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प्रसिद्ध उद्योगपति पूरन डावर और डॉ. भानु प्रताप सिंह में कर्री मुठभेड़, कई रहस्य खुले, देखें वीडियो

BUSINESS NATIONAL PRESS RELEASE REGIONAL साक्षात्कार

Agra, Uttar Pradeshm India. प्रसिद्ध उद्योगपति पूरन डावर (Puran dawar) आगरा फुटवियर मैनुफैक्चरर्स एन्ड एक्सपोर्टर्स चैम्बर (Agra Footwear Manufacturers and Exporters Chamber- AFMEC एफमैक) के छठवीं बार निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं। वे जाने-माने जूता निर्यातक (Shoe exporters) हैं। केन्द्र सरकार को नीतियां निर्धारित करने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव देते हैं। एफमैक के माध्यम से आगरा में Agra Trade Centre की स्थापना कराई है, जो आगरा जूता उद्यम को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। साथ ही समाजसेवा (Social service) भी करते हैं। सक्षम डावर मेमोरियल ट्रस्ट के माध्यम से भूख के खिलाफ युद्ध (war against hunger) छेड़ रखा है। ताजमहल के शहर आगरा ( TaJ Mahal City Agra) में कई स्थानों पर 10 रुपये में शुद्ध और भरपेट भोजन उपलब्ध करा रहे हैं। अनेक छात्रों के स्कूल की फीस भरते हैं। अपनी दम पर जूता निर्यात के क्षेत्र में डावर फुटवियर (Dawar footwear agra) के नाम से एक साम्राज्य स्थापित किया है। लाइव स्टोरी टाइम ( livestorytime.com) के सम्पादक डॉ. भानु प्रताप सिंह (Dr Bhanu pratap singh editor) ने उनसे बातचीत। इस दौरान पूरन डावर की निजी जिन्दगी के अनेक रहस्य उजागर हुए। हमें यह भी पता चला कि पूरन डावर भीषण सर्दी के दौरान रोज स्नान करते हैं या नहीं। यह भी पता चला कि उन्होंने प्रेम विवाह किया है या घर वालों की मर्जी से। प्रस्तुत हैं बातचीत के मुख्य अंश-

डॉ. भानु प्रताप सिंहः आपको क्या पसंद है?

पूरन डावरः मुझे अपने उत्थान के साथ-साथ समाज का चिन्तन भी बहुत पसंद है।

डॉ. भानु प्रताप सिंहः आपको क्या नापसंद है?

पूरन डावरः समाज में जितनी कुरीतियां हैं, वे हमारे जीवन में जहर घोलती हैं। ऐसी चीजों से मैं हमेशा बचता हूँ। सत्य आधारित चीजें पसंद हैं।

डॉ. भानु प्रताप सिंहः क्या आप रोज स्नान करते हैं?

पूरन डावरः रोज स्नान करता हूँ।  भीषण सर्दी में भी।

डॉ. भानु प्रताप सिंहः पसंदीदा फिल्मी हीरो कौन है?

पूरन डावरः अमिताभ बच्चन।

डॉ. भानु प्रताप सिंहः पसंदीदा फिल्मी हीरोइन कौन है?

पूरन डावरः माधुरी दीक्षित।

डॉ. भानु प्रताप सिंहः सिनेमा हॉल में अंतिम फिल्म कब देखी?

पूरन डावरः डेढ़ -दो साल पहले देखी होगी।

डॉ. भानु प्रताप सिंहः क्या परिवार के साथ फिल्म देखी है?

पूरन डावरः अधिकांशतः पत्नी के साथ फिल्म देखता हूँ।

डॉ. भानु प्रताप सिंहः आपको खाने में क्या पसंद है?

पूरन डावरः खाना खाने से अधिक खाना बनाने का शौक है। अधिकांशतः सादा भोजन बना लेता हूँ। हर तरह का भोजन बना लेता हूँ। परांठा बनाता हूँ तो लगता है कि कोई सुघड़ गृहणी बना रही है।

डॉ. भानु प्रताप सिंहः क्या आपके खाने की तारीफ आपकी पत्नी ने की है कभी?

पूरन डावरः शादी के कुछ दिन बाद मैंने परांठा बनाया था। तब पत्नी ने कहा था कि मैंने आज तक ऐसा परांठा नहीं खाया। पत्नी को मेरे हाथ का खाना पसंद है। ऐसा कोई दिन नहीं जाता जब मैं किचन में न जाता होऊं।

डॉ. भानु प्रताप सिंहः क्या आपने अपनी पत्नी को कभी अपने हाथ से खाना खिलाया है?

पूरन डावरः अनेक बार, इसमें तो कोई बात ही नहीं है।

डॉ. भानु प्रताप सिंहः आपको किसके हाथ का खाना पसंद है, पत्नी या मां?

पूरन डावरः मां बहुत अच्छा खाना बनाया करती थीं। मेहमानों को भी उनके हाथ का खाना पसंद था। पत्नी की खाना बनाने में बहुत अधिक रुचि नहीं है। उनसे अधिक रुचि मेरी है खाना बनाने में। पत्नी का इतना ध्यान रहता है कि मैं कहीं ज्यादा तेल वाला खाना तो नहीं खा रहा हूँ और खाने में फैटी चीजें तो नहीं हैं। निगरानी पूरी है।

डॉ. भानु प्रताप सिंहः कॉलेज लाइफ के दौरान किसी लड़की से प्रेम हुआ?

पूरन डावरः नहीं।

डॉ. भानु प्रताप सिंहः किसी लड़की ने आपके निकट आने का प्रयास किया हो?

पूरन डावरः ऐसा कोई दृष्टांत याद नहीं है। आगरा कॉलेज में सात साल रहा। तब सादा जीवन था। गाली भी मुंह से नहीं निकलती थी। एक बार छोटी सी गाली साला दी थी, तो हर कोई कहने लगा कि एक बार फिर बोलो। तब फिल्म भी नहीं देखते थे। मंजूश्री में पहली बार स्वामी विवेकानंद से संबंधित फिल्म देखी।

डॉ. भानु प्रताप सिंहः कॉलेज की कोई लड़की मिल जाए तो आपका क्या रिएक्शन होगा?

पूरन डावरः कोई झिझक नहीं है बात करने में। बहन और भाभी की तरह बात कर सकते हैं।

डॉ. भानु प्रताप सिंहः क्या आपका प्रेम विवाह हुआ है?

पूरन डावरः नहीं, अरेंज मैरिज है।

डॉ. भानु प्रताप सिंहः क्या लड़की देखने गए थे?

पूरन डावरः हां जी, लड़की देखने गए थे बुलंदशहर।

डॉ. भानु प्रताप सिंहः लड़की देखने और शादी के बीच संवाद कैसे कायम किया?

पूरन डावरः बहुत ज्यादा संवाद नहीं हुआ। परिवार के साथ मेरठ या हरिद्वार गए तो मिलते हुए जाते थे।

डॉ. भानु प्रताप सिंहः भावी पत्नी से अकेले में मिलने की इच्छा नहीं हुई कभी?

पूरन डावरः ऐसा कुछ नहीं था।

डॉ. भानु प्रताप सिंहः क्या आपका कभी रिश्वतखोर अफसरों से पाला पड़ा है?

पूरन डावरः व्यापारिक जीवन है। आगरा और पूरे भारत में यह कोई नहीं कह सकता कि व्यापार चलाया हो और रिश्वत न दी हो। सिस्टम के साथ चलना पड़ता है और चले भी हैं।

डॉ. भानु प्रताप सिंहः आपके बारे में धारणा यह है कि आपने कभी रिश्वत नहीं दी है?

पूरन डावरः देखिए, कोई ऐसा कहता है तो अपने आप को झुठलाता है।

डॉ. भानु प्रताप सिंहः आपके जीवन का लक्ष्य क्या था?

पूरन डावरः हम सामान्य परिवार से थे। परिवार की इच्छा थी कि मैं बैंक अफसर बन जाऊं या कहीं नौकरी लग जाए। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का प्रोबेशन ऑफीसर की लिखित परीक्षा उत्तीर्ण की। इंटरव्यू में सलेक्ट नहीं हुए। न्यू बैंक ऑफ इंडिया की लिखित परीक्षा पास की। बैंक चेयरमैन तक पहुंच होने के बाद भी इंटरव्यू में सलेक्ट नहीं हुए। तब मेरे घनिष्ठ मित्र ने कहा- पूरन आज के बाद तुम कहीं इंटरव्यू देने नहीं जाओगे, ईश्वर ने तुम्हारे लिए कुछ अच्छा लिखा है। ये सत्य सिद्ध हुआ। हमारे परिवार ने कभी जूता व्यवसाय नहीं किया था। उस समय मैं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में काम करता था। इसी कारण राजकुमार सामा से भेंट हुई। उनसे मदद मिली। ईश्वर ने अच्छी सफलता दी। जूता निर्यात क्षेत्र में आ गए।

डॉ. भानु प्रताप सिंहः जूता कारोबारी के रूप में स्वयं को संतुष्ट पाते हैं क्या?

पूरन डावरः निश्चित रूप से आशा के अनुरूप सफलता मिली। आशा से अधिक सफलता मिली। ईश्वर का बहुत आभार है।

डॉ. भानु प्रताप सिंहः आगरा को आप किस रूप में देखते हैं?

पूरन डावराः आगरा में सम्भावाओं की कोई कमी नहीं है। आगरा के समुचित विकास की जरूरत है।

डॉ. भानु प्रताप सिंहः आपको आगरा का सांसद बना दिया जाए तो पहले पांच काम कौन से करेंगे?

पूरन डावरः पर्यटन, उद्योग, सड़कें वॉल टु वॉल, शहर साफ सुथरा, एक इन्फ्रास्ट्रक्चर एजेंसी हो ताकि सड़क बार-बार न खोदी जाए। यमुना नदी आगरा की जीवन है। कृष्णा थीम पार्क, डिजनीलैंड की अपार संभावना है।

डॉ. भानु प्रताप सिंहः जीवन की ऐसी कोई घटना, जिसे हमारे साथ शेयर करना चाहते हैं?

पूरन डावरः यदा-कदा किसी घटना ने विचलित किया, लेकिन वे दुर्घटनाओं की तरह हैं और उन्हें लेकर चिंतित रहेंगे तो निश्चित रूप से जीवन को नकारात्मक बनाएंगे। ईश्वर ने हमें आगे बढ़ना सिखाया है।

डॉ. भानु प्रताप सिंहः क्या ज्योतिष पर विश्वास करते हैं?

पूरन डावरः मैं मानता हूँ कि ज्योतिष विद्या है, लेकिन इसके लिए सही डाटा होना जरूरी है। मेरा पूरा विश्वास है लेकिन बहुत अधिक जानने का प्रयास नहीं किया। मेरे पास अपने जीवन का डाटा सही नहीं है। स्कूल में मेरे जन्म की तारीख 26 सितम्बर, 1951 लिखी है। बहन कहती है 1953 में जन्म हुआ था।

डॉ. भानु प्रताप सिंहः किस रंग के कपड़े अच्छे लगते हैं?

पूरन डावरः मुझे नीला रंग प्रिय है। वैसे मैं यलो को भी लकी कलर मानता हूँ।

डॉ. भानु प्रताप सिंहः आपकी सफलता का रहस्य क्या है?

पूरन डावरः सोच को सकारात्मक रखें। व्यवसाय को व्यवस्थित रखें। आज जो काम किया है, उसमें जो कमी आई है, वह कल न आने पाए। छोटी से छोटी कमी को इग्नोर न करें। ये छोटी-छोटी कमियां मिलकर बड़ी बन जाती हैं।