डब्ल्यूएचओ WHO की रिपोर्ट के अनुसार गतिहीन जीवनशैली गैर-संचारी रोगों (NCD) के मामलों को बढ़ा सकती है। इस रिपोर्ट में यह भी दावा किया जा रहा है कि विश्व स्तर पर, एनसीडी के लगभग 500 मिलियन नए मामले 2020 और 2030 के बीच सामने आएंगे। जिसमें से लगभग 47% मामले उन बिमारियों के होंगे जो हाई ब्लड प्रेशर, और 43% अवसाद से उत्पन्न होंगे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में शारीरिक गतिविधि 2022 पर वैश्विक स्थिति रिपोर्ट ग्लोबल एक्शन प्लान ऑन फिजिकल एक्टिविटी 2018–2030 (GAPPA) जारी की है। इसमें संस्था ने नियमित शारीरिक गतिविधि की आवश्यकता को हाईलाइट किया है।
इस रिपोर्ट में डब्ल्यूएचओ के प्रमुख डॉ टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने कहा है कि चलने, साइकिल चलाने, खेल और अन्य शारीरिक गतिविधियां न केवल खुद के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, बल्कि समाज, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए भी बहुत जरूरी है।
80 प्रतिशत किशोर फिजिकली एक्टिव नहीं हैं
WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, हर चार में से एक या इससे अधिक व्यस्क और 80 प्रतिशत किशोर शरीरिक गतिविधियां न के बराबर करते हैं। इसके साथ ही शारीरिक निष्क्रियता का स्तर लड़कियों में अधिक पाया गया है।
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट और कई शोध अध्ययनों के अनुसार, शारीरिक निष्क्रियता कई बीमारियों में एक परिवर्तनीय जोखिम कारक है। धूम्रपान और शराब के सेवन को कम करने की तरह, यदि कोई व्यक्ति दैनिक जीवन में अधिक घंटे प्रभावी शारीरिक गतिविधि को शामिल कर सकता है, तो कई बीमारियों को रोका जा सकता है।
हेल्दी लाइफ के लिए जरूरी है फिजिकल एक्टिविटी
WHO के अनुसार शारीरिक गतिविधि मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करने का काम करता है जिससे अवसाद, चिंता से बचाव के साथ ही बच्चों के दिमाग का डिवलपमेंट अच्छी तरह से होता है।
इसके साथ ही जो लोग नियमित शारीरिक गतिविधि करते हैं उनमें समय से पहले मृत्यु का जोखिम 20-30% , हृदय रोग अवसाद मनोभ्रंश का जोखिम 7-8%, टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम 5% तक कम होता है। इसके अलावा इससे हड्डियां और मांसपेशियां भी मजबूत होती है जिससे बुढ़ापे में विकलांगता और गिरने से होने वाली मौते के मामले भी कम हो सकते हैं।
कोविड-19 के जोखिम और भी ज्यादा हैं
दो साल से चल रही कोविड-19 की महामारी ने फिजिकल एक्टिविटी को कई गुना कम कर दिया है। जिससे बिमारियों के प्रति लोग अधिक संवेदनशील हो गए है। हालांकि महामारी के वजह से कई लोगों को इस बात का भी अनुभव भी हुआ है कि वह कितने अनफिट हैं और उन्हें एक्सरसाइज और बेहतर खान-पान की आवश्यकता है।
NCD का अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा असर
संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के मुताबिक रोकथाम योग्य गैर-संचारी रोगों (NCD) जैसे स्ट्रोक, हार्ट डिजीज, डायबिटीज, मेंटल हेल्थ, कैंसर के नए मामलों के इलाज की लागत 2030 तक लगभग 300 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगी, जो अभी सालाना लगभग 27 बिलियन अमेरिकी डॉलर है। जिससे सभी देशों का आर्थिक बोझ बढ़ जाएगा।
क्या है इस समस्या का उपाय
एक्सपर्ट बताते हैं कि इस समस्या का उपाय है ज्यादा से ज्यादा फीजिकल एक्टिविटी को प्रॉमोट करना और इसमें शामिल होना। इसके लिए जरूरी नहीं है आप भारी भरकम एक्सरसाइज करें। नियमित रूप से पैदल चलना, साइकिल चलाना, दौड़ना, सीढ़ियां चढ़ना, शारीरिक काम करना, आउट डोर गेम खेलना जैसी एक्टिविटी भी आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
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