भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति ने लगातार सातवीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. इस फैसले से होम लोन ग्राहकों को ब्याज़ दरों में कमी के लिए अभी और इंतज़ार करना होगा.
रेपो रेट वह दर है जिस पर आरबीआई बैंकों को लोन देता है. रेपो रेट बढ़ने या कम होने से होम लोन, पर्सनल लोन समेत दूसरे लोन भी महंगे या सस्ते हो जाते हैं.
शुक्रवार को मौद्रिक नीति की समीक्षा रिपोर्ट जारी करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रेपो रेट 6.5 प्रतिशत ही बनी रहेगी.
रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी-फ़रवरी में महंगाई दर बीते दिसम्बर में 5.7 प्रतिशत से कम होकर 5.1 प्रतिशत पर आ गई है.
उन्होंने कहा कि 29 मार्च 2024 तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड 645.6 अरब डॉलर पर पहुंच गया है.
इससे पहले 2021 में यह 642 अरब डॉलर के स्तर को पार कर गया था लेकिन यूक्रेन युद्ध शुरू के बाद इसमें गिरावट दर्ज की गई और यह 524 अरब डॉलर पर आ गया था. आरबीआई गवर्नर ने 2023-2024 में भारत की विकास दर के 7.6 प्रतिशत होने का अनुमान ज़ाहिर किया.
-एजेंसी
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