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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. विश्वविद्यालय पुरातन छात्र प्रकोष्ठ, डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के तत्वावधान में संस्कृति भवन में प्रो. लवकुश मिश्रा संपादित “रमन्ते इति राम:” पुस्तक पर समीक्षात्मक संगोष्ठी एवं कवि सम्मेलन का आयोजन संपन्न हुआ। श्रीराम अवध में आए हैं, असुरों ने मुख लटकाए हैं.. यह कविता सुनकर सब वाह-वाह करने लगे।
अध्यक्षता करते हुए डॉ. राजेंद्र मिलन ने कहा- अयोध्या में मंदिर स्थापना की स्मृति स्वरूप इस पुस्तक में मर्यादा पुरुषोत्तम राम की सार्वभौमिक छवि का स्तुति गान गद्य -पद्य के माध्यम से काव्य जगत के साहित्यकारों द्वारा भक्ति भावपूर्ण समर्पित आराधना से किया गया है। मुख्य अतिथि डॉक्टर मुनीश्वर गुप्ता ने इस पुस्तक के समस्त रचनाकारों एवं संपादक के इस शब्द सुमनांजलि श्रद्धा की मुक्त कंठ से प्रशंसा की।
डॉक्टर शशि गोयल, डॉक्टर शशि गुप्ता, निशि राज, इन्दल सिंह ‘इन्दु‘, डॉ. रमेश आनंद, कमलेश चंद जैन, आदर्श नन्दन गुप्त, सत्येंद्र पाठक ‘निडर’, विनोद माहेश्वरी, डॉ. संतोष द्विवेदी, शीलेन्द्र कुमार वशिष्ठ, डॉ. शैलबाला अग्रवाल, नीता दानी, शरद गुप्त, विनय बंसल, प्रकाश गुप्ता ‘बेबाक’, संजय गुप्त, पदमावती ‘पदम’, राजेश्वरी ‘राज’, सुधा वर्मा, हरीश कुमार भदौरिया, हरवीर परमार, यशोधरा यशो, रमा वर्मा ‘श्याम, गोपाल शर्मा, श्वेता सागर, कृष्णा दुबे, डॉ सुषमा सिंह, डॉ. राजीव शर्मा, डॉ असीम आनंद आदि के द्वारा इस पुस्तक में अपनी रचनाओं के योगदान तथा काव्य पाठ से सभी लेखक गौरवान्वित हुए हैं।
प्रोफेसर लवकुश मिश्रा ने इस अपने संपादन कार्य को भक्तिमय जीवन की एक अनुपमेय धरोहर बताया। सभी साहित्यकारों के सहयोग के प्रति आभार व्यक्त किया। समारोह का कुशल संचालन डॉक्टर शशि गुप्ता ने किया।
अयोध्याः 6 दिसम्बर 1992 से 22 जनवरी, 2024 तक Ayodhya From December 6, 1992, to January 22, 2024