यूक्रेन पर रूस के हमले का 10वां दिन: कानून बनाकर रूस ने युद्ध की रिपोर्टिंग को किया सेंसर, यूक्रेन के राष्ट्रपति ने पश्‍चिमी देशों की निंदा की

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यूक्रेन पर रूस के आक्रमण का आज 10वां दिन है. अब तक क्या-क्या हुआ, उस पर एक नज़र:
हमले के बाद से मारे गए नागरिकों की कुल संख्या अब तक स्पष्ट नहीं है लेकिन संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी का कहना है कि 24 फ़रवरी को शुरू हुए हमले के बाद से अब तक 10 लाख से ज़्यादा लोग यूक्रेन छोड़कर जा चुके हैं और लाखों देश छोड़ने की कोशिश में हैं.
नाइपर नदी और ब्लैक सी के संगम स्थल के पास स्थित यूक्रेन का ख़ेरसोन शहर सबसे पहले रूस के कब्ज़े में आया.
रूसी मिसाइलें यूक्रेन की राजधानी कीव और दूसरे सबसे बड़े शहर ख़ारकीव को निशाना बना रही हैं. वहीं, सड़क से कीव तक जा रहे रूस का विशाल सैन्य काफ़िला फिलहाल रुका हुआ है.
मारियुपोल का दक्षिणी बंदरगाह रूस ने घेर लिया है और अब उसके सैनिक दूसरे बंदरगाह की ओर बढ़ रहे हैं. दोनों पर रूस के कब्ज़ा करने से यूक्रेन का समुद्री रास्ता अवरुद्ध हो जाएगा.
रूसी सेना ने शुक्रवार को घंटों तक गोलाबारी करने के बाद यूरोप के सबसे बड़े ज़ेपोरज़िया परमाणु संयंत्र पर कब्ज़ा कर लिया था. इसके बाद से विश्व के नेताओं में चिंता बढ़ गई है, जिनका कहना है कि हमले से तबाही मच सकती है.
चेर्नोबिल प्लांट, जहां 1986 में परमाणु घटना घटी थी, वो भी अब रूस के नियंत्रण में है. ये प्लांट अब बंद हो चुका है.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदोमीर ज़ेलेंस्की ने अपने देश पर नो-फ़्लाई ज़ोन लागू करने से लगातार इंकार करने के लिए पश्चिम देशों की निंदा की है. उन्होंने पश्चिम देशों से कहा है, “जो लोग मरेंगे वे आपकी वजह से मरेंगे.”
अमेरिका और यूरोपीय संघ ने रूस पर कई प्रतिबंध लगाए हैं, जिसके बाद रूबल की कीमत में गिरावट दर्ज की गई है, साथ ही रूस में कारोबार और निवेश को भी झटका लगा है.
बीबीसी सहित कई स्वतंत्र मीडिया घरानों ने रूस में आए नए क़ानून को देखते हुए वहां काम रोक दिया है. नए क़ानून के तहत यूक्रेन में युद्ध की रिपोर्टिंग को सेंसर किया गया है.
सैमसंग, एयरबीएनबी और कार्टियर जैसी अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों ने भी रूस को निर्यात और वहां काम बंद कर दिया है.
मारियुपोल शहर को रूसी सेना ने घेरा
रूस ने अब यूक्रेन के सबसे बड़े बंदरगाह वाले शहर मारियुपोल शहर की घेराबंदी की हुई है.
मारियुपोल में क़रीब 4 लाख 50 हज़ार लोगों की आबादी रहती है. यूक्रेन के दक्षिण में बसा ये शहर क्राइमिया के नज़दीक है और रूसी सीमा से भी क़रीब है.
लुहांस्क और दोनेत्स्क में रूस समर्थित विद्रोहियों को क्राइमिया में मौजूद सेना में शामिल होने के मकसद से भी ये शहर अहम है. अगर ये शहर रूसी सेना के कब्ज़े में आ गया तो इससे क्राइमिया को दोनेत्स्क और लुहांस्क के साथ जोड़ा जा सकेगा.
रूसी सेना ने शहर को घेर लिया है और लगातार जारी हमलों की वजह से यहां बिजली और पानी की आपूर्ति ठप हो गई है. शहर के अधिकारियों ने यहां मानवीय संकट पैदा होने की आशंका ज़ाहिर की है.
रूसी सेना कर रही क्रूर हमले: मारियुपोल के मेयर
यूक्रेन के बड़े शहरों में से एक मारियुपोल के मेयर वेदिम बोइचेन्को ने कहा है कि रूसी सेना ने शहर के घेराबंदी कर दी है और ‘क्रूर हमले’ कर रही है जिससे लोगों को बचाने के लिए मानवीय कॉरिडोर की ज़रूरत है.
बोइचेन्को ने कहा कि वो संघर्षविराम चाहते हैं और चाहते हैं कि एक मानवीय कॉरिडोर बनाया जाए, ताकि खाने और पानी की व्यवस्था की जा सके और लोगों के लिए ज़रूरी दवाओं की भी आपूर्ति की जा सके.
बोइचेन्को इससे पहले यहां मानवीय त्रासदी की चेतावनी दे चुके हैं. शहर पर गुरुवार से ही रूसी सेना के हमले जारी हैं.
ये शहर क़रीब 4 लाख 50 हज़ार लोगों का ठिकाना है. रूसी हमलों के बीच यहां बिजली और पानी की सप्लाई काट दी गई है.
मारियुपोल में यूक्रेन का सबसे बड़ा बंदरगाह है और रणनीतिक तौर पर बेहद अहम माना जाता है.
अगर ये शहर रूसी सेना के कब्ज़े में आ गया तो इससे क्राइमिया को दोनेत्स्क और लुहांस्क के साथ सड़क संपर्क के ज़रिए जोड़ा जा सकेगा. दोनेत्स्क और लुहांस्क रूस समर्थित अलगाववादियों के कब्ज़े वाले इलाक़े हैं.
इस बीच मिल रही अपुष्ट ख़बरों के अनुसार उत्तरपूर्व में बसे शहर सूमी और ख़ारकीव के एक ट्रेन स्टेशन पर भी रॉकेट हमला हुआ है.
-एजेंसियां

Dr. Bhanu Pratap Singh