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तूफान और ओलावृष्टि से कराह उठा TaJ Mahal, पच्चीकारी के पत्थर निकले

INTERNATIONAL NATIONAL PRESS RELEASE REGIONAL

Agra (Uttar Pradesh, India) गत दिवस आई आँधी, बारिश, तूफान और ओलृष्टि से ताजमहल कराह उठा है। भारी नुकसान हुआ है। पच्चीकारी में लगे पत्थर उखड़ गए। मुख्य मकबरे की संगमरमर की रेलिंग और चमेली फर्श की लाल पत्थर की रेलिंग टूट गई। ताजमहल पर मिट्टी का लेप लगाने के लिए यमुना किनारे बांधी गई पाड़ गिर गई। तूफान 124 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति के साथ आया था। कोरोनावायरस के कारण ताजमहल 17 मार्च से बंद है।

पश्चिमी गेट पर भी नुकसान

ताज के पश्चिमी गेट पर भी आंधी ने तबाही मचाई है। यहां पश्चिमी गेट पर लगा विशाल दरवाजा ऊपरी खांचे का पत्थर टूटने से झूल गया। सीआईएसएफ के जवानों द्वारा उसे खड़ा किया गया। पश्चिमी गेट के बाहर सती उन्निसा के मकबरे के बाहर पर्यटकों की सुरक्षा जांच को लगाए गए डीएफएमडी अस्त-व्यस्त हो गए। शेड की फॉल सीलिंग गिर पड़ी है।

जालीदार रेलिंग टूटी

 आंधी में ताजमहल में यमुना किनारा की तरफ मुख्य मकबरे पर बंधी लोहे के पाइपों की पाड़ गिर पड़ी। पाड़ जिस हिस्से में गिरी उस हिस्से की प्लेटफार्म पर लगी संगमरमर की रेलिंग और उसके ठीक नीचे चमेली फर्श पर लगी रेड सैंड स्टोन की जालीदार रेलिंग टूट गई। चमेली फर्श पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) द्वारा पर्यटकों को यमुना किनारा की तरफ जाने से रोकने को सुरक्षा की दृष्टि से लगाई गई वुडन रेलिंग भी पाड़ गिरने से टूट गई है।

दो लोगों की मौत

सदर क्षेत्र में मकान ढहने से एक बालिका और फतेहाबाद में दो लोगों की मौत हो गई, करीब डेढ़ दर्जन लोगों के घायल होने की भी सूचना है। विभिन्न क्षेत्रों में बड़ी संख्या में पशु-पक्षियों की भी जान गई है। आगरा-बयाना रेल ट्रैक पर दो स्थानों पर पेड़ गिरने से श्रमिक स्पेशल ट्रेन को स्टेशन पर रोकना पड़ा।