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बुधवार, 6 अक्टूबर 2021: पंचांग, दिशाशूल, राहुकाल, आगामी व्रत, त्योहार, आज अमावस्या, धन-धान्य व सुख-संम्पदा के लिए करें ये उपाय

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हमारे जीवन में ग्रह, नक्षत्र निश्चित रूप से प्रभाव डालते हैं। राहुकाल का भी प्रभाव होता है। इसी क्रम में पंचांग की महत्ता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, राहुकाल में अगर कोई शुभ कार्य न किया जाए तो उत्तम रहता है। इस कारण पंचाग के बारे में संपूर्ण जानकारी यहां दी जा रही है। साथ ही आज के इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाओं का संकलन है। इसके अलावा प्रसिद्ध हस्तियों के जन्मदिन के बारे में भी जानकारी मिलेगी। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए यह अत्यधिक उपयोगी बातें हैं। हम कामना करते हैं कि भगवान गणेश आपके सारे संकट दूर करें- वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभः, निर्विघ्नम् कुरुमे देव सर्वकार्येषु सर्वदा। 

आज का ज्ञान 

जब दीवारों में दरारें पड़ जाती हैं तो दीवारें गिर जाती हैं, लेकिन जब रिश्तों में दरार पड़ जाती है तो दीवारें खड़ी हो जाती हैं। 

    पञ्चाङ्ग

तिथि                        • अमावस्या १६:३४ तक

तदुपरांत                   • प्रतिपदा

मास                         • आश्विन कृष्ण पक्ष १६:३४ तक

तदुपरांत                   • आश्विन शुक्ल पक्ष

व्रत/पर्व/उत्सव         • श्री गणेश जी

                               • पितृ अमावस्या श्राद्ध

                               • अन्वाधन

सूर्योदय                    • ०६:१३ बजे

सूर्यास्त                    • १७:५९ बजे

चन्द्रोदय                   • नहीं है

चन्द्रास्त                    • १८:११ तक

दिनमान                   • ११घं ४५मि ५१से

मध्याह्न                    • १२:०६ बजे

रात्रिमान                  • १२घं १४मि ३८से

विक्रम संवत्            • २०७८ (आनंद)

शक संवत्               • १९४३ (प्लव)

कलि संवत्              • ५१२३  

सूर्य राशि                 • कन्या

सूर्य नक्षत्र                • हस्त

चंद्र राशि                  • कन्या

नक्षत्र पद                 • च१- हस्त ०६:४५ तक

                              • च२- हस्त १२:१८ तक

                              • च३- हस्त २३:२० तक

                              • च४- हस्त २८:४९+ तक

                              • च१- चित्रा

योग                        • ब्रह्म ०८:३३ तक

                              • इन्द्र २९:१२ तक

तदुपरांत                  • वैधृति

सर्वार्थसिद्धि योग      • ०६:१३ से २३:२०  तक

अमृत काल             • १७:४७ से १९:१६ तक

अभिजित मुहूर्त        • कोई नहीं

विजय मुहूर्त             • १४:०३ से १४:५० तक

गोधूलि मुहूर्त            • १७:४७ से १८:११ तक

ब्रह्म मुहूर्त                • २८:३५+ से २९:२४+ तक

दिशाशूल                 • उत्तर

राहुकाल                  • १२:०६ से १३:३४ तक

अग्निवास                • पृथ्वी १६:३४ तक

तदुपरांत                  • पाताल

स्थान: आगरा, उ.प्र. (स्थानानुसार ०५-२० मिनट -/+ अंतर सम्भव)*        

अग्रिम पर्व/व्रत/उत्सव/त्योहार

👉🏻 ०७ अक्टूबर गुरुवार, प्रतिपदा, नवरात्रि प्रारम्भ, घटस्थापना मुहूर्त ०६:१३ से ०७:०२ तक एवं ११:४२ से १२:२९ तक अभिजित मुहूर्त में।

👉🏻 ०९ अक्टूबर शनिवार, विनायक चतुर्थी।

👉🏻 १० अक्टूबर रविवार, उपांग ललिता व्रत।

👉🏻 ११ अक्टूबर सोमवार, स्कन्द षष्ठी, सरस्वती आवाहन, बिल्व निमंत्रण, कल्पारंभ, अकाल बोधन।

👉🏻 १२ अक्टूबर मंगलवार, सरस्वती पूजा, नवपत्रिका पूजा, अश्विन नवपद ओली प्रारंभ।

👉🏻 १३ अक्टूबर बुधवार, दुर्गाष्टमी, सरस्वती बलिदान, संधि पूजा।

👉🏻 १४ अक्टूबर गुरुवार, महानवमी, दुर्गा बलिदान, सरस्वती विसर्जन, आयुध पूजा।

👉🏻 १५ अक्टूबर शुक्रवार, विजयादशमी, दुर्गा विसर्जन, दशहरा, विद्यारंभ का दिन, बुद्ध जयंती, मध्वाचार्य जयंती।

👉🏻 १५ अक्टूबर शुक्रवार, पञ्चक प्रारंभ २१:१६ से पञ्चक अंत २० अक्टूबर १४:०२ तक।

धन-धान्य व सुख-संम्पदा के लिए

 हर अमावस्या को घर में एक छोटा सा आहुति प्रयोग करें।

🍛 सामग्री : १. काले तिल, २. जौं, ३. चावल, ४. गाय का घी, ५. चंदन पाउडर, ६. गूगल, ७. गुड़, ८. देशी कर्पूर, गौ चंदन या कण्डा।

🔥 विधि: गौ चंदन या कण्डे को किसी बर्तन में डालकर हवनकुंड बना लें, फिर उपरोक्त ८ वस्तुओं के मिश्रण से तैयार सामग्री से, घर के सभी सदस्य एकत्रित होकर नीचे दिये गये देवताओं की १-१ आहुति दें।

🔥 आहुति मंत्र 🔥

🌷 १. ॐ कुल देवताभ्यो नमः

🌷 २. ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः

🌷 ३. ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः

🌷 ४. ॐ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः

🌷 ५. ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः।

Dr. Bhanu Pratap Singh