Agra, Uttar Pradesh, India. पौधारोपण के मामले में आगरा ने एक World Record बनाया। ऐसा रिकॉर्ड जिसके बिना मानव जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। जी हां, पर्यावरण सुधार के लिए पौधारोपण का रिकॉर्ड। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि एक जुलाई, 2022 को चार महाद्वीपों एशिया, यूरोप, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया में 55000 से ज्यादा पौधे लगाए गए। यह काम किया स्फीहा- सोसाइटी फॉर प्रिजर्वेशन ऑफ हेल्थी एनवायरनमेंट एंड ईकोलोजी एंड हेरिटेज ऑफ आगरा ( SPHEEHA – Society for Preservation of Healthy Environment and Ecology and Heritage of Agra) ने। 1 जुलाई 2022 को अपने 16वें स्थापना दिवस पर यह विश्व कीर्तिमान बनाया। स्फीहा का मुख्यालय आगरा के दयालबाग में है। दयालबाग में हरित पट्टिका विकसित किए जाने के कारण यहां प्रदूषण का स्तर भी कम रहता है। खराब खबरों के दौर में यह अच्छी खबर मीडिया में दब गई।
नवीनतम अनुमानों के अनुसार, पृथ्वी पर लगभग 3 खरब पेड़ थे जो मानव सभ्यता की शुरुआत के बाद से लगभग आधे हो गए हैं। मानवीय गतिविधियों के कारण हम हर साल लगभग 10 अरब पेड़ खो रहे हैं। स्फीहा, एक पंजीकृत एनजीओ है, जिसने 2006 में आगरा, भारत से अपना संचालन शुरू किया था और आज दुनिया भर में 200 से अधिक स्थानों पर इसकी शाखाएं हैं। पर्यावरण और पारिस्थितकी के संरक्षण के लिए अपने उद्देश्यों और प्रतिबद्धताओं के एक हिस्से के रूप में स्थापना के बाद से वार्षिक पौधारोपण कर रहा है।
स्फीहा ने दुनिया भर में हजारों पौधे लगाए हैं। तीन साल तक भरपूर रखरखाव किया जाता है। पिछले 15 वर्षों में स्फीहा द्वारा लगाए गए पौधों में से लगभग 84 प्रतिशत सुरक्षित हैं। स्फीहा पहले से ही दयालबाग के वायुगुणवत्ता सूचकांक का अवलोकन कर रही है, जहाँ इसने पिछले 15 वर्षों में सुधार करते हुए पौधारोपण अभियान चलाया है। दयालबाग का औसत एक्यूआई स्तर लगभग 80 है, जबकि दो किलोमीटर दूर सिटी सेंटर में 150 है। स्फीहा ने 4 महाद्वीपों में 200 से अधिक स्थानों पर 55000 से ज्यादा पौधे लगाकर अपना सबसे बड़ा पौधारोपण अभियान चलाया है।
स्फीहा ने जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के ‘ आजादी का अमृत महोत्सव’ अभियान के तहत “विशेष प्रतिष्ठित सप्ताह” में भी भाग लिया, जजसमें आयुक्त, केंद्रीय माल और सेवा कर और केंद्रीय उत्पाद शुल्क, आगरा के कार्यालय के साथ पौधारोपण किया गया।
इस वर्ष के स्फीहा के पौधारोपण समारोह का उद्घाटन यमुना पंप- दयालबाग में किया गया। डीईआई विश्वविद्यालय की शिक्षा सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रो. प्रेम सरन सत्संगी साहब को 13-63 वर्ष आयु वर्ग के स्फीहा स्वयंसेवकों के लाइर्व बैंड द्वारा एक ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ प्रदान किया गया। फिर राष्ट्रगान के साथ भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया। उसके बाद अध्यक्ष राधास्वामी सत्संग सभा दयालबाग जी.एस. सूद, स्फीहा अध्यक्ष एम.ए. पठान और निदेशक डीईआई पी.के . कालरा ने स्फीहा के स्वयंसेवकों और 3 महीने से 6 वर्ष के आयुवर्ग के बच्चों द्वारा एक साथ पौधे लगाए गए।
पर्यावरण पर पेड़ों के प्रभाव को दर्शाने वाले 10-13 वर्ष के आयुवर्ग के आगरा के स्थानीय बच्चों द्वारा एक “नुक्कड़ नाटक” (स्ट्रीट प्ले) का प्रदर्शन किया गया। वन विभाग के सेवानिवृत्त अधिकारी डीके पांडे ने हिन्दी में कविता “वृक्ष की मानव से अपील” सुनाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। दुनियाभर के कई अधिकारी और गणमान्य व्यक्ति इस कार्यक्रम में इंटरनेट के माध्यम से शामिल हुए। कार्यक्रम का जीवंत प्रसारण का प्रबंधन स्फीहा मुख्यालय द्वारा किया गया था।
इस अवसर पर स्पीहा के अध्यक्ष एम ए पठान (इंडियन ऑयल कॉपोरेशन के पूर्व अध्यक्ष और टाटा संस के पूर्व निदेशक) ने कहा “स्फीहा पिछले 15 वर्षों की अपनी परंपरा को पर्यावरण में सुधार की अपनी प्रतिबद्धता के साथ जारी रखे हुए है। बहुत खुशी है कि इस साल हमने 55000 से अधिक पौधे लगाकर एक नया बेंचमार्क स्थापित किया है। हम आने वाले वर्षों में और अधिक करने की उम्मीद करते हैं।”
वैश्विक कार्यक्रम समन्वयक कर्नल आर के सिंह (सेवानिवृत्त ) ने कहा, “इस साल हमारा ध्यान हरित क्षेत्र में सुधार के साथ-साथ हर क्षेत्र में अधिक स्थानीय फल उगाने के दोहरे उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए अधिक से अधिक फलदार पेड़ लगाने पर रहा है। कार्यक्रम को स्फीहा उपाध्यक्ष राजीव नारायण, सचिव पंकज गुप्ता और गार्ड ऑफ ऑनर प्रभारी विनोद पाठक के साथ-साथ दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रीय प्रतिनिधियों के एक समूह द्र्वारा आयोजित किया गया था।
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