- 6 राष्ट्रीय शहरी मिशन, मेट्रो, आरआरटीएस, सेंट्रल विस्टा के निर्माण में खासा योगदान, यूपी में विकास भवन बनवाए
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बारे में बताते हुए भावुक
- आगरा के जिलाधिकारी के रूप में ‘क्लीन आगरा-ग्रीन आगरा’ अभियान चलाया जिसकी गूंज सर्वत्र हुई
डॉ. भानु प्रताप सिंह
Live Story Time, Agra, Uttar Pradesh, India. आईएएस अधिकारी के रूप में 40 वर्ष तक सतत सेवा देने के बाद दुर्गा शंकर मिश्र सेवानिवृत्त हो गए। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव पद से अवकाश ग्रहण करने केबाद उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर भावुक और सभी को सीख देने वाली पोस्ट की। उन्होंने कहा- इस अमूल्य मानव जीवन को राष्ट्र सेवा में बगैर थके, बगैर रुके समर्पित करता रहूँगा।
बता दें कि दुर्गा शंकर मिश्र की गिनती तेजतर्रार आईएएस अधिकारी के रूप में की जाती है। वे जहां भी रहे, नवोन्मेष करते रहे। उत्तर प्रदेश के हर जिले में विकास भवन उन्हीं की सोच का परिणाम है। देश के छह राष्ट्रीय शहरी मिशन, मेट्रो, आरआरटीएस, सेंट्रल विस्टा (नया संसद भवन) के निर्माण में खासा योगदान है। आगरा वालों को वे आज भी भूले नहीं है। फोन पर हुई बाचतीत में जब मैंने सुझाव रखा कि आप अपनी आत्मकथा लिखिए तो उन्होंने हां कहा। यह भी कहा कि एक चैप्टर आगरा वालों पर भी होगा। बता दें कि उन्होंने आगरा में क्लीन आगरा-ग्रीन आगरा अभियान शुरू किया था। पॉलीथिन के नुकसान के बारे में भी उन्होंने प्रशासनिक मशीनरी के लिए संवेदीकरण कार्यशालाएं आयोजित कराई थीं।
दुर्गाशंकर मिश्र ने आगरा के जिलाधिकारी का पदभार ग्रहण करते समय पहली प्रेसवार्ता में कहा था- आगरा का विकास पर्यटन को ध्यान में रखकर किया जाएगा। इसके बाद आगरा में पर्यटन विभाग की महत्ता बढ़ी। शहर का सुंदरीकरण शुरू हुआ। चौराहे निजी संस्थाओं को गोद दिए गए। इससे पहले के सभी जिलाधिकारी आगरा की पानी और बिजली की समस्या दूर करने की बात कहते थे। ताज महोत्सव को उन्होंने नई ऊँचाई पर पहुंचाया। यमुना की तलहटी में संगीतकार यान्नी का कार्यक्रम कराया, जिससे ताजमहल की ब्रांडिग हुई। आगरा में हरे रंग के दिशासूचक दुर्गा शंकर मिश्र ने ही लगवाए थे। महात्मा गांधी रोड पर पैदल यात्रियों के लिए फुटपाथ बनवाया जिस पर अवैध कब्जे हो चुके हैं।
यहां पढ़ते हैं श्री दुर्गा शंकर मिश्र के मनोभाव
आज लगभग 40 वर्ष की भारतीय प्रशासनिक सेवा के सदस्य के रूप में अपने प्रदेश एवं राष्ट्र स्तर की विभिन्न ज़िम्मेदारियों का पूरे मनोयोग, श्रद्धा, समर्पण एवं सत्यनिष्ठा के साथ निर्वहन के उपरांत मैं सेवानिवृत्त हुआ हूँ। मेरी इस यात्रा में अपनी सेवा तथा राज्य/केंद्र स्तर की भिन्न-भिन्न सेवाओं के लोक सेवकों का बहुत ही बेहतरीन सहयोग, राजनीतिक बॉसेज का पूरा विश्वास एवं जनता का भरपूर भरोसा मिला। इसके लिए मैं हर एक का अपने दिल की गहराइयों से शुक्रगुज़ार हूँ।
मेरे पूज्य स्वर्गीय माता-पिता से मिले संस्कारों, धर्मपरायणता व जिंदगी के अनमोल मूल्यों तथा गुरुजनों के अपार स्नेह व शिक्षा ने मुझे जीवन की प्राणशक्ति प्रदान की तथा सही एवं ग़लत के अंतर को समझने में सहायता की। इनसे मुझे हमेशा देश की सेवा व भक्ति की प्रेरणा मिली।
मेरे परिवार के सभी सदस्यों- मेरी धर्मपत्नी, पुत्री व पुत्र ने इस सफ़र में मुझे बिना शर्त प्यार व सहयोग दिया है। ये मेरी सबसे बड़ी ताक़त हर वक्त बने रहे, ताकि मैं अपने कर्तव्य पथ पर अडिग व निर्भीक आगे बढ़ता रहूँ। मेरे दामाद जी व बहुरानी ने इसे और भी मजबूती दी। गाँव की पृष्ठभूमि से मैं एक बहुत बड़े परिवार से दिल से जुड़ा हूँ- हर किसी ने मेरी राष्ट्रसेवा धर्म पालन में बखूबी साथ दिया है।
परमपिता परमेश्वर की हर समय मुझ पर असीम अनुकम्पा रही। तभी तो मैं एक छोटे से गाँव के पेड़ों की छाया में पढ़ना प्रारंभ कर भारत सरकार में आवासन व शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव तथा उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव के गुरुतर उत्तरदायित्वों का निर्वहन कर सका।
मुख्य सचिव के रूप में मुझे मा. मुख्यमंत्री जी का पूरा भरोसा मिला। तभी अयोध्या धाम में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े कार्य, जो सेवाकाल के अविस्मरणीय योगदानों में एक है, प्रदेश को ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने हेतु तेजी से औद्योगीकरण, सुदृढ़ अवस्थापना विकास, हर क्षेत्र में तेज़ी से प्रगति इत्यादि मेरी हर ज़िम्मेदारी में मा॰ मुख्यमंत्री जी का अमूल्य मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।
मा. प्रधानमंत्री जी ने विगत एक दशक में लोकसेवकों की सोच, समर्पण व श्रद्धाभाव में आमूलचूल परिवर्तन लाया है। मुझे भारत सरकार में सचिव के रूप में उनका भरपूर आशीर्वाद व मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। मुझे उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला, जो लोकसेवा में अपनी भूमिका को और ज्यादा प्रभावी व तेज कर देता है। तभी तो मुझे 06 राष्ट्रीय शहरी मिशन, मेट्रो, आरआरटीएस, सेंट्रल विस्टा, नये संसद भवन का निर्माण इत्यादि कार्यों में अपनी पूर्ण क्षमता के मुताबिक़ योगदान देने का परम सौभाग्य प्राप्त हो सका।
आज मैं भारतीय प्रशासनिक सेवा से निवृत्त हो रहा हूँ। किंतु परमेश्वर की असीम कृपा से मिले इस अमूल्य मानव जीवन को राष्ट्र सेवा में बगैर थके, बगैर रुके अनवरत समर्पित करता रहूँगा। मा. प्रधानमंत्री जी के विकसित व आत्मनिर्भर भारत के विजन से पूरी तरह संकल्पित मैं नयी ऊर्जा, नये जोश और पूर्ण समर्पण के साथ अपने महान देश की सेवा कार्य आगे भी अलग तरीके से करता रहूँगा।
हृदय तल की गहराइयों से अपने लगभग 40 साल की लोकसेवा में पूरी क्षमता के साथ हर संभव योगदान देने में मुझे आशीर्वाद, मार्गदर्शन, सहयोग व स्नेह के लिए आज मैं हर किसी को धन्यवाद ज्ञापन करता हूँ। ऐसे तमाम सारे लोग जिन्होंने मेरी इस यात्रा में किसी भी प्रकार से मेरा हाथ पकड़ा है, एवं उनके योगदान को मैं यहाँ व्यक्त नहीं कर सका हूँ, उन्हें भी मैं तहेदिल से शुक्रिया अदा करता हूँ।
दुर्गा शंकर मिश्रा, पूर्व मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश
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