आगरा। तुलसी पीठाधीश्वर जगदगुरु रामभद्राचार्य ने आज आगरा में रामकथा सुनाने के दौरान उन्होंने कहा, “लव जिहाद के नाम पर हिंदू लड़कियों को विधर्मी फंसा रहे हैं। बहनों, जो तुम्हारी ओर गलत दृष्टि से देखे, उसकी आंख निकाल लो। फिर जो मुकदमा होगा मैं देख लूंगा। उन्होंने आगे कहा, “हिंदू लड़कियां अपनी इज्जत स्वयं बचाएं। हाथ में कड़ा पहनने के साथ-साथ कटार चलाने का अभ्यास करो और बन जाओ लक्ष्मीबाई।”
मां का दूध पिया है तो आरक्षण खत्म कराओ
रामभद्राचार्य ने नेताओं से जातिवाद के नाम पर आरक्षण को खत्म करने की मांग की। उन्होंने कहा ,”कहा जा रहा है कि ब्राह्मणों ने जातिवाद को जन्म दिया। हमने जातिवाद को जन्म नहीं दिया। जातिवाद कुर्सी के भेड़िए नेताओं ने फैलाया है। अगर सभी जातियां समान हैं, तो क्यों जातिवाद के नाम पर आरक्षण किया? नेताओं से मैं कह रहा हूं, मेरी चुनौती है, मां का दूध पिया है असली, तो तुम जातिवाद के आधार पर आरक्षण खत्म करवाओ।”
“इसके बाद जिसके यहां कहो मैं रोटी खाने को तैयार हूं। इन बेईमानों ने केवल वोट की राजनीति के लिए देश को बांटा। अगर हमने जातिवाद फैलाया होता तो शबरी माता के झूठे बेर राम क्यों खाते।” रामभद्राचार्य ने कहा, “जब रामचरितमानस राष्ट्रीय ग्रंथ बनेगी, तभी समाज का सुधार हो सकेगा।” उन्होंने रामकथा में मौजूद भाजपा सांसद रामशंकर कठेरिया से इस मुद्दे को संसद में उठाने की मांग की।
राम भक्तों के खून का बदला लिया जाएगा
इससे पहले शुक्रवार को रामकथा के दौरान ही स्वामी रामभद्राचार्य ने राम भक्तों के एक-एक खून का बदला लिए जाने की बात कही थी। उन्होंने कहा था, “हमने किसी का अपमान नहीं किया, लेकिन हमारे ग्रंथों का अपमान हुआ है। हिंदुत्व का अपमान हुआ है। याचना नहीं अब रण होगा, संग्राम महाभीषण होगा।”
अयोध्या की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “1990 की घटना को हम भूले नहीं हैं। निहत्थे राम भक्तों पर गोली चला दी गईं। सरयू मैया खून से लाल हो गईं। कोठारी वंश का नाश हो गया। दो बच्चों को घर से घसीट कर लाया गया और गोली मारी गई। अब राम भक्तों के एक-एक खून का बदला लिया जाएगा।”
भारत में रहना होगा, तो वंदे मातरम कहना होगा
रामकथा के दौरान ही स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा, ‘हिंदुत्व देवो भव और राष्ट्र देवो भव। हिंदुत्व को देव मानो, भारत को राष्ट्र मानो क्योंकि विपक्ष इस देश को बेचना चाहता है। हम ऐसा नहीं होने देंगे। जिसे अब भारत में रहना होगा, उसको जय श्रीराम कहना होगा।
उन्होंने आगे कहा, “अब कोई ये नहीं कह सकता है कि वंदे मातरम नहीं कहेंगे। भारत में रहना होगा, तो वंदे मातरम कहना होगा।” उन्होंने ये भी कहा कि साईं बाबा भगवान नहीं संत हैं। संविधान के पहले पन्ने पर सीता-राम के चित्र की मांग की। रामभद्राचार्य ने कहा,”विदेशी लोगों ने हमारा सर्वनाश कर दिया। इसी आगरा के कोठी मीना बाजार में अकबर ने सब्जियों की तरह महिलाओं की मंडी लगा दी। अब राम नाम से हमारी नींद खुल गई है।”
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