लखनऊ। यूपी के चर्चित आईएएस अफसर अभिषेक सिंह का इस्तीफा केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया है। बताते चलें कि अभिषेक सिंह साल 2011 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। श्री सिंह का इस्तीफा गुरूवार से प्रभावी माना जाएगा। पिछले साल अक्टूबर माह में अभिषेक सिंह ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया था। ऐसा माना जा रहा है कि आईएएस की नौकरी छोड़ने के बाद अभिषेक सिंह राजनीति में कदम रख सकते हैं। श्री सिंह के जौनपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने की भी चर्चाएं तेज हैं। वह लगातार जौनपुर में राजनीतिक और सामाजिक कार्यो में सक्रिय हैं।
आईएएस अधिकारी अभिषेक सिंह को एक्टिंग और मॉडलिंग का काफी शौक है। वह कई म्यूजिक वीडियो एल्बम में भी नजर आ चुके हैं। अभिषेक सिंह लंबे समय तक गैरहाजिर होने के चलते फरवरी 2023 में सस्पेंड कर दिया गया था। 2015 में अभिषेक सिंह प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली चले गए थे।
साल 2018 में उनकी प्रतिनियुक्ति अवधि दो साल के लिए बढ़ा दी गई थी, लेकिन उस दौरान वे मेडिकल अवकाश पर चले गए थे। इसके बाद दिल्ली सरकार ने अभिषेक सिंह को उनके मूल कैडर यूपी भेज दिया था। लेकिन लंबे समय तक उन्होंने यूपी में कार्यभार ग्रहण नहीं किया। यहीं नहीं उन्होंने नियुक्ति विभाग को कोई संतोषजनक जवाब भी नहीं दिया।
बाद में 30 जून, 2022 को उन्होंने जब कार्यभार ग्रहण किया। तब साल 2022 में गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग की तरफ से उन्हें प्रेक्षक बनाकर भेजा गया। उन्होंने प्रेक्षक ड्यूटी का ज्वॉइन भी कर लिया। लेकिन वहां कार के आगे सेलिब्रिटी के अंदाज वाला उनका एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जिसके बाद निर्वाचन आयोग ने 18 नवंबर 2022 को उन्हें प्रेक्षक की ड्यूटी से हटा दिया। गुजरात से लौटने के बाद अभिषेक ने यूपी में दोबारा ज्वॉइन किया। लेकिन इस बार यूपी सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया। इसके बाद आईएएस अभिषेक सिंह ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन कर दिया।
आईएएस अभिषेक सिंह के पिता कृपाशंकर सिंह उत्तर प्रदेश में आईपीएस थे। अभिषेक सिंह की पत्नी दुर्गाशक्ति नागपाल भी आईएएस अधिकारी हैं। वर्तमान में वह बांदा की जिलाधिकारी पद पर तैनात हैं।
झांसी में अभिषेक सिंह की हुई थी पहली तैनाती
ट्रेनिंग के बाद आईएएस अभिषेक सिंह की 14 अगस्त 2013 को झांसी में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट पद पर पहली तैनाती हुई थी। साल 2014 में अक्टूबर माह में उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। बहाली के बाद जनवरी 2015 में उन्हें हरदोई का मुख्य विकास अधिकारी बनाया गया। तैनाती के दो माह बाद ही मार्च में अभिषेक सिंह दिल्ली सरकार में प्रतिनियुक्ति पर चले गए थे।
-एजेंसी
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