चोटिल खिलाड़ियों के लिए महत्‍वपूर्ण हैं आईपीएल, बीसीसीआई के ये सैलरी नियम

चोटिल खिलाड़ियों के लिए महत्‍वपूर्ण हैं आईपीएल, बीसीसीआई के ये सैलरी नियम

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नई दिल्‍ली। भारतीय तेज गेंदबाज और चेन्नई सुपर किंग्स के स्टार और सबसे महंगे खिलाड़ी दीपर चाहर चोटिल होकर आईपीएल 2022 के पूरे सीजन से बाहर हो चुके हैं। चाहर के 15वें सीजन से बाहर होने के बाद चर्चा जारी है कि सीएसके के इस गेंदबाज को मिलने वाली 14 करोड़ की रकम का क्या होगा? क्या उन्हें इसका भुगतान किया जाएगा या वह खाली हाथ रहेंगे?

तो इस संबंध में जानिए ये नियम

नियम के तहत अगर कोई खिलाड़ी आईपीएल में बिना एक भी मैच खेले पूरे सीजन से बाहर हो जाता है तो उसे नीलामी की रकम (सैलरी) नहीं मिलती है। हालांकि अगर खिलाड़ी आईपीएल के दौरान चोटिल होता है तो उसके इलाज का पूरा खर्चा फ्रेंचाइजी उठाती है और उसे नीलामी की रकम भी मिलती है। लेकिन यह नियम बीसीसीआई के अनुबंधित खिलाड़ियों के लिए थोड़ा अलग है। रिपोर्ट्स के मुताबिक अगर कोई खिलाड़ी टीम कैंप में रिपोर्ट करता है और सीजन शुरू होने से पहले चोटिल हो जाता है और आगे एक भी मैच में हिस्सा नहीं लेता है, तो वह नीलामी की रकम का 50 फीसदी पैसा पाने का हकदार है। इस मामले में मोहम्मद शमी और ड्वेन ब्रावो को इसका फायदा मिल चुका है। अगर कोई खिलाड़ी टूर्नामेंट के दौरान चोटिल हो जाता है, तो फ्रेंचाइजी उसके इलाज का पूरा खर्च उठाती है।

बीसीसीआई ने 2011 में लागू किया था नया नियम
भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने अपने अनुबंधित खिलाड़ियों के हित के लिए बीमा योजना को लागू किया है। इसके तहत अगर कोई खिलाड़ी केंद्रीय अनुबंध का हिस्सा है और चोट की वजह से आईपीएल के किसी सीजन में नहीं खेल पाता है तो उसे बीसीसीआई की तरफ से राशि का भुगतान किया जाएगा। साल 2011 से लागू किए गए इस नियम के तहत अगर बीसीसीआई के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से अनुबंधित कोई भी खिलाड़ी चोट के कारण आईपीएल शुरू होने से पहले ही पूरे सत्र से बाहर हो जाता है, तो इस स्थिति में खिलाड़ियों को नीलामी की रकम बीमा कंपनी के जरिए मिलेगी। बीसीसीआई अपने सभी अनुबंधित खिलाड़ियों का बीमा कराता है और अगर खिलाड़ी चोट के कारण सत्र से बाहर हो जाता है, तो बोर्ड बीमे की रकम से खिलाड़ियों को भुगतान करता है।

दीपक चाहर को मिलेगा फायदा
बीसीसीआई ने दीपक चाहर को पिछले साल उनके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बेहतर प्रदर्शन की वजह से सालाना अनुबंध की सूची में शामिल किया था। चाहर को बीसीसीआई ने ‘सी’ कैटेगिरी के तहत पिछले साल केंद्रीय अनुबंध दिया था, जिसके तहत उन्हें बोर्ड से सालाना एक करोड़ रुपये मिलते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक बीसीसीआई अपने सभी अनुबंधित खिलाड़ियों के बीमे की किश्त संबंधित कंपनी को नियमित रूप से जमा कराता है। ऐसे में दीपक को नियम के तहत बीमा कंपनी से अधिकतर रकम मिलेगी।

-एजेंसी

Dr. Bhanu Pratap Singh