उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र की सोमवार को हंगामेदार शुरुआत हुई. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विपक्ष की नारेबाजी और शोरगुल के बीच अभिभाषण पढ़ा. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा 11 बजे विधानमंडल के संयुक्त सदन में अभिभाषण शुरू करने से पहले ही समाजवादी पार्टी समेत विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी.
पार्टी के महासचिव शिवपाल सिंह यादव की अगुवाई में यह प्रदर्शन किया गया. विधानसभा के बाहर भी राज्य सरकार के खिलाफ सपा ने विरोध प्रदर्शन किया. शिवपाल सिंह यादव के नेतृत्व में सपा विधायक धरने पर बैठ गए. सपा के महासचिव शिवपाल ने कहा कि सपा चाहती है कि अधिक से अधिक सदन चले.
विपक्षी सदस्य ‘राज्यपाल वापस जाओ’ और ‘तानाशाही की यह सरकार नहीं चलेगी, नहीं चलेगी’ के नारे लगा रहे थे. इसी शोरगुल और हंगामे के बीच राज्यपाल ने अभिभाषण जारी रखा. राज्यपाल ने अपने अभिभाषण के दौरान पिछले दिनों लखनऊ में हुई ‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट’ और राज्य सरकार की अन्य विभिन्न उपलब्धियों का जिक्र किया जिसका मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत सत्ता पक्ष के सदस्यों ने मेज थपथपा कर स्वागत किया.
उत्तर प्रदेश विधानसभा का साल 2023 का यह पहला सत्र है. सत्र आगामी 10 मार्च तक संचालित किए जाने का कार्यक्रम है. सरकार वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट आगामी 22 फरवरी को विधानसभा में पेश करेगी.
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण के बीच सपा विधायकों ने वेल के नजदीक जाकर प्रदर्शन किया. सपा मुखिया अखिलेश यादव ने हाथ में जातीय जनगणना से जुड़ी तख्ती लेकर राज्यपाल के अभिभाषण का विरोध किया. सपा विधायकों ने अपने हाथ में जातीय जनगणना, बुलडोजर का आतंकवाद, कानून व्यवस्था की तख्तियां पकड़ी. वो महंगाई, बेरोजगारी का मुद्दा उठा रहे थे.
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