Agra, Uttar Pradesh, India. रूस और यूक्रेन में युद्ध (Russia Ukraine War) छिड़ गया है। यूक्रेन की राजधानी कीव (kyiv) पर मिसाइल से हमले हो रहे हैं। अब तक सात नागरिकों के मारे जाने की खबर है। इस युद्ध के बीच उत्तर प्रदेश के दो स्टूटेंड फँस गई हैं। परिजन चिन्तित हैं।
आगरा और सहारनपुर की रहने वालीं
मारुति एस्टेट, आगरा निवासी लोकेन्द्र सिंह की पुत्री श्रेया सिंह यूक्रेन के इवानो फ्रेंक्विक्स शहर स्थित इवानो फ्रेंक्विक्स नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी (Ivano- Frankivsk National university Ukraine) से एमबीबीएस कर रही है। चतुर्थ वर्ष की छात्रा है। उसके साथ ही सहारनपुर के उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. गजेन्द्र सिंह की पुत्री नीहारिका सिंह भी इवानो फ्रेंक्विक्स में है। वह पंचम वर्ष की छात्रा है। दोनों रिश्ते की बहनें हैं।

क्यों नहीं आ पाईं
रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध की चर्चा लम्बे समय से चल रही है। भारत के छात्र बड़ी संख्या में यूक्रेन में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। इन्हें भारत वापस लाने के लिए यूक्रेन स्थित दूतावास ने प्रयास किए लेकिन विमानन कंपनियों का किराया आफत बन गया। आपातस्थिति होने के बाद भी किराया पहले 66 हजार रुपये, फिर एक लाख रुपये, फिर 1.40 लाख रूपये कर दिया। कोविड-19 महामारी के समय यही किराया 40 हजार रुपये था जबकि चार्टर प्लेन से आए थे। किराया अधिक होने के कारण छात्र वहीं रुके रहे। आमतौर पर किराया 22-25 हजार रुपये है। युद्ध के दौरान अनाप-शनाप किराया बढ़ा दिया। दूसरी आफत दुबई और टर्की एयरवेज के कारण हुई। टर्की की एक एयरवेज ने भी एक लाख रुपया किराया लिया। छात्रों को टर्की ले जाया गया। वहां से भारत आना था। ट्रांजिट वीजा नहीं बना। इस कारण छात्रों को वापस यूक्रेन भेज दिया गया। इसके भी 40 हजार रुपये वसूले गए।
ऑफलाइन क्लास के कारण समस्या
यूक्रेन में कक्षाएं ऑफलाइन चल रही हैं। भारत के छात्रों ने मांग की थी कि ऑनलाइन कक्षाएं चलाई जाएं ताकि वे अपने देश में रहकर पढ़ाई कर सकें। यूक्रेन में छात्रों की शतप्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है। अगर एक दिन की भी अनुपस्थिति होती है तो बहुत मुश्किल हो जाती है। इस कारण भी छात्र लौटने को तैयार नहीं हुए। छात्रों को अभिभावकों ने भारतीय दूतावास कीव (Embassy of India kyiv) से अनुरोध किया कि ऑनलाइन कक्षाएं शुरू की जाएं। दूतावास ने विश्वविद्यालय को लिखा लेकिन वहां से इनकार कर दिया गया। अब यूक्रेन के शिक्षा मंत्री से अनुरोध किया गया है, जहां से सकारात्मक जवाब मिला है।
यूक्रेन में सुरक्षा इंतजाम
श्रेया सिंह की मां संतोष राजपूत (समाजसेवी) ने बताया कि यूक्रेन में सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं। बहुमंजिली इमारतों के नीचे बंकर बनाए जाते हैं, जिन पर बम का भी असर नहीं होता है। छात्राएं वहां सुरक्षित हैं लेकिन जो छात्रावास में रह रही हैं, वे खतरे में हैं। उन्होंने मांग की है कि भारत सरकार यूक्रेन से भारतीय विद्यार्थियों को अपने व्यय पर वापस लाए।
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