शोध: बुरे सपनों से जा सकती है याददाश्त, महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ज्यादा खतरा – Up18 News

शोध: बुरे सपनों से जा सकती है याददाश्त, महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ज्यादा खतरा

HEALTH

बुरे सपने के कारण नींद से अचानक जाग जाना, घबराहट का बढ़ जाना और कई बार तो पूरे दिन उसके अहसास से भयभीत रहना याददाश्‍त के लिए बेहद विपरीत रिजल्‍ट देता है।

बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के एक शोध में निष्‍कर्ष निकल कर आया है कि 35 से 64 साल की उम्र में सप्ताह में चार दिन बुरे सपने आने से याददाश्त जाने का जोखिम बढ़ जाता है साथ ही बुरे सपने देखने से गंभीर न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर होने की आशंका बढ़ जाती है।

खास बात यह है कि 79 से ज्यादा उम्र के लोगों को महज 5 फीसदी ही बुरे सपने आते हैं। वहीं 41 फीसदी महिलाओं और 59 फीसदी पुरुषों पर बुरे सपने का गहरा असर पड़ता है। अध्ययन से पता चला कि यह केंद्रीय तंत्रिका तंत्र का एक विकार है। यह आपके दैनिक जीवन के कामकाज को प्रभावित करता है।

अंगों में कंपन की समस्या बढ़ती है

इससे लोगों को अंगों में कंपन की समस्या होती है। शोध में पाया गया कि जिन लोगों ने सप्ताह में कम से कम एक बार बुरा सपना देखा है, उनमें अगले एक दशक में बुरे सपने न देखने वालों के मुकाबले चार गुना ज्यादा याददाश्त जाने का जोखिम होता है। वहीं दूसरी ओर बुजुर्गों में बुरे सपने देखे जाने के बाद उनमें याददाश्त जाने का निदान होने की संभावना दोगुनी होती है।

इस शोध में 600 से ज्यादा मध्यम आयु वर्ग के वयस्क और 79 से ज्यादा उम्र के 2,600 लोगों को शामिल किया गया था। पिछले शोध के अनुसार, युवावस्था व मध्यम आयु के दौरान महिलाओं में बुरे सपने ज्यादा आम हैं, लेकिन पुरुषों में उम्र बढ़ने के साथ ही बुरे सपने आने का खतरा भी बढ़ जाता है।

कम व्यायाम व धूम्रपान से भी याददाश्त जाने का खतरा

अध्ययन की प्रमुख लेखक डॉ. अबिदेमी ओटाइकू ने बताया कि कई बार खराब आहार, व्यायाम की कमी, धूम्रपान और बहुत ज्यादा शराब पीने से भी याददाश्त खोने का जोखिम होता है। शुरुआती लक्षणों का पता लगाकर इसका पूरी तरह निदान किया जा सकता है।

Dr. Bhanu Pratap Singh