कभी भारतीय क्रिकेट टीम का स्टार रहा यह प्लेयर अब पैसे-पैसे को मोहताज – Up18 News

कभी भारतीय क्रिकेट टीम का स्टार रहा यह प्लेयर अब पैसे-पैसे को मोहताज

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यही कोई 30 साल या उससे भी पुरानी बात रही होगी। जब विनोद कांबली ने अपने शुरुआती सात मैच में ही 793 रन बनाकर तहलका मचा दिया था। 1993 में जब कोई बल्लेबाज 113.29 की स्ट्राइक रेट से टेस्ट मुकाबलों में रन कूटे तो सोच लीजिए, बैटिंग कितनी विध्वंसक रही होगी। उस साल 224 और 227 उनका बेस्ट स्कोर था। अब भारतीय क्रिकेट टीम का वह स्टार प्लेयर बेरोजगारी से परेशान है। इतना परेशान कि अपना परिवार चलाने के लिए मैदान पर कैसा भी काम करने को तैयार है।

खस्ता हुई माली हालत

50 साल के कांबली को अब पहचानना थोड़ा मुश्किल लगता है। सफेद दाढ़ी और सिर पर हैट पहने जब वह एमसीए कॉफी शॉप में बीते दिनों पहुंचे तो काफी दुबले-पतले नजर आए। गले की गोल्ड चेन, हाथ का ब्रेसलेट, बड़ी सी घड़ी, सब-कुछ गायब थी। यहां तक कि मोबाईल फोन की स्क्रीन भी टूटी हुई थी। क्लब भी अपने किसी जानकार के साथ पहुंचे थे।

पेंशन से चलता है गुजारा

विनोद कांबली को बीसीसीआई से 30 हजार रुपये पेंशन मिलते हैं और यही उनकी कमाई का एकमात्र जरिया बचा है, इस बात के लिए वह बोर्ड के शुक्रगुजार भी है। आखिरी बार उन्होंने 2019 में मुंबई टी-20 लीग में एक टीम की कोचिंग की थी। जब कांबली की बात हो और सचिन का जिक्र न आए, ये कैसे हो सकता है। अपने हालातों पर बात करते हुए कांबली कहते हैं कि वह (तेंडुलकर) सब जानता है।

मैं सचिन से उम्मीद नहीं रखता

कांबली आगे कहते हैं कि ‘मैं उससे कुछ उम्मीद नहीं करता हूं, उसने मुझे TMGA (तेंडुलकर मिडलसेक्स ग्लोबल अकादमी) का कार्यभार दिया था। मैं काफी खुश था। वह मेरे बहुत अच्छे दोस्त रहे हैं। वह हमेशा मेरे साथ खड़े रहे। भारत के लिए साल 2000 में आखिरी बार खेलने वाले कांबली ने महज 17 मैच के बाद टीम से बाहर हो गए थे। 23 साल की उम्र में जब उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला तब उनका औसत 54 का था। मगर अफसोस कि वह दोबारा टीम में नहीं लौटे।

 

Dr. Bhanu Pratap Singh