दर्दनाक सड़क हादसे में दो युवक की मौके पर मौत

ड्राइवर की झपकी व थकान से हो रही मौतें, 2017 से परिवहन मंत्रालय नहीं दे रहा जानकारी, सड़क सुरक्षा एक्टिविस्ट केसी जैन की नितिन गडकरी को चिट्ठी

लेख

झपकी और थकान से होने वाले सड़क हादसों की जाकारी नहीं, सूचना के अधिकार से हुआ खुलासा

थकान, नींद और बीमारी के कारण होने वाले सड़क हादसों के आँकड़े वर्ष 2017 से केन्द्रीय सड़क परिवहन व हाईवे मंत्रालय द्वारा इकट्ठा करना बन्द कर दिया है। इससे पूर्व वर्ष 2015 व 2016 में यह आँकड़े एकत्र कर परिवहन मंत्रालय द्वारा अपनी वार्षिक रिपोर्ट में प्रकाशित किये जाते रहे हैं। यह खुलासा सूचना अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत केन्द्रीय परिवहन मंत्रालय के ट्रांसपोर्ट रिसर्च विंग के द्वारा दी गयी हालिया सूचना दिनांक 06 जून से हुआ है। यह सूचना वरिष्ठ अधिवक्ता एवं सड़क सुरक्षा एक्टिविस्ट केसी जैन को प्राप्त हुई है।

प्राप्त हुई सूचना में यह भी बताया है कि थकान, नींद व बीमारी के कारण वर्ष 2015 में 3081 हादसे हुये थे जिसमें 706 व्यक्तियों की मृत्यु हो गयी थी और 3383 घायल हुये थे। वर्ष 2016 में भी इन्हीं कारणों से 4552 सड़क हादसे हुये थे जिसमें 1796 व्यक्तियों की मृत्यु हुई और 4685 व्यक्ति घायल हुये। सूचना में यह स्पष्ट रूप से बताया गया है कि वर्ष 2017 से थकान, नींद व बीमारी के कारण होने वाले सड़क हादसों का विवरण इकट्ठा करना रोक दिया गया है लेकिन उसका कोई कारण नहीं बताया गया केवल यह कहा गया कि सूचनाओं के प्रारूप में परिवर्तन के कारण यह हुआ है।

 

वर्ष नींद या थकान या चालक के बीमार होने के कारण दुर्घटनाओं की संख्या नींद या थकान या चालक के बीमार होने के कारण होने वाली मौतों की संख्या नींद या थकान या चालक के बीमार होने के कारण घायल व्यक्ति
2015 3081 706 3382
2016 4552 1796 4685

अधिवक्ता जैन ने बताया कि केन्द्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय प्रतिवर्ष सड़क हादसों को लेकर रिपोर्ट प्रकाशित करता है जो हादसों के विभिन्न कारणों औैर नजरियों पर प्रकाश डालते हैं। वाहन चालकों की थकान, नींद व बीमारी सड़क हादसों का एक बड़ा कारण है जो वाहन यात्रियों व पैदल यात्रियों के लिए एक व्यापक खतरा है। इस प्रकार के डेटा का संग्रह करने और प्रकाशित न करने से सड़क हादसों के कारणों की समझ कमजोर होती है और हादसों को रोकने के लिए अपनाये जाने वाले उपायोें को भी प्रभावित करती है। इसके लिए यह आवश्यक है कि इन कारणों से होने वाले हादसों की संख्या व स्थान आदि का वार्षिक रूप से संकलन किया जाये जैसा कि वर्ष 2017 के पूर्व होता था।

 

इस मुद्दे को लेकर अधिवक्ता जैन ने केन्द्रीय सड़क व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र दिनांक 08.06.2023 प्रेषित किया है जिसमें यह भी उल्लेख किया है कि यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (येडा) से जो सूचना अधिकार में वर्ष 2012 से लेकर 2023 तक के आँकड़े सड़क हादसों के प्राप्त हुये हैं उससे जाहिर हुआ है कि 44 प्रतिशत से अधिक सड़क हादसे वाहन चालकों को नींद आने के कारण हुए हैं।

यह स्थिति केवल यमुना एक्सप्रेसवे तक ही सीमित नहीं है बल्कि अन्य एक्सप्रेसवे व राष्ट्रीय राजमार्गों में भी है जिसको लेकर केन्द्र सरकार को सक्रियता अपनानी है। नींद या थकान के कारण होने वाले सड़क हादसों के आँकड़े काफी महत्वपूर्ण हैं जो साक्ष्य आधारित नीतियों और कदमों को उठाने के लिए आवश्यक है।

अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी नींद और थकान से होने वाले हादसों को कम करने के लिए काफी काम हुआ है, लेकिन हमारे देश में जब इन कारणों से होने वाले हादसों के आँकड़े न तो इकट्ठे किये जाते हैं और न ही प्रकाशित किये जाते हैं, तो सुधार कैसे हो सकता है।


केन्द्रीय मंत्री को भेजे गये पत्र में अधिवक्ता जैन ने कहा कि थकान व नींद के कारणों से होने वाले सड़क हादसों की संख्या इकट्ठी की जाये ताकि उन्हें कम करने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा प्रभावी नीति बनायी जा सके औेर आवश्यक कदम उठाये जा सकें। यह भी जरूरी है कि इस तरह के होने वाले हादसों के सम्बन्ध में जागरूकता अभियान चलाया जाये ताकि वाहन चालक थकान या नींद से होने वाले हादसों को समझ सकें और पर्याप्त नींद, ब्रेक आदि जैसे रोकथाम के उपायों को प्रचारित किया जा सके ताकि थकान सम्बन्धी होने वाले हादसों की घटनाओं की संख्या में कमी लायी जा सके। मानव जीवन की सुरक्षा के लिए यह कदम उठाया जाना भी अति आवश्यक है।

Dr. Bhanu Pratap Singh