UP के डिप्टी सीएम, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष, कई मंत्रियों ने दो BJP सांसद हरद्वार दुबे को अन्तिम विदाई

UP के डिप्टी सीएम, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष, कई मंत्रियों ने दो BJP सांसद हरद्वार दुबे को अन्तिम विदाई

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आगरा: भाजपा के राज्यसभा सदस्य हरद्वार दुबे उन प्रमुख नेताओं में से थे, जिन्होंने जिले में पार्टी की नींव मजबूत करने का काम किया। आज 74 वर्ष की उम्र में उनके निधन की सूचना मिलने के बाद पार्टी और परिचितों में शोक की लहर दौड़ गई। उनकी अंतिम विदाई में शामिल होने के लिए उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक सहित कई मंत्री और पार्टी पदाधिकारी यहां पहुंच गए।

हरद्वार दुबे का निधन दिल्ली में प्रातः 4.30 बजे हुआ है। वहां से उनका पार्थिव शरीर यहां धौलपुर हाउस स्थित उनके आवास पर लाया गया। सांसद दुबे की अंतिम विदाई में शामिल होने के लिए उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी सहित कई मंत्री आगरा पहुंच गए हैं।

दुबे ने 1962 में आरएसएस प्रचारक के तौर पर शुरुआत की थी। वर्ष 1983 में वे महानगर इकाई के जिला मंत्री रहे और बाद में महानगर अध्यक्ष बने। कोठी मीना बाजार मैदान में भाजपा की वर्ष 1980 में स्थापना के बाद उस समय का सबसे बड़ा अधिवेशन का श्रेय भी उनको ही जाता है। वे दो बार आगरा छावनी से विधायक रहे। वे कुल चार चुनाव लड़े, जिसमें से दो में विजयी हुए। वहीं कल्याण सरकार में वे वित्त मंत्री रहे। नवंबर 2020 में संसद के उच्च सदन के सदस्य बने।

पूर्वांचल में जन्मे हरद्वार दुबे ने आगरा में भाजपा की नींव को मजबूत करने का काम किया। हरद्वार दुबे भाजपा के पांच पांडवों में से आखिर पांडव बचे थे। हरद्वार दुबे से पहले राजकुमार सामा, भगवान शंकर रावत, रमेशकांत लवानिया, सत्य प्रकाश विकल का निधन हो चुका है। इन सबको भाजपा का पांच पांडव कहा जाता था।

अमर उजाला पत्र समूह के पूर्व चेयरमैन अशोक अग्रवाल ने जताया शोक

अमर उजाला पत्र समूह के पूर्व चेयरमैन और प्रधान सम्पादक अशोक अग्रवाल ने दुबे के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि बेहद विनम्र हरद्वार दुबे यूं तो बलिया के रहने वाले थे लेकिन कर्मभूमि उन्होंने आगरा को बनाया। भाजपा के एक जुझारू कार्यकर्ता के रूप से लेकर शहर अध्यक्ष रहे। सबको चकित कर विधानसभा का टिकट ही नहीं हासिल किया बल्कि सीट जीत कर संस्थागत वित्त राज्य मंत्री भी बने। फिर बहुत समय तक पद विहीन रहते हुए भी वे कभी विचलित नहीं हुए। अपनी ही धुन में रहते हुए उन्होंने आश्चर्यजनक रूप से राज्यसभा का टिकट हासिल किया फिर जीत दर्ज की। अभी उन्हें और आगे बढ़ना था, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। प्रभु से प्रार्थना है कि दुबेजी को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और शोकाकुल परिवार को इस दुख को सहन करने की हिम्मत दें।

Dr. Bhanu Pratap Singh