दिव्यांगों के लिए आशा की किरण: आगरा विकास मंच और भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति की अनूठी पहल
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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. हिंदुस्तान समाचार पत्र ने जब Agra में विकासखंड बरौली अहीर के गांव खेड़ा पचगई, पचगई और पांच गई पट्टी पचगई (गढ़ी ठाकुर दास) के 139 दिव्यांगजनों की पीड़ा को उजागर किया, तो इस खबर ने समाज में संवेदनशीलता जगाई। इसी के मद्देनजर भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति, जयपुर और आगरा विकास मंच ने इन दिव्यांगजनों की सहायता के लिए आगे आने का संकल्प लिया।
आगरा विकास मंच के अध्यक्ष राजकुमार जैन और संयोजक सुनील कुमार जैन ने बताया कि जल्द ही इन गांवों में विशेष विकलांग सहायता शिविर आयोजित किया जाएगा, जहां दिव्यांगजनों को उनकी आवश्यकतानुसार जयपुर फुट, बैसाखी, कैलिपर्स जैसे सहायक उपकरण निःशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे। यह उपकरण न केवल उनकी शारीरिक कठिनाइयों को कम करेंगे, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर जीवन जीने की राह भी दिखाएंगे।
दिव्यांग उपकरणों की विशेषताएं:
श्री जैन ने बताया कि—
- जयपुर फुट: यह कृत्रिम पैर दिव्यांगों को सहजता से चलने-फिरने में सक्षम बनाता है। इसका हल्का वजन और लचीली संरचना इसे विशेष बनाती है।
- बैसाखी: जिन व्यक्तियों की टांगें कमजोर हैं या जिनकी एक टांग नहीं है, उनके लिए यह मजबूत सहारा प्रदान करती है।
- कैलिपर्स: यह पैर की विकृतियों को संभालने और चलने में मदद करने वाला एक महत्वपूर्ण उपकरण है।
रोजगार से आत्मनिर्भरता की ओर कदम
राजकुमार जैन और सुनील कुमार जैन ने आगे कहा कि “केवल उपकरण देना ही हमारा लक्ष्य नहीं है, बल्कि हम इन दिव्यांगजनों को रोजगार के साधन भी उपलब्ध कराएंगे, जिससे वे किसी पर निर्भर न रहें।” आगरा विकास मंच और भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न रोजगार योजनाओं पर भी कार्य कर रहे हैं।
112, जयपुर हाउस, आगरा में निशुल्क दिव्यांग केंद्र
आगरा विकास मंच द्वारा 112, जयपुर हाउस, आगरा में एक निःशुल्क दिव्यांग सहायता केंद्र भी संचालित किया जा रहा है, जहां जरूरतमंद दिव्यांगजनों को उचित सहायता प्रदान की जाती है। श्री जैन ने बताया कि “जो भी दिव्यांग इस केंद्र पर आएंगे, उन्हें हरसंभव मदद दी जाएगी।”
हिंदुस्तान समाचार पत्र का आभार
आगरा विकास मंच के अध्यक्ष राजकुमार जैन और सुनील कुमार जैन ने हिंदुस्तान समाचार पत्र का विशेष धन्यवाद देते हुए कहा कि “अगर हिंदुस्तान ने पचगई खेड़ा की इस दर्द भरी कहानी को समाज के सामने न रखा होता, तो यह पहल इतनी जल्दी संभव नहीं हो पाती। हम आश्वस्त करते हैं कि यह सेवा कार्य आगे भी निरंतर जारी रहेगा। हमारा लक्ष्य हर दिव्यांग को आत्मनिर्भर बनाना है।”
यह पहल न केवल दिव्यांगों को नई जिंदगी देने का कार्य करेगी, बल्कि समाज को भी उनके प्रति संवेदनशील और सहयोगी बनाएगी।
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