लोकसभा चुनाव 2024: इस बार 100 से ज्यादा सांसदों के टिकट काट सकती है बीजेपी, नए चेहरों को ज्यादा मौका

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बीजेपी लोकसभा चुनाव में इस बार नए चेहरों को ज्यादा मौका दे सकती है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक पार्टी इस बार 100 या इससे ज्यादा सांसदों के टिकट काट सकती है। बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति की आज शाम मीटिंग है जिसमें उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लग सकती है और एक-दो दिन में बीजेपी लोकसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर सकती है।

बीजेपी ने पिछले साल हुए अलग अलग विधानसभा चुनाव में भी कई विधायकों के टिकट काटे थे और इसमें सीनियर नेता भी शामिल थे। पार्टी नेताओं में इसकी चर्चा है कि लोकसभा चुनाव में इस बार बड़ी संख्या में टिकट काटे जाएंगे और नए चेहरों को ज्यादा मौका मिलेगा।

बीजेपी को राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में नए चेहरों को उम्मीदवार बनाने का फायदा भी मिला है। बीजेपी लगातार यह संदेश भी दे रही है कि बीजेपी में कार्यकर्ता सबसे अहम है और पार्टी जिसे चाहे उसे जिम्मेदारी दे सकती है। बीजेपी ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में नए चेहरों को सीएम बनाकर कार्यकर्ताओं को पुख्ता तरीके से ये संदेश दिया भी।

हाल ही में हुए बीजेपी के राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ किया था कि कमल का फूल (बीजेपी का चुनाव चिन्ह) ही बीजेपी का उम्मीदवार है। इसके बाद इसकी चर्चा तेज हो गई कि कुछ बड़े नेताओं के भी टिकट कट सकते हैं। उन सीटों पर बीजेपी सांसदों के टिकट कटने की ज्यादा संभावना है जहां विपक्षी गठबंधन मिलकर चुनाव लड़ रहा है।

जानें 2019 में कितने सांसदों के टिकट काटे

2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 71 से ज्यादा सांसदों के टिकट काटे थे। पांच सांसदों को मध्य प्रदेश में बदला था और छत्तीसगढ़ में तो बीजेपी ने सभी 10 सांसदों के टिकट काट दिए थे। इस बार यह नंबर कहीं ज्यादा होने की संभावना है। कुछ महीने पहले ही बीजेपी ने चार राज्यों में विधानसभा चुनाव में अपने 21 सांसदों को भी उम्मीदवार बनाया था। राजस्थान में बीजेपी ने सात, मध्य प्रदेश में भी सात, छत्तीसगढ़ में चार और तेलंगाना में 3 सांसदों को उम्मीदवार बनाया था। जीते हुए सांसदों ने इस्तीफा दिया और अब वे अलग अलग विधानसभा के सदस्य हैं।

अयोध्या के बाद अब… मोदी का कृष्ण प्रेम कहीं मथुरा पर बड़ा संदेश तो नहीं?

अभी हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के द्वारका में समुद्र के अंदर गए। पीएम मोदी उस जगह तक गए जहां द्वारका नगरी डूबी हुई है। पीएम मोदी अपने साथ भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित करने के लिए मोर पंख भी लेकर गए थे। द्वारका नगरी के दर्शन के बाद पीएम मोदी ने कहा कि यह एक समुद्र की डुबकी नहीं बल्कि समय यात्रा थी। पीएम मोदी के समुद्र के भीतर जाने और कृष्ण भक्ति के वीडियो की चर्चा सोशल मीडिया से लेकर बाकी जगहों पर भी हो रही है।

एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री मोदी तमिलनाडु के पल्लडम में जर्मन गायिका कैसेंड्रा माई स्पिटमैन से मिले। इस मौके पर कैसेंड्रा ने ‘अच्युतम केशवम्…’ भजन गाकर प्रधानमंत्री को सुनाया। पीएम मोदी ने उनके गाए कृष्ण भजन की खूब प्रशंसा की है। राम भक्ति के साथ ही कृष्ण भक्ति भी दिखाई पड़ रही है। पीएम मोदी ने राम मंदिर का उद्घाटन कर पूरे देश को एक सूत्र में पिरोया। उद्घाटन से पहले कई मंदिरों में जाकर दर्शन किए। लोकसभा चुनाव से पहले आस्था और विकास के सहारे बीजेपी इस चुनाव में 370 के आंकड़े को पार करना चाहती है। वहीं बीजेपी के भीतर अयोध्या के बाद मथुरा को लेकर भी चर्चा तेज हो गई है।

मुझे यह सौभाग्य मिला है….

पीएम मोदी ने कहा कि मुझे देवकाज का सौभाग्य मिला है। मैंने समंदर में जाकर द्वारका जी के दर्शन किए। द्वारकाधीश की दिव्यता को महसूस किया। सुदर्शन सेतु का लोकार्पण करना मेरा सौभाग्य है। उन्होंने समुद्र में उस जगह डुबकी लगाई, जहां जलमग्न द्वारका शहर है। पीएम मोदी ने कहा कि मुझे आध्यात्मिक वैभव और शाश्वत भक्ति के एक प्राचीन युग से जुड़ाव महसूस हुआ। भगवान श्रीकृष्ण हम सभी को आशीर्वाद दें। इससे पहले पीएम मोदी ने द्वारकाधीश मंदिर में पूजा अर्चना की।

प्रधानमंत्री ने बेट द्वारका मंदिर में भी दर्शन पूजन किए। उन्होंने सुदर्शन सेतु का शुभारंभ किया। इस सेतु के दोनों ओर श्रीमद्भगवद गीता के श्लोकों और भगवान कृष्ण की छवियों से सुसज्जित एक पैदलपथ है। बेट द्वारिका में भगवान कृष्ण का मंदिर है। यह मंदिर 500 साल पुराना है। द्वारका के लोग बताते हैं कि एक बार पूरी द्वारका नगरी डूब गई लेकिन बेट द्वारका बची रही। इसका एक हिस्सा समुद्र के छोटे टापू पर मौजूद है। बताया जाता है कि समुद्र का जल यहां स्थिर है।

जर्मन सिंगर ने पीएम मोदी को सुनाया कृष्ण भजन

पीएम मोदी ने तमिलनाडु के पल्लडम में जर्मन गायिका कैसेंड्रा माई स्पिटमैन से मंगलवार मुलाकात की। कैसेंड्रा ने ‘अच्युतम केशवम्…’ भजन गाकर मोदी को सुनाया। पीएम मोदी भी उनकी गायकी को सुनकर काफी मंत्रमुग्ध नजर आए। उन्होंने इसका वीडियो भी पोस्ट किया जो तेजी से वायरल हो रहा। इससे पहले प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में भी कैसेड्रा स्पिटमैन की जमकर तारीफ की थी।

पीएम मोदी ने बताया कि कैसेंड्रा बहुमुखी प्रतिभा की धनी हैं। वो कन्नड़, संस्कृत, हिंदी, मलयालम, तमिल, उर्दू, असमिया और बंगाली सहित कई भाषाओं में सिंगिंग करती हैं। पीएम मोदी जनवरी के महीने में केरल के दो दिवसीय दौरे पर गए और वह गुरुवायूर मंदिर गए। भगवान श्रीकृष्ण के प्रसिद्ध इस मंदिर में पीएम मोदी ने पूजा-अर्चना की।

आज सुदामा कृष्ण को पोटली में चावल देते तो…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी महीने यूपी के संभल में स्थित कल्कि धाम का शिलान्यास किया। मोदी ने कहा, मुझे विश्वास है कि यह भारतीय आस्था के एक और विराट केंद्र के रूप में उभर कर सामने आएगा। 18 साल की प्रतीक्षा के बाद यह अवसर आया है। इस मौके पर कल्कि धाम ट्रस्‍ट के अध्‍यक्ष और पूर्व कांग्रेसी नेता आचार्य प्रमोद कृष्‍णम ने कहा कि मोदी जैसा प्रधानमंत्री न हुआ है न होगा।

प्रमोद कृष्णम ने कहा कि हर किसी के पास कुछ देने को होता है, लेकिन उनके पास नहीं है। इस पर पीएम ने कहा कि प्रमोद जी अच्छा हुआ, कुछ दिया नहीं वरना, जमाना ऐसा बदल गया है कि आज के युग में सुदामा श्री कृष्ण को एक पोटली में चावल देते, तो वीडियो निकल जाती। इसके बाद कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दायर कर देते। जजमेंट आता कि भगवान कृष्ण को भ्रष्टाचार में कुछ दिया गया और भगवान कृष्ण भ्रष्टाचार कर रहे थे। पीएम मोदी ने भगवान कृष्ण का यहां भी जिक्र किया।

राम मंदिर के बाद बीजेपी के एजेंडे में मथुरा

माना जा रहा है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो जाने के बाद बीजेपी के एजेंडे में मथुरा शीर्ष पर रहेगा। जिस प्रकार 1989 में श्रीराम जन्मभूमि का प्रस्ताव लाया गया था उसी तरह श्रीकृष्ण जन्मभूमि का प्रस्ताव भी लाया जाएगा।

बीजेपी के भीतर भी इस बात का मंथन जारी है कि बीजेपी यह प्रस्ताव लाए या किसी दूसरे संगठन की ओर से इसे लाया जाए। मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह के बीच जमीन को लेकर विवाद है। काशी के एक गजट के अनुसार इस मस्जिद का निर्माण एक पुराने मंदिर की जगह पर कराया गया।

सुप्रीम कोर्ट से अयोध्या का फैसला 2019 में आने के दस महीने के भीतर ही श्रीकृष्ण जन्मभूमि के विवाद ने तूल पकड़ा। सितंबर 2020 में मथुरा जिला अदालत में याचिका दायर की गई। मामला कोर्ट में है।

-एजेंसी

Dr. Bhanu Pratap Singh