शिक्षण-कार्य को मात्र वेतन से नहीं कर्त्तव्य निष्ठा से जोड़कर शिक्षा प्रदान करेंगे

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Mathura (Uttar Pradesh, India) मथुरा। कोरोना-संकट के कारण औपचारिक रूप से आयोजित त्रिदिवसीय शिक्षक दिवस समारोह का सोमवार को समापन हो गया। गोवर्धन रोड स्थित ज्ञानदीप शिक्षा भारती में आयोजन के प्रथम दिवस लगभग 25 छात्र-छात्राओं ने विद्यालय में मास्क पहिन कर तथा सामाजिक दूरी बनाये रख कर शिक्षक-शिक्षिकाओं के चरण – स्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्त किया।

‘‘आई सैल्यूट माई टीचर’’ विषय पर अपने विचार व्यक्त किये

आयोजन के अगले दिन शिक्षक – शिक्षिकाओं ने ज्ञानदीप में लगभग 25 वर्षों के शिक्षण-काल के संस्मरण सुनाते हुए दिवंगत प्रधानाचार्या सुश्री सविता भार्गव तथा श्रीमती निधि भाटिया का कृतज्ञता पूर्ण स्मरण किया। छात्र-छात्राओं ने शिक्षकों के सम्मान में ऑनलाइन पोस्टर, कविताओं के साथ-साथ छोटे-छोटे वीडियो बनाकर शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए ‘‘आई सैल्यूट माई टीचर’’ विषय पर अपने विचार व्यक्त किये कि किस तरह बहुत कम समय में उन्होंने आधुनिक तकनीकी का सहारा लेकर पढ़ने का नया तरीका सिखा कर सक्षम बनाया।  शिक्षकगण अपने विद्यार्थियों के इस अनूठे प्रयोग से अभिभूत हुए।

शिक्षण-कार्य को मात्र वेतन से जोड़कर नहीं कर्त्तव्य निष्ठा से जोड़कर शिक्षा प्रदान करेंगे

सोमवार को समापन दिवस पर शिक्षक-शिक्षिकाओं ने विद्या और वाणी की देवी माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष संकल्प लिया कि वे शिक्षण-कार्य को मात्र वेतन से जोड़कर नहीं कर्त्तव्य निष्ठा से जोड़कर शिक्षा प्रदान करेंगे। ज्ञानदीप की प्राचार्या रजनी नौटियाल, शैक्षिक निदेशक प्रीति भाटिया तथा प्रशासनिक अधिकारी आशीष भाटिया ने एक स्वर से कहा कि कोरोना – संकट से उत्पन्न व्यवधान के कारण अवरुद्ध शिक्षण कार्य की यथासंभव क्षतिपूर्ति की जायगी।

डा0 राधाकृष्णन् तथा ए0 पी0 जे0 अब्दुल कलाम से प्रेरणा प्राप्त करें

इस अवसर पर ज्ञानदीप के संस्थापक सचिव पद्मश्री मोहन स्वरूप भाटिया ने आह्वान किया कि शिक्षकगण डा0 राधाकृष्णन् तथा ए0 पी0 जे0 अब्दुल कलाम से प्रेरणा प्राप्त करें जो राष्ट्रपति से अधिक आदर्श शिक्षक के रूप में सम्माननीय रहे हैं। अन्त में सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं को उपहार भेंट कर सम्मानित किया गया।

Dr. Bhanu Pratap Singh