भारत के राम सुनो, कृष्ण महिमा एवं महिषासुर मर्दिनी का गायन
नटराज की पूजा, प्रतीक चिह्न और शॉल पहनाकर स्वागत किया
अंतरराष्ट्रीय ताजरंग महोत्सव के आठवें संस्करण में आने का आग्रह
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Agra, Uttar Pradesh, India. केन्द्रीय विदेश एवं संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने सचमुच कमाल ही कर दिया। वे नटरांजलि थिएयर आर्ट्स (एनटीए, आगरा) की निदेशक और लोकप्रिय रंगकर्मी अलका सिंह के गांव पथौली स्थित विष्णु विहार(वायु विहार) पहुंचीं। मंत्री ने अलका सिंह से विलुप्त हो रही लोक कला “भगत” का अनुश्रवण किया। ऐसा कुछ हुआ कि सुनती रह गईं। इतना ही नहीं बच्चों से भी देश भक्ति गीत से भारत के राम सुनो…, कृष्ण महिमा एवं महिषासुर मर्दिनी सुना। जब उन्हें भगत के बारे में बताया गया तो आश्चर्यित हो उठीं।
श्रीमती मीनाक्षी लेखी दो दिन से आगरा में हैं। आज उन्होंने लोक कलाकारों के घर जाकर उनका अभिनंदन किया। लोक कलाकार अलका सिंह के यहां पहुंची तो द्वार पर भारतीय परंपरानुसार तिलक, आरती और डफली बजा कर स्वागत किया गया। पुष्पवर्षा की गई। उनके कक्ष में पहुंची तो सर्वकलाओं के देवता नटराज का पूजन किया, फिर दीवान पर बैठ गईं। अपने आसपास महिलाओं को यह कहते हुए बैठाया कि अब मैं सुरक्षित रहूँगी। यह बात सुनकर हर कोई ठहाका लगा उठा।
अलका सिंह ने मंत्री को एक सुंदर स्मृति चिन्ह भेंट किया। शॉल पहनाकर स्वागत किया। उन्हें अपना जीवन परिचय भेंट करते हुए भगत के बारे में जानकारी दी। केन्द्रीय मंत्री ने पहली बार भगत का नाम सुना। अलका सिंह ने कहा कि भगत का प्रादुर्भाव आगरा में हुआ है। यह कला विलुप्त हो रही थी, जिसे पुनर्जीवन दिया गया है। भगत का कथ्य गायन शैली में होता है। भाजपा के जिलाध्यक्ष गिर्राज सिंह कुशवाहा और जिला महामंत्री संजय चौहान ने मंत्री को अवगत कराया कि भगत और रसिया भी लोकप्रिय है। रसिया का दंगल होता है और मौके पर ही लिखा जाता है। हजारों लोग पूरी रात सुनते हैं।
मंत्री मीनाक्षी लेखी ने भगत सुनाने का आग्रह किया। इस पर अलका सिंह ने सीता- लवकुश और विश्वमोहिनी प्रसंग सुनाया। इस दौरान किसी ने कुछ कहने का प्रयास किया तो मंत्री ने हाथ के इशारे से शांत रहने को कहा। वे अलका सिंह की भगत प्रस्तुति ‘अवध के राजा हैं श्री राम…’ सुनकर भावविभोर हो गईं। सबके मुखमंडल दैदीप्यमान हो रहे थे।
अलका सिंह ने मंत्री को अवगत कराया कि वे पिछले सात वर्ष से अंतरराष्ट्रीय ताजरंग महोत्सव करा रही हैं। इसमें भारत के सभी राज्यों के साथ सर्बिया, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, मलेशिया, मिस्र आदि देशों के लोक कलाकार आते हैं। अब तक हजारों कलाकार आ चुके हैं। यह भी अवगत कराया कि इस कार्य के लिए सरकार से कोई मदद नहीं लेती हैं। उन्होंने अपेक्षा की कि संस्कृति मंत्रालय साथ आए तो ताज रंग महोत्सव बड़े पैमाने पर आयोजित किया जा सकता है। उन्होंने आगामी सितम्बर माह में आयोजित होने वाले आठवें अंतरराष्ट्रीय ताज रंग महोत्सव के मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया। मंत्री ने कहा कि अगर पार्टी (भारतीय जनता पार्टी) ने कहीं और नहीं भेजा तो अवश्य ही महोत्सव में आएंगी। न आ सकीं तो वीडियो संदेश भेजेंगी।
वरिष्ठ पत्रकार डॉ. भानु प्रताप सिंह ने ‘ हिन्दू धर्म रक्षक वीर गोकुला जाट’ अपनी पुस्तक भेंट की तो मंत्री जी ने शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। मंत्री ने अलका सिंह के परिजनों और एन.टी.ए. आगरा के सहयोगियों के साथ प्रसन्नतापूर्वक फोटोग्राफी कराई।
इस अवसर पर गिर्राज सिंह कुशवाह (जिला अध्यक्ष), मानवेंद्र प्रताप सिंह (एमएलसी), संजय चौहान, सत्यप्रकाश लोधी जिला उपाध्यक्ष, सहदेव शर्मा मंत्री, जय सिंह छौंकर, मंडल अध्यक्ष किसान मोर्चा, दिव्यांशु मिश्रा (मीडिया प्रभारी युवा मोर्चा), ओम चौहान (किसान संघ मंत्री), मयंक सारस्वत (किसान संघ उपाध्यक्ष), नटरांजलि संस्था से रोहित कत्याल, लालाराम तैनगुरिया, भावना शर्मा, इंद्रा सारस्वत, राजबाला, राखी, रचना माहौर, राजदीप ग्रोवर, राजा खिरवार, राजी, रॉकस्टार खुशनव एवं अलका सिंह के माता पिता, भाई भाभियों संग गांव व कॉलोनी के लोग भी उपस्थित रहे।
कौन हैं अलका सिंह
जन्म स्थान
गाँव-पथौली, आगरा, मध्यम वर्गीय कृषक परिवार
जन्मतिथि 26 अगस्त् 1978
शिक्षा
बी.एस.सी.(विज्ञान), एम.ए.(गणित,हिंदी), एम.एफ.ए.(रंगमंच)& एम.फिल.(रंगमंच), (ब्रज-लोकनृत्य एवं कथक- डिप्लोमा)
संपर्क सूत्र +91 7983800504
Email [email protected]
शिक्षण कार्य
2007 से 2012 तक डा.भीमराव आंबेडकर विश्व विद्यालय में नाट्य विभाग के अध्यक्ष का दायित्व ।
उपलब्धियाँ
पिछले 22 वर्षों से राष्ट्रीय स्तर पर सतत् रंगमंचीय गतिविधियों के साथ देश भर में आयोजित होने वाली अखिल भारतीय बहुभाषीय नाट्य,नृत्य व संगीत प्रतियोगिताओं में सक्रिय भागीदारी करते हुये अभिनय व निर्देशन के क्षेत्र में सैकड़ों राष्ट्रीय – अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार एवं निर्णायक के तौर पर अहम भूमिका का दायित्व।
प्रमुख सम्मान
अंग अवार्ड -बरियारपुर पुर (बिहार) अस्मिता अवार्ड- चंदौली, मुगल सराय(उ.प्र.), कर्ण नाट्य भूषण- मुंगेर (बिहार), कला श्री – गिरिढ़ीह (झारखंड), नाट्य विदुषी सम्मान श्री – बरेली (उ.प्र.), नाट्य श्री – कटक (ओडिशा), डा.राम मनोहर लोहिया एक्सीलेंसी अवार्ड (दिल्ली), नाट्य रत्न – जगदलपुर (छत्तीसगढ़), पं.दीनदयाल उपाध्याय लोक गीत सम्मान 2017-18(फरह), आगरा नवरत्न-2016, नाट्य-शिल्पी- 2019, ‘नेपाल रोज बहिनी अग्रज नारी रत्न सम्मान’ जैसे और भी अनेकों सम्मान से सम्मानित, (लीडर्स आगरा सम्मान, 9 जनवरी 2022 आगरा), पंचागढ, बांग्लादेश (13,14&15 मई 2022) में शेख मुजीब की गोल्डन जुबली पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर भारत का प्रतिनिधित्व किया। झनकार ललित कला अकादमी द्वारा ढाका, बांग्लादेश में 56 वें वार्षिकोत्सव के अवसर पर 4 जनवरी 2023 को विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मानित, आगरा अमर उजाला अखबार के 75वें स्थापना दिवस ‘महोत्सव विश्वास का’ में ‘ये हैं आपके नायक’ में 17वां स्थान मिला।
अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्था का गठन
सन् 2006 में ‘नटरांजलि थियेटर आर्ट्स’ की स्थापना कर संस्था के बैनर तले सैकड़ों कलाकारों को रंगमंच के क्षेत्र में पारंगत किया ।
विलुप्त होती हुई कला ‘भगत’ की मुख्य कलाकार
सन् 2014 से आगरा की 400 वर्ष पुरानी व विलुप्त होती हुई प्राचीन व पवित्र लोक नाट्य विधा “भगत” से जुड़कर महिला मुख्य पात्रों :- माता सीता (सीता की अग्नि परीक्षा), महारानी (विश्व मोहिनी स्वयंवर), माधवी महारानी (महाराजा अग्रसेन का सच्चा समाजवाद, एक रुपया -एक ईंट), नरसी का भात (सूत्र-धार), महारानी रुक्मिणी (विप्र सुदामा ), कलयुगी बेटा (सूत्रधार), अग्रवंशम (सूत्रधार) का किरदार निभाया एवं विलुप्त होती हुई विधा को साधने पर स्थानीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर अनगिनत लोक कला सम्मान प्राप्त किये एवं ‘आगरा की भगत एक विश्लेषण’ के लिये सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केन्द्र, दिल्ली द्वारा जूनियर फैलोशिप मिल चुकी है ।
आगरा आकाशवाणी से प्रसारित होने वाले
युववाणी, ज्ञान रंजनी एवं ‘आसमां से आगे नारी’, ‘खाली समय में महिलाएँ सृजनात्मक क्या करें’, ‘बेटी बचानी हैं तो बेटों को भी दें संस्कार’, ‘कुटीर उद्योग महिलाओं के लिए बेहतर आय के साधन’ जैसे विषयों पर वार्तायें ।
निम्न तबके के गरीब बच्चों को रंगमंच के माध्यम से शिक्षा एवं स्वच्छता के साथ साथ व्यक्तित्व विकास भी कर रही हैं।
पिछले दो दशक में सैकड़ों कलाकारों को रंगमंच की शिक्षा दी जिसके उपरांत आज वे ही कलाकार फिल्मों एवं सीरियल में कार्य करके अपनी जीविका चला रहे हैं।
‘अंतर्राष्ट्रीय ताज रंग महोत्सव’ का 7 बार लगातार सफल आयोजन, जिसमें अब तक भारत के विभिन्न प्रांतों के हजारों एवं विदेशों से जैसे कनाडा, सर्बिया, श्री लंका, नेपाल, बांग्लादेश, आस्ट्रेलिया, मलेशिया, इजिप्ट आदि देशों के सैकड़ों कलाकारों को आगरा के मंच पर बुला चुकी हैं ।
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