दक्षिण अफ्रीका की क्रिकेट लीग में फ्रेंचाइजी खरीदना चाहती हैं ये IPL फ्रेंचाइजी

दक्षिण अफ्रीका की क्रिकेट लीग में फ्रेंचाइजी खरीदना चाहती हैं ये IPL फ्रेंचाइजी

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आईपीएल की चार फ्रेंचाइजी दिल्ली कैपिटल्स, चेन्नई सुपर किंग्स, मुंबई इंडियंस और राजस्थान रॉयल्स दक्षिण अफ्रीका की नई क्रिकेट लीग में फ्रेंचाइजी खरीदना चाहती हैं। इसके साथ ही इंग्लैंड के दिग्गज क्रिकेटर केविन पीटरसन की अगुवाई वाला एक संगठन भी इस लीग में फ्रेंचाइजी खरीदने का मन बना रहा है। इस लीग का आयोजन अगले साल जनवरी के महीने में किया जाएगा जिसमें छह टीमें होंगी, जो आपस में दो-दो मैच खेलेंगी। हर टीम को दूसरी टीमों के साथ एक मैच में अपने घरेलू मैदान में और एक मैच उनके घरेलू मैदान में खेलने का मौका मिलेगा।
इस लीग में कुल 30 लीग मैच होंगे। इसके बाद प्लेऑफ मुकाबले खेले जाएंगे। दक्षिण अफ्रीका का क्रिकेट बोर्ड तीसरी बार आईपीएल की तर्ज में अपनी क्रिकेट लीग शुरू करने की कोशिश कर रहा है। सबसे पहले 2017 में ग्लोबल लीग टी20 शुरू की गई थी, जो कि असफल रही। इसके बाद 2018 और 2019 में मजंसी सुपर लीग खेली गई। इसके बाद इसे भी बंद कर दिया गया।
दूसरी सर्वश्रेष्ठ लीग बनाने का सपना
दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड के सदस्यों की बैठक में साझा किए गए एक दस्तावेज के अनुसार दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड दुनिया की दूसरी सबसे बेहतरीन क्रिकेट लीग बनाने की कोशिश कर रहा है। इस दस्तावेज में कहा गया है कि सिर्फ आईपीएल ने ही सफलता के नए आयाम बनाए हैं। दुनिया की बाकी क्रिकेट लीग और आईपीएल के बीच बड़ा अंतर है। इसी वजह से दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड का उद्देश्य अपनी लीग को दुनिया की दूसरी सबसे बेहतरीन क्रिकेट लीग बनाना है।
सुंदर की हिस्सेदारी ने बढ़ाई रुचि
इस लीग में 57.5 फीसदी हिस्सेदारी दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड, 30 फीसदी हिस्सेदारी ब्रॉडकास्टर सुपरस्पोर्ट्स और 12.5 फीसदी हिस्सेदारी सुंदर रमन के पास है। सुंदर रमन ने आईपीएल की शुरुआत कराने में अहम योगदान दिया था। वो आईपीएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रह चुके हैं और बीसीसीआई के सबसे ताकतवर अधिकारियों में से एक थे।
कैसे होगी कमाई
दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड के अनुसार अगले 10 सालों में इस लीग के आयोजन में 56 मिलियन डॉलर (430.53 करोड़) का खर्च आएगा। वहीं, इस दौरान लीग के जरिए सिर्फ 30 मिलियन डॉलर (230.55 करोड़) की कमाई होगी। हालांकि, सुपर स्पोर्ट्स ने वादा किया है कि इस दौरान वह बोर्ड को 89 मिलियन (683.98 करोड़) रुपये देगा। इससे क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका और सभी फ्रेंचाइजी को फायदा होगा। यह रकम फ्रेंचाइजी और बोर्ड की बीच आधी-आधी बांटी जाएगी। इसके साथ ही कहा गया है कि यह लीग पहले दिन से ही दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट बोर्ड को फायदा पहुंचाएगी। इस वजह से यह पिछले दोनों प्रयासों से अलग है।
दो लीग में हो चुका है बड़ा नुकसान
दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड को जीएल टी20 के लिए कोई ब्रॉडकास्टर नहीं मिला था। इस लीग को एक सीजन बाद बंद करना पड़ा ता और बोर्ड को करोड़ों का नुकसान हुआ था। इसके बाद एमएसएल इवेंट के लिए एसएबीसी ने 1.6 मिलियन डॉलर की मामुली राशि दी थी। वहीं, इसके आयोजन का खर्च 12.7 मिलियन डॉलर के करीब था। इन दोनों लीग में नुकसान के बाद दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड के पास पैसे की कमी हो गई थी। इसी वजह से अफ्रीकी बोर्ड ने टी20 मार्केट से अपने कदम पीछे ले लिए।
अब दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड का प्लान है कि 2033 तक यह लीग स्थापित हो जाएगी और दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। टूर्नामेंट के 11वें साल तक सभी फ्रेंचाइजी दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड को अपनी कमाई का 20 फीसदी हिस्सा देंगी।
अगले पांच सालों में तीन आईसीसी इवेंट की मेजबानी करेगा अफ्रीका
दक्षिण अफ्रीका को अगले पांच सालों में तीन आईसीसी इवेंट की मेजबानी करनी है। जनवरी 2023 में महिला अंडर-19 टी20 विश्व कप का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद फरवरी में महिला टी20 विश्व कप होगा और 2027 में पुरुष वनडे विश्व कप की मेजबानी भी दक्षिण अफ्रीका को दी गई है। इसमें नामीबिया और जिम्मेबाब्वे में भी कुछ मैच खेले जाएंगे।
-एजेंसियां

Dr. Bhanu Pratap Singh