डॉ. भानु प्रताप सिंह
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Agra, Uttar Pradesh, India. केंद्रीय विदेश एवं संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने आगरा में पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने हर सवाल का जवाब धाकड़पन के साथ दिया। मुगल म्यूजियम का नाम शिवाजी म्यूजियम किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा- मुगल दासता के प्रतीक थे, छत्रपति शिवाजी शौर्य के प्रतीक हैं। फतेहपुर सीकरी और ताजमहल में कुछ बड़ा होने का संकेत दिया। पत्रकार वार्ता में बड़ी संख्या में पत्रकार थे लेकिन सवाल पूछे सिर्फ तीन पत्रकारों ने। भारत को अखंड बनाने के सवाल पर भी जवाब दिया। पढ़ते हैं सवाल और जवाब।
वर्ग विशेष के लोग लगातार भारतीय संस्कृति पर लगातार हमला कर रहे हैं, क्या आपके विभाग की ओर से कुछ प्रयास चल रहा है?
कानून इन सब विषयों को संज्ञान में लेकर कार्रवाई करता है। समाज के जो विषय हैं, समझदार लोगों को सामने आकर जानकारी जनजागरण के माध्यम से फैलानी चाहिए ताकि इस प्रकार की चीजें न हों। जहां तक संस्कृति विभाग की बात है तो अयोध्या का राम मंदिर, काशी कॉरीडोर, उज्जैन, म्यूजियम की बात हो, हम सब जगह काम कर रहे हैं। पिछले नौ साल में देश में 120 संग्रहालय बने हैं।
दिल्ली में पहलवान का मुद्दा चल रहा है?
देश के अंदर कोई भी हो, हर केस के अंदर देश व्यवस्था से चलता है। कानून व्यवस्था तय करती है कि कौन ठीक और कौन गलत। मैं किसी को सर्टिफिकेट देने वाली नहीं हूँ।
विदेश मंत्रालय भारत को अखंड बनाने का प्रयास कर रहा है क्या?
विदेश मंत्रालय प्रतिनिधित्व भारत के बाहर का करता है और हम पूरे विश्व को भारत के साथ लेकर चलने का कार्य कर रहे हैं।
भारत के कई हिस्से विदेश हो गए हैं?
इस सवाल का जवाब नहीं मिला।
प्रतीकों की राजनीति बीजेपी बहुत अच्छे से करती है। मुगल म्यूजियम का नाम बदलकर शिवाजी म्यूजियम रख दिया। म्यूजियम के लिए दो साल से एक पैसा नहीं आया। आपके संज्ञान में है ये?
मेरे को ये जानकारी आपसे मिली है। संज्ञान में लेकर जो बनेगा, वह करेंगे। वह संग्रहालय हमारा है या राज्य सरकार का है, मुझे नहीं बता। आपको बतना चाहती हूँ कि इस देश में अगर मुगल प्रतीक थे, एक तरह से भारत की दासता के प्रतीक थे। छत्रपति शिवाजी ने लड़ाई करके उनको भी हराया था। प्रतीक शिवाजी भी हैं। आगरा फोर्ट में बंदी बनाकर रखे गए थे। वहां से निकाला गया था। वीरता के भी प्रतीक हैं। शौर्य के प्रतीक हैं। वे लोगों को बुराई से लड़ने की हिम्मत देता है। निर्दयी लोगों को प्रतीक मानते हैं तो मैं इस विषय में आपकी चिन्ता भी करूंगी। छत्रपति शिवाजी हम सबके लिए शौर्य का प्रतीक हैं जिन्होंने नृशंस शासकों के विरुद्ध काम किया, उस समय की बहन-बेटियों की इज्जत बचाने का काम किया। वे मेरे लिए बहुत माननीय हैं।
फतेहपुर सीकरी में कांग्रेस के समय खनन रुका। वहां जैन समाज की मूर्तियं मिली हैं। आपकी ओर से क्या हो रहा है?
मुझे यहां आकर पता चला कि वहां पर खुदाई में टीला निकला था। छबीली टीला को बंद कर दिया गया। वहां से मूर्तियां निकली थीं। इसे व्यवस्थित ढंग से करना है। सिर्फ छबीली टीला की बात नहीं है, देश में कई अन्य स्थानों पर भी ऐसा हुआ है।
आगरा में नाइट लाइफ को बढ़ावा देने के लिए मंत्री जी (प्रो. एसपी सिंह बघेल) प्रयास कर चुके हैं, ताजमहल को खुलवाने के लिए कोई प्रयास हुआ है क्या?
जो भी होगा, वह आपके माध्यम से सूचना सबको जाएगी।
मतलब प्रयास हो रहा है?
देखिए मैं सब लेकर जा रही हूँ अपने साथ। जब तक प्रशासनिक व्यवस्था में कोई कार्रवाई नहीं होती है, मैं कुछ नहीं कह सकती।
अटल जी के गांव के लिए तमाम प्रोजेक्ट कहे गए लेकिन धरातल पर कुछ नहीं हो पाया जबकि वहां बटेश्वर तीर्थस्थल भी है?
हमने बाबा साहब के पंचतीर्थ पर काम किया है। अटल जी हमारे बहुत बड़े प्रतीक हैं। उनके काम को कैसे पीछे छोड़ेंगे। शायद आपको भी भरोसा है कि ये काम हम ही कर सकते हैं और कोई नहीं कर सकता।
ये कब तक हो पाएगा?
मैं डवलपमेंट इंजीनियर नहीं हूँ।
दिल्ली में पहलवान संघर्ष कर रहे हैं?
मैं आपके प्रश्न का उत्तर दे चुकी हूँ। आपको समझ नहीं आया तो दोहरा देती हूँ- देश का कानून नियम बेटियों बेटों, भाइयों, पति, पत्नियों सबके लिए है। कोर्ट कचहरी सबके लिए है। कोर्ट कचहरी ही तय करेगी सच क्या है, झूठ क्या है, सही कौन है, गलत कौन है, हम उसका पालन करेंगे।
फतेहपुर सीकरी के आसपास आदि मानव के रॉक आर्ट्स हैं
जरूर होंगे। जब मैं फतेहपुर सीकरी रॉक आर्ट्स को देखने जाऊंगी, आपको साथ ले चलूंगी।
इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल, भारतीय जनता पार्टी के महानगर अध्यक्ष भानु महाजन, उत्तर प्रदेश सरकार में उच्च शिक्षा कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, पूर्व राज्यमंत्री डॉ जीएस धर्मेश, विधायक डॉ धर्मपाल सिंह, विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल, एमएलसी डॉ मानवेंद्र सिंह, राज्य महिला आयोग की सदस्य निर्मला दीक्षित, महामंत्री डॉ यादवेंद्र शर्मा, दिगंबर सिंह ढाकरे, महानगर मीडिया प्रभारी सुनील करमचंदानी, नवीन गौतम, गौरव शर्मा, रोहित कत्याल, अमित अग्रवाल प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
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