सुप्रीम कोर्ट निर्णय आरक्षण

सुप्रीम कोर्ट के निर्णय SC-ST आरक्षण कोटा में कोटा का स्वागत, इसके विरोध में भारत बंद का विरोध, OBC में भी लागू किया जाए

PRESS RELEASE

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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. भारत के विभिन्न विमुक्त एवं घुमंतू एवं अर्धघुमंतू जनजातियों के संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट के एससी एवं एसटी के वंचित वर्गों के हित में पारित निर्णय (कोटा में कोटा विभाजन) का किया स्वागत। एससी एवं एसटी की ताकतवर जातियों द्वारा आगामी 21 अगस्त, 2024 को प्रस्तावित भारत बंद का किया पुरजोर विरोध। इस संबंध में डीएनटी पॉलिटिकल फ्रंट द्वारा अखिल भारतीय वर्चुअल मीटिंग का आयोजन किया गया। इसमें देशभर के प्रबुद्धजनों द्वारा विचार रखे गये। सभी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय सामाजिक बराबरी के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

 सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से वर्षों से वंचित अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के समुदायों को विकास की धारा में शामिल होने का अवसर प्राप्त हो सकेगा। एससी एवं एसटी के मलाईदार तबके, जो निरंतर कमजोर वर्गों का हक हड़पने के आदी हो चुके हैं, ने सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय का विरोध करना शुरू कर दिया है।

विद्वतजनों ने कहा कि ‌उनका यह तर्क पूरी तरह से बेमानी है कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के उप वर्गीकरण से इन वर्गों में फूट पड़ जायेगी। जबकि व्यावहारिक पक्ष यह है कि यदि बड़ा भाई छोटे भाई का हक निरंतर हड़पता रहेगा तो एक न एक दिन उनका  भाईचारा समाप्त हो जाएगा।

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विद्वानों ने कहा कि बहुत सी दलित एवं आदिवासी जनजातियां विमुक्त एवं घुमंतू जनजातियों में सम्मिलित हैं और उनको एससी, एसटी एवं ओबीसी का भी दर्जा भी प्राप्त है किंतु यह सर्वाधिक वंचित होने के कारण वे केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के लाभ से पूरी तरह वंचित हैं।

 विमुक्त एवं घुमंतू जनजातियों के संगठनों ने भारत सरकार से मांग की है कि वह सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को लागू करे। केन्द्र में ओबीसी कोटा के उपवर्गीकरण हेतु जस्टिस रोहिणी कमीशन द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट, विमुक्त एवं घुमंतू जनजातियों के लिए इदाते कमीशन द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ओबीसी कोटा का वर्गीकरण करने हेतु, ओबीसी सामाजिक न्याय समिति (जस्टिस राघवेन्द्र कमेटी) की रिपोर्ट शीघ्र लागू करें।

वर्चुअल मीटिंग में प्रो. एम सुब्बाराव, वाई श्रीनिवास, निम्माला वीरन्ना, डॉ. बीके लोधी, एडवोकेट डीपी राजभर, एडवोकेट डॉ. ओमकार नाथ कटियार, तरुन पवार, छत्रपाल अहेरिया, राकेश अहेरिया, रामदास (आईआरएस), दिलीप नारायण (आईआरएस), धीरज कुमार (एपीआई) आदि ने रखे। अखिल भारतीय वर्चुअल मीटिंग का आयोजन राजीव नारायण ने किया।

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Dr. Bhanu Pratap Singh