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होम्योपैथिक डॉक्टर क्यों बनें? नेमिनाथ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन डॉ. प्रदीप गुप्ता ने दिया जवाब

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कोविड-19 महामारी ने पूरी दुनिया को बीमार कर दिया है। साथ ही देश-विदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं को उजागर कर दिया है। अभी तक कोविड से लड़ने के लिए कोई दवा नहीं है। इतने सारे घोषित शोधों के बाद भी कोविड-19 नामक छोटे वायरस से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर किसी भी आदर्श दवा का कोई सुराग नहीं है।

वर्तमान में मेरे आस-पास डेंगू और एक अन्य अद्वितीय वायरल संक्रमण के गंभीर हमले हो रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सभी सरकारी अस्पतालों और निजी अस्पतालों में बेड की कमी है। सभी डायग्नोस्टिक प्रयोगशालाएं दिन और रात काम कर रही हैं, इसके अलावा रक्त बैंक भी लोगों को बचाने के लिए प्लेटलेट्स के जंबो पैक के लिए दिन-रात व्यस्त हैं, लेकिन मौतें लगातार हो रही हैं। जो बच गया, यह उसका भाग्य है।

अब तक नेमिनाथ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, कुबेरपुर, आगरा ने 1006 डेंगू मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज किया है। कोई हताहत नहीं हुआ है। यहां तक कि हमने मात्र 4000 प्लेटलेट्स के साथ मरीजों को भर्ती किया था, उनमें से कई मरीजों में आंतरिक रक्तस्राव के संकेत थे। 68 रोगियों में 4,000 से 25,000 के बीच अपने प्लेटलेट्स थे, लेकिन किसी की भी मौत नहीं हुई या किसी को भी जंबो पैक या आरडीपी की जरूरत नहीं पड़ी। नैमिनाथ हॉस्पिटल में डेंगू मरीजों को अस्पताल में रहने का औसत 100% सफलता दर के साथ केवल 2.5 दिन का है। लक्षणों की पूर्णता पर आधारित होम्योपैथिक दवाइयां 2 महीने से लेकर 84 साल तक सभी उम्र के लिए अत्यधिक प्रभावी हैं।

कोविड –19 की दूसरी लहर के दौरान हमने बिना MASK या PPE के भी होम्योपैथिक दवाओं द्वारा 12563 लोगों का सफलतापूर्वक इलाज किया। मरणासन्न मरीजों को भी स्वस्थ किया। एलोपैथी इलाज में आईसीयू में भर्ती मरीज हमारे यहां आए और हमने स्वस्थ किया, यहां तक कि ऑक्सीजन संतृप्ति बहुत गंभीर स्तर तक 25% से 55% के बीच था। एक मरीज भी शानदार ढंग से ठीक हो गया था जिसकी ऑक्सीजन संतृति केवल 9% थी। एक भी मामले में होम्योपैथी के तहत कोई भी पोस्ट कोविड जटिलता नहीं है।

अब यह होम्योपैथी को पुनर्जीवित करने का उचित समय है। होम्योपैथी को विशाल धन की आवश्यकता नहीं है, इसके लिए केवल अच्छे होम्योपैथिक चिकित्सकों की आवश्यकता है क्योंकि जनता का होम्योपैथी में पहले से ही भारी विश्वास है, लेकिन होम्योपैथी चिकित्सक अपेक्षाओं के अनुरूप सेवाएं देने में सक्षम नहीं हैं।

मेरा सभी शिक्षकों, मित्रों, मरीजों और अभिभावकों से विनम्र अनुरोध है कि वे अपने पाल्यों, मित्रों और प्रियजनों को एक अच्छे होम्योपैथिक कॉलेज में प्रवेश लेने के लिए प्रेरित करें ताकि वे एक अच्छा होम्योपैथी चिकित्सक बन सकें। मैं चाहता हूं कि सभी AIAPGET सफल उम्मीदवार भी एक कॉलेज का चयन करें जहां वे भविष्य की महामारी को पूरा करने के लिए सभी संभावनाओं का पता लगाने के लिए वास्तविक होम्योपैथी को मरीजों पर सीख सकें, क्योंकि मानव जाति की प्रतिरक्षा इस बिंदु पर सबसे कम है। वायरस का प्रकोप साल दर साल बढ़ता जा रहा है, वायरस अधिक शक्तिशाली होकर आता है। वायरस का इलाज सिर्फ होम्योपैथी में है।

हम्योपैथिक चिकित्सकों को मेडिकल इमरजेंसी के उपचार में भी एक प्रमुख भूमिका निभानी है। इमरजेंसी ऐसा क्षेत्र जहां हमारी उपस्थिति नहीं है, लेकिन नेमिनाथ हॉस्पिटल आगरा के मेरे अनुभवों ने साबित कर दिया है कि होम्योपैथी इन सभी परिस्थितियों से निपटने के लिए अद्भुत परिणामों के साथ बहुत बेहतर है।

मेरी राय में होम्योपैथी ही स्वस्थ मानवता के लिए एकमात्र आशा है क्योंकि लाइलाज वायरस और अन्य बीमारियों के घातक हमले से रक्षा करने में होम्योपैथी ही सक्षम है।

-डॉ. प्रदीप गुप्ता

चेयरमैन, नेमिनाथ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर

कुबेरपुर, आगरा

मो. 8193896315

Dr. Bhanu Pratap Singh