्थिति को ध्यान में रखकर सन् 1992 में ब्राजील में विश्व के 174 देशों का ‘पृथ्वी सम्मेलन’ आयोजित किया गया| इसके पश्चात सन् 2002 में जोहान्सबर्ग में पृथ्वी सम्मेलन आयोजित कर विश्व के सभी देशों को पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान देने के लिए अनेक उपाय सुझाए गये। आइए संकल्प लें प्रकृति को बचना है भविष्य बनाना है तो तापमान को सीमित करें |ओजोन परत की हानि ना हो, जल का अत्यधिक दोहन ना हो, वायु को दूषित न करें, वनस्पतियों का नष्ट न करें| कारखानों से निकलने वाले विषैले पदार्थों का सही निस्तारण हो, प्लास्टिक का उपयोग बंद हो, जंगल को काटना बंद हो। नशीली गैसों का उत्पादन बंद हो |जमीन का पानी के स्तर को बढ़ाने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग की जाए| ध्वनि प्रदूषण रोकें| ऊर्जा का सीमित प्रयोग करें |कागज को दोनों तरफ से लिखें जो जरूरी हो उसी का प्रिंट निकालें, सभी बिलों का भुगतान इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से करें. ट्रैफिक लाइट पर । अपने वाहन के इंजन को बंद रखें, ,जैविक खाद का प्रयोग करें, भीड़भाड़ वाले इलाके में वाहन लेकर न जाएं, उससे भी पेट्रोल बचेगा| गंतव्य स्थान पर जाने हेतु शेयरिंग सिस्टम अपनाएं। सरकार को पब्लिक ट्रांसपोर्ट अच्छा करना होगा। हर घर के एक सदस्य को दो पेड़ लगाने होंगे|
सारी बातों का अगर हम ध्यान रखेंगे तो हम प्रकृति को बचा पाएंगे। कारण है हवा और पानी , जंगल और जानवर को बचाने वाली योजनाएं दरअसल इंसान को बचाने की योजनाएं हैं। आइए हम सब विश्व प्रकृति दिवस पर संकल्प लें कि हम अपनी प्रकृति को पुनःहरा-भरा और संपन्न करेंगे। आइए एक बार पुनः कहृं प्रकृति को बचाना है- भविष्य को सुनहरा बनाना है |

राजीव गुप्ता जनस्नेही
लोकस्वर-आगरा
फोन नंबर 98370 97850
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