राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी में अवैध निर्माण और कब्जे के खिलाफ एमसीडी ने बुधवार को बड़ा अभियान छेड़ा। इस पूरी कार्रवाई को हनुमान जन्मोत्सव शोभा यात्रा पर हमला करने वाले खिलाफ सख्त कदम के रूप में भी देखा गया। एनडीएमसी (उत्तर दिल्ली नगर निगम) की टीमें पूरी तैयारी के साथ जहांगीरपुरी पहुंची। पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों का भी पूरा बंदोबस्त था। कार्रवाई अभी शुरू ही हुई थी कि खबर आई कि सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति का आदेश दिया है। हालांकि जब तक आदेश पहुंचता, तब तक कार्रवाई जारी रही। बाद में इसके रोक दिया गया। कार्रवाई रोके जाने के बाद सवाल उठा कि ये कौन वकील हैं जिन्होंने आनन-फानन में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और स्टे का आदेश ले आए।
सोशल मीडिया पर चल रही जानकारी के मुताबिक यह काम किया है कपिल सिब्बल और दुष्यंत दवे ने। यह भी खबर है कि दोनों ने जमायत-उलेमा-ए-हिंद की पैरवी करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इसके बाद सोशल मीडिया पर कपिल सिब्बल का नाम ट्रेंड करने लगा। यूजर्स ने बताया कि कांग्रेस के शासनकाल में मंत्री रहे कपिल सिब्बल ने किस तरह इससे पहले राम मंदिर का विरोध किया था। एक यूजर ने लिखा, ‘Congress ने 55 साल मे पूरे system को corrupt कर रखा है। आज तक मैंने नहीं सुना है कि कपिल सिब्बल किसी सैनिक, गरीब हिन्दू के लिये केस लड़ा हो।’
एक अन्य यूजर ने लिखा, ‘फिर इन दंगाइयों को बल देने कांग्रेस आई सामने, इन जिहादियों के लिए कपिल सिब्बल लड़ेंगे सुप्रीम कोर्ट में केस, वहीं से इन पर कार्यवाही रोकने का आदेश जारी करवाया गया।’
-एजेंसियां
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