शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले बाग़ी गुट की ओर से उन्हें भी साथ आने का प्रस्ताव मिला था.
संजय राउत ने समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में कहा, ”मुझे भी गुवाहाटी जाने का प्रस्ताव मिला था, लेकिन मैं बालासाहेब ठाकरे का अनुसरण करता हूं इसलिए मैं वहां नहीं गया.”
प्रवर्तन निदेशालय ने उनसे जो पूछताछ की उसके बारे में संजय राउत ने बताया, ”इस देश का एक ज़िम्मेदार नागरिक और सांसद होने के नाते मेरा ये कर्तव्य है कि जब देश की कोई भी जांच एजेंसी मुझे बुलाती है तो मैं उनके समक्ष जाकर बयान दूं. मुझे बुलाया गया, लोगों के मन में कुछ शंका है कि ये राजनीतिक दबाव में हुआ है लेकिन ऐसी कोई बात नहीं है.”
संजय राउत के अनुसार ”उनके मन में शंका थी, टाइमिंग की थोड़ी समस्या है कि यही टाइमिंग क्यों रखी. 10 घंटे तक मैं उनके साथ रहा, अधिकारी बहुत अच्छे से मेरे साथ पेश आए. मैंने सभी प्रश्नों का उत्तर दिया. मैंने उन्हें कहा कि अगर आपको लगता है कि मुझे वापस आना चाहिए तो मैं फिर आ जाऊंगा.”
शिवसेना के बाग़ी गुट के नेता एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली.
उसके बाद शुक्रवार को पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने के चलते एकनाथ शिंदे को पार्टी के नेता पद से हटा दिया था.
-एजेंसियां
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