समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का ऐलान हो गया है। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले तैयारियां शुरू करने के लिए बड़े स्तर पर नेतृत्वकर्ताओं और कार्यकर्ताओं को काफी समय से इसका इंतजार था। इस लिस्ट के सामने आने से सबसे ज्यादा खुशी शिवपाल यादव और स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थकों को हुई है।
कार्यकारिणी में अखिलेश यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत किया गया है। किरनमय नंदा को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद मिला है। प्रो. रामगोपाल यादव राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव चुने गए हैं। इस लिस्ट के सबसे अहम नामों में शामिल शिवपाल सिंह यादव और स्वामी प्रसाद मौर्य को समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है।
स्वामी प्रसाद मौर्य इन दिनों रामचरितमानस विवादित बयान को लेकर काफी चर्चा में हैं। शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को मैनपुरी लोकसभा सीट जीतने में अहम भूमिका निभाई थी। आजम खान को भी सपा का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है।
सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शिवपाल यादव का नाम सबसे बड़ा माना जा रहा है। अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल में यूपी विधानसभा चुनाव 2017 के दौरान बड़ा विवाद हुआ था। विवाद इतना बड़ा था कि दोनों सपा चुनाव चिह्न के लिए कोर्ट तक पहुंच गए। इसके बाद दोनों के बीच काफी दूरी आ गई थी। तब शिवपाल यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) यानी एक नई पार्टी बना ली थी।
2022 विधानसभा चुनाव में बड़ी मुश्किल से अखिलेश और शिवपाल के बीच गठबंधन हुआ, लेकिन विवाद साफ नजर आता रहा। शिवपाल यादव इस बात से नाराज थे कि भतीजे अखिलेश ने उन्हें सम्मानजनक सीट नहीं दी। वहीं जब हाल में लोकसभा उपचुनाव हुए तब अखिलेश पत्नी डिंपल यादव को मैनपुरी से जीताने के लिए शिवपाल के घर तक पहुंच गए। डिंपल की जीत में शिवपाल यादव का सबसे बड़ा हाथ रहा। इसके बाद शिवपाल यादव 5 साल में पहली बार सपा कार्यालय पहुंचे। तभी से चर्चा थी कि अखिलेश यादव चाचा शिवपाल को पार्टी में बड़ा पद देंगे। रविवार को जारी लिस्ट में ये बात भी सही साबित हुई।
रामचरितमानत विवाद में फंसे मौर्य का कद बढ़ाया
सपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की लिस्ट में दूसरा बड़ा नाम स्वामी प्रसाद मौर्य का है। सपा नेता स्वामी प्रसादी मौर्य इन दिनों रामचरितमानत पर विवादित बयान देकर फंस गए हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य पर पिछले कुछ दिनों में लखनऊ समेत यूपी के कई जिलों में केस भी दर्ज किए गए। साथ ही विपक्ष समेत देश भर में उनके बयानों को लेकर काफी विरोध पैदा हो गया है। चर्चा हो रही थी कि अखिलेश यादव, स्वामी प्रसाद मौर्य की वजह से धर्म की राजनीति में नहीं फंसना चाहेंगे। हालांकि इसके बाद भी स्वामी प्रसादी मौर्य को अखिलेश यादव ने पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव बनाया है।
आजम खान पर अखिलेश यादव का भरोसा कायम
सपा की लिस्ट में तीसरा सबसे अहम नाम आजम खान का है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान पिछले दिनों जेल में रहे। योगी सरकार में उनके खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हुए। जेल बंद रहने के दौरान अखिलेश यादव को लेकर उन्हें काफी नाराजगी थी। आजम खान की जमानत होने के बाद भी कई बार मंच से दिए गए उनके भाषणों में भी ये दर्द साफ झलका। आजम खान के हाथ से रामपुर सीट भी निकल गई और उनका कद घटता गया। इन सबके बाद भी अखिलेश यादव ने आजम खान का पार्टी में बड़ा कद बरकरार रखा है।
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