पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना के सपनों का देश अब युवाओं के लिए अंधकारमय हो गया है। पाकिस्तान के सबसे ज्यादा पढ़े लिखे युवा देश की बर्बाद हो चुकी अर्थव्यवस्था और टीटीपी जैसे आतंकियों के खूनी हमलों से परेशान होकर देश छोड़कर जा रहे हैं। इन पाकिस्तानी युवाओं को अपने सपनों को पूरा करने के लिए अब पाकिस्तान पर भरोसा नहीं रहा। ताजा आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल 8 लाख पाकिस्तानी युवकों ने देश को अलविदा कह दिया। कनाडा इन बेहद शिक्षित युवाओं का पसंदीदा ठिकाना बनकर उभरा है, जो अभी विदेशियों को बड़ी तादाद में बुला रहा है।
पाकिस्तान का भविष्य कहे जाने वाले ये युवा अब देश की तरक्की की बजाय विदेशियों की सेवा करेंगे। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी युवकों को अपना भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है। इसी वजह से 22 करोड़ की आबादी वाले इस मुल्क से 8 लाख युवा नौकरी की तलाश में विदेश चले गए हैं। यह आंकड़ा कोरोना काल के पहले से भी ज्यादा है। आंकड़ों के मुताबिक साल 2019 में 6,25,876 और उससे पहले 382,439 पाकिस्तानी देश छोड़कर गए थे।
पाकिस्तान में महंगाई चरम पर, जनता बेहाल
इमरान खान और शहबाज शरीफ के बीच चल रही सियासी लड़ाई, अर्थव्यवस्था का तबाह होना और टीटीपी जैसे आतंकी संगठनों का खूनी हमला पाकिस्तान के युवाओं का अपने देश पर से भरोसा तोड़ रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान से जो लोग शिक्षा और अन्य कारणों के नाम पर देश छोड़कर गए, वे अब तक नहीं लौटे हैं। पाकिस्तान की कमर तोड़ने में विनाशकारी बाढ़ ने भी बड़ी भूमिका निभाई। पाकिस्तान में इस समय महंगाई 24 प्रतिशत के उछाल के साथ आसमान छू रही है।
पाकिस्तान के ऊपर अब डिफॉल्ट होने का खतरा मंडरा रहा है और शहबाज सरकार दुनिया के आगे कर्ज की भीख के लिए गिड़गिड़ा रही है। पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच 1.1 अरब डॉलर के कर्ज के लिए अब फिर से बातचीत चल रही है। यह बातचीत पाकिस्तान के आईएमएफ की शर्तों को नहीं मानने के कारण लटक गई थी। शहबाज सरकार को आखिरकार आईएमएफ के आगे घुटने टेकने पड़े हैं। इस तरह से पढ़े लिखे युवकों का देश छोड़कर भाग जाना पाकिस्तान के लिए बड़ा संकट बन गया है।
हर तीन में से एक पाकिस्तानी की विदेश जाने की इच्छा
पाकिस्तानी मंत्री अहसान इकबाल कहते हैं, ‘इतने बड़े पैमाने पर युवाओं का देश छोड़कर जाना बहुत चिंता की बात है।’ गैलप के एक सर्वेक्षण के मुताबिक 30 साल के अंदर की उम्र का हर तीन में से एक पाकिस्तानी विदेश में नौकरी करना चाहता है। यह ट्रेंड यूनिवर्सिटी में पढ़े बच्चों में 50 प्रतिशत है। पाकिस्तान में रेकॉर्डतोड़ मंहगाई से लोगों के लिए अपने घर को चलाना मुश्किल हो गया है। इसी वजह से वे देश को छोड़कर जाना चाहते हैं।
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