गहलोत से गुहार: मुख्यमंत्री जी, मुझे इस जलालत भरे मंत्री पद से मुक्त कर दीजिए

गहलोत से गुहार: मुख्यमंत्री जी, मुझे इस जलालत भरे मंत्री पद से मुक्त कर दीजिए

POLITICS


राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। राजस्‍थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर बैक टू बैक जुबानी अटैक हो रहे हैं। पहले यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष और डूंगरपुर विधायक गणेश घोघरा ने हमला किया। बेंगू विधायक राजेंद्र सिंह बिधूड़ी के बाद और सीएम अशोक गहलोत को उनके सलाहकार निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने भी नहीं बख्शा। अब तो मंत्री अशोक चांदना ने भी मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने एक ट्वीट करके नाराजगी जाहिर की। उन्होंने साफ-साफ लिखा कि ‘मुख्यमंत्री जी, मुझे इस जलालत भरे मंत्री पद से मुक्त कर दीजिए। मंत्री और विधायकों के ऐसे रवैया से कांग्रेस में खलबली मची हुई है। इधर, राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया चल रही है और उधर कांग्रेस के अपने मंत्री और विधायक बगावती तेवर दिखा रहे हैं।
चांदना से पैचअप करने के मूड में दिखे गहलोत
खेल मंत्री अशोक चांदना के मंत्री पद से इस्तीफे की पेशकश से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पैचअप मूड में दिखे। दरअसल, अशोक चांदना ने गुरुवार रात मुख्यमंत्री गहलोत को संबोधित करते हुए ट्वीट किया था कि माननीय मुख्यमंत्री जी, मेरा आपसे व्यक्तिगत अनुरोध है कि मुझे इस जलालत भरे मंत्री पद से मुक्त कर मेरे सभी विभागों का चार्ज कुलदीप रांका जी को दे दिया जाए क्योंकि वैसे भी वो ही सभी विभागों के मंत्री हैं। रांका मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव हैं।
इस बारे में पूछे जाने पर गहलोत ने राज्य में प्रस्तावित ग्रामीण ओलंपिक का जिक्र किया। उन्होंने जयपुर में संवाददाताओं से कहा कि राज्य में ग्रामीण ओलंपिक होने हैं, जिनमें 30 लाख से अधिक लोग भाग लेंगे। इतना बड़ा भार उन (चांदना) पर है। हो सकता है कि वो किसी प्रकार के तनाव में आ गए हों और टिप्पणी कर दी। उसको ज्यादा गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। मेरी उनसे बातचीत नहीं हुई है। दबाव में काम करते लग रहे हैं, इतनी बड़ी जिम्मेवारी उन पर आ गई है, देख लेंगे।
राजस्थान में प्रमुख सचिव Vs मंत्री अशोक चांदना
बगावती तेवर दिखाने वाले विधायक और मंत्री प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी से नाराज हैं। उनका कहना है कि भले ही वे सरकार में हैं लेकिन अधिकारी उनकी सुनते ही नहीं है। काम नहीं होने से जनता तो परेशान है ही, पार्टी के कार्यकर्ता भी नाराज हैं। नाराज कार्यकर्ताओं के चलते कांग्रेस का फिर से सत्ता में लौटने का सपना साकार होना मुश्किल है। इसी कड़ी में मंत्री अशोक चांदना ने मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव कुलदीप रांका के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा की मेरे सभी विभागों का चार्ज कुलदीप रांका को दे दिया जाए क्योंकि वही सभी विभागों के मंत्री हैं। अशोक चांदना के पास युवा एवं खेल विभाग, कौशल विकास, डीआईपीआर, आपदा प्रबंधन और पॉलिसी प्लैनिंग विभाग है। मंत्री के आदेश के बावजूद इन विभागों में कामकाज नहीं होने से आहत चांदना ने मंत्री पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी।
ब्यूरोक्रेसी पर सवाल उठा रहे राजस्थान के विधायक
डूंगरपुर से कांग्रेस विधायक और यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश घोघरा ने भी 18 मई को विधायक पद से इस्तीफे की पेशकश की थी। घोघरा के खिलाफ डूंगरपुर के सदर थाने में राजकार्य में बाधा का मुकदमा दर्ज हुआ था। स्थानीय तहसीलदार ने उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इससे आहत होकर कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा ने मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा भेज दिया था।
मुख्यमंत्री के सलाहकार और निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने गृह विभाग के अधिकारियों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस भेजा है। उनके विधानसभा क्षेत्र में हत्या के एक मामले में निर्दोष व्यक्ति को जेल भेजने का मामला पिछले दिनों उन्होंने सदन में उठाया था। सरकार ने पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था। 3 महीने बीत जाने के बावजूद भी निर्दोष को जेल भेजने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने से नाराज संयम लोढ़ा ने गृह विभाग के अधिकारियों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस भेजा। पिछले दिनों डेंगू विधायक राजेंद्र सिंह बिधूड़ी ने भी ब्यूरोक्रेसी पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने सीधा मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि कार्यकर्ता मजबूत नहीं होगा तो हम चुनाव नहीं जीत सकेंगे। अगर हम चुनाव नहीं जीतेंगे तो आप मुख्यमंत्री नहीं बन सकते।
बीजेपी नेताओं ने अपने लिए ढूंढ लिया मौका
राजस्थान के कांग्रेस सरकार में मचे घमसान को लेकर बीजेपी नेताओं ने अपने लिया मौका ढूंढ लिया है। अशोक चांदना के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने तो यहां तक कह डाला है कि ‘जहाज़ डूब रहा है… 2023 के रुझान आने शुरू।’ दरअसल, उदयपुर के नव संकल्प चिंतन शिविर के बाद से कांग्रेस पार्टी में में घमासान मचा हुआ है। आपसी खींचतान की छोटी-मोटी बातें भी अब खुलकर सामने आने लगी है।
-एजेंसियां