Agra News: डिप्थीरिया से बचाव को चलाया जाएगा टीकाकरण अभियान

PRESS RELEASE

– 24 अप्रैल से 10 मई तक स्कूलों में जाकर किशोर-किशोरियों को लगाए जाएंगे टीके

– गलघोटूं(डिप्थीरिया) व टिटनेस के लगाए जाएंगे टीके

आगरा: बढ़ते हुए डिप्थीरिया के मामलों को देखते हुए जनपद में 24 अप्रैल से 10 मई तक विशेष टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। इसमें जनपद के सभी ब्लाक एवं शहरी क्षेत्रों के स्कूलों में जाकर कक्षा पांच (10 साल के बच्चे) एवं कक्षा 10 (16 साल के बच्चे) के बच्चों को टीडी का टीका लगाया जाएगा।

मुख्या चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि हर साल 24 अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच विश्व टीकाकरण सप्ताह मनाया जाता है। इसके तहत जनपद में 24 अप्रैल से 10 मई के बीच में स्कूल आधारित टीकाकरण अभियान चलेगा। उन्होंने बताया कि डिप्थीरिया (गलघोंटू) एक संक्रामक बीमारी है जो कि बैक्टीरिया के कारण होती है। इसलिए सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त एवं निजी विद्यालयों में अभियान चलाकर बच्चों को टीका लगाया जायेगा।

इस अभियान में शिक्षा विभाग सहयोग कर रहा है इसको लेकर जिला विद्यालय निरीक्षक और बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र जारी किया जा चुका है। इसके साथ ही आशा कार्यकर्ता और एएनएम को भी निर्देश दिए गये हैं कि शिक्षा विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर टीडी टीकाकरण से पहले अभिभावकों को मोबिलाइज करें। इसके अलावा टीकाकरण के बाद यदि कोई प्रतिकूल प्रतिक्रिया होती है तो उसके प्रबन्धन का इंतजाम भी टीकाकरण स्थल पर किया गया है।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ.उपेंद्र कुमार ने बताया कि अभियान के दौरान सभी विद्यालयों में कक्षा पांच में पढ़ने वाले बच्चों का टीडी-10 का और कक्षा 10 के बच्चों को टीडी-16 का टीका लगाया जायेगा। कुल 3676 विद्यालय के कक्षा-5 के 70893 व कक्षा-10 के 49235 बच्चों को टीडी के टीके लगाए जाएंगे।

डीआईओ ने बताया कि डिप्थीरिया का बैक्टीरिया नाक और गले की श्लेष्मा झिल्ली को प्रभावित करता है। संक्रमण के दो से चार दिनों के बाद ही इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं। यह बीमारी बच्चों को ही नहीं वयस्कों को भी प्रभावित करती है।

डिप्थीरिया के लक्षण-

डिप्थीरिया के लक्षण हैं, बुखार,जुकाम, सर दर्द, नाक का बहना, गले की ग्रंथियों में सूजन, कमजोर और कब्ज।

डिप्थीरिया से बचाव के उपाय-

इस बीमारी से बचाव का उपाय है टीकाकरण। डेढ़ माह, ढाई माह, साढ़े तीन माह में पेंटावेलेंट का टीका लगवाना। इसके बाद 16 से 24 माह और पांच से सात वर्ष की आयु के बीच में डीपीटी का बूस्टर लगवाना। इसके अलावा 10 और 16 साल की आयु में टीडी का टीका लगवाना ।

Dr. Bhanu Pratap Singh