टाटा द्वारा एयर इंडिया का कायापलट शुरू, चेहरा चमकाने पर होंगे 37 करोड़ खर्च

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टाटा ग्रुप ने एयर इंडिया के कायापलट की शुरुआत कर दी है। टाटा के पास आते ही एयर इंडिया में कई बदलाव दिखने शुरू हो गए हैं। जानकारों का कहना है कि महाराजा का चेहरा चमकाने के लिए टाटा ग्रुप को अगले पांच साल में एयर इंडिया पर करीब पांच अरब डॉलर यानी 37,500 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे।
जानकारों की मानें तो एयर इंडिया को प्रॉफिट में लाने के लिए टाटा ग्रुप को अपनी तीनों एयरलाइन कंपनियों को मिलाकर एक करना होगा, टिकट की कीमत में कम से कम 15 फीसदी इजाफा करना होगा, नुकसान में चल रहे रूट्स बंद करने होंगे, पुराने विमानों को टाटा कहना होगा और इंटरनेशनल प्रोडक्ट्स पर फोकस करना होगा। उनका कहना है कि इंजीनियरिंग कॉन्ट्रैक्ट्स पर नए सिरे से काम करना और कर्मचारियों की छंटनी करना बड़ी चुनौती होगी।
सात दशक बाद घर वापसी
एयर इंडिया की करीब सात दशक बाद टाटा ग्रुप में घर वापसी हुई है। सस्ती विमान सेवा देने वाली दुनिया की सबसे बड़ी एयरलाइंस में शामिल एक कंपनी के बोर्ड मेंबर ने कहा, टाटा के पास एयर इंडिया को पटरी पर लाने की क्षमता है। अभी ग्रुप की तीनों एयरलाइन कंपनियां घाटे में चल रही हैं। अब यह टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन पर निर्भर करता है कि वह कैसे यह चमत्कार करते हैं।
मार्च के अंत तक एयर इंडिया का घाटा 83,916 करोड़ रुपये का था। इसी तरह एयरएशिया इंडिया का पिछले वित्त वर्ष में घाटा 1,532 करोड़ रुपये और विस्तारा का 1,612 करोड़ रुपये का था। एयर इंडिया को पटरी पर लाने के लिए सबसे बड़ा खर्च विमानों को नए सिरे से तैयार करने पर खर्च होगा। सरकार के साथ डील के मुताबिक एयर इंडिया के कर्मचारियों को एक साल तक बनाए रखना होगा।
कितने हैं कर्मचारी
एयर इंडिया के 12,085 कर्मचारी हैं। टाटा ग्रुप को एक साल तक उन्हें बनाए रखना होगा। अगर उनके बाद इन्हें निकाला जाता है तो इसके लिए एक वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम लानी होगी। इंडस्ट्री के एक जानकार ने कहा कि टाटा को ग्लोबल एविएशन मार्केट से एक अच्छा सीईओ लाना होगा। उसे कमा से कम 4-5 साल तक रहना होगा और कंपनी की परेशानियों को दूर करना होगा।
इंडस्ट्री के एक जानकार ने कहा कि टाटा को बोइंग 777 विमानों से पिंड छुड़ा लेना चाहिए क्योंकि वे ग्लोबल स्टैंडर्ड के मुताबिक नहीं हैं। ग्लोबल प्रोडक्ट बनाने के लिए एयरलाइन को चौड़ी बॉडी वाले विमानों की जरूरत है। मौजूदा विमानों को नए सिरे से तैयार करने में काफी खर्च आएगा। एयर इंडिया भारत में बोइंग की सबसे बड़ी कस्टमर है।
-एजेंसियां

Dr. Bhanu Pratap Singh