हास्य रचना का जमा रंग – जैसै कुत्तन है खबाई बैसै आपकूं खबाई- पद्मश्री भाटिया

हास्य रचना का जमा रंग – जैसै कुत्तन है खबाई बैसै आपकूं खबाई- पद्मश्री भाटिया

ENTERTAINMENT NATIONAL PRESS RELEASE REGIONAL साक्षात्कार

Mathura (Uttar Pradesh, India) मथुरा। सर्वजन वेलफेयर सोसायटी आगरा द्वारा प्रस्तुत “ब्रज की बोली, हास्य ठिठोली” वीडियो कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पद्मश्री मोहन स्वरूप भाटिया की ठिठोली – जैसे कुत्तन है खबाई बैसै आपकूं खबाई और अध्यक्ष डा.राजेन्द्र मिलन की ठिठोली “ट्वैंटी प्लस साठ कौ, घर कौ न घाट कौ”
का रंग तो खूब जमा ही किंतु सुशील सरित की गणेश वंदना तथा कोरोना बजमारे के साथ अमेरिका से डा.शशि गुप्ता की सरस्वती स्तुति तथा फ़सल खराब व्यंग ने भी मजा़ डाट दिया ।

वेबीनार पर “ब्रज की बोली – हास्य ठिठोली “
अन्य सहभागियों में हैदराबाद से डा.कुमुदबाला, अलीगढ़ से ममता गुप्ता के संग आगरा की डा.शशि गोयल, अशोक अश्रु, रमा वर्मा ‘श्याम’, प्रेम सिंह राजावत, शैल अग्रवाल ‘शैलजा’, मीरा परिहार, इंदल सिंह ‘इंदु ‘ने अपनी ब्रज बोली की बानगी से सभी उपस्थित काव्य रसिकों को हंसी-ठठ्ठे से ऐसा रस विभोर कर दिया कि हंसते-हंसते सभी दर्शकों के पेट में बल पड़ गए इस बार भी आनलाइन वीडियो ठिठोली का संचालन अनोखे ढंग से राहुल मिलन ने समय की प्रतिबद्धता के साथ सम्हाला। आयोजक प्रेम सिंह राजावत ने सभी उपस्थित लोग – लुगाइन का वंदन करते हुए हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित किया ।

Dr. Bhanu Pratap Singh

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