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एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने शहर में आते ही दिया दीवाली उपहार, खुद उठाएंगे सीयूजी नम्बर

Crime PRESS RELEASE REGIONAL

आगरा में एसएसपी रहे बृजलाल, राजीव कृष्ण, भानु प्रताप सिंह, नवीन अरोड़ा, असीम अरुण, सुभाष चन्द्र दुबे, जीके गोस्वामी, बबलू कुमार, अमित पाठक का कार्यकाल याद आ गया

Agra, Uttar Pradesh, India. ऐतिहासिक आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह (एसके सिंह) लगता है आगरा में कुछ ऐतिहासिक काम कर जाएंगे। आते ही उन्होंने जो तेजी दिखाई है, वह अनुकरणीय है। आशा की जा रही है कि मुनिराज जी के समय पुलिस विभाग में आई सुस्ती दूर होगी। आम जनता अपने एसएसपी से सीधे बात कर सकेगी। 2009 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी सुधीर कुमार सिंह मूलरूप से बिजनौर के निवासी हैं।

आगे बढ़ने से पहले थोड़ा फ्लैश बैक में चलते हैं। याद आ रहा है कि आगरा में एसएसपी रहे बृजलाल, राजीव कृष्ण, भानु प्रताप सिंह, नवीन अरोड़ा, असीम अरुण, सुभाष चन्द्र दुबे, जीके गोस्वामी, बबलू कुमार, अमित पाठक का कार्यकाल। इन अधिकारियों ने कभी ‘नौकरी’ नहीं की। सरकारी अधिकारी और कर्मचारी ‘लोकसेवक’ होते हैं, इस भावना के साथ काम किया। इसका सुफल भी मिला। आगरा में कुछ नए काम हुए। इन अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से सराहा गया। इनकी यशकीर्ति फैली। जनशिकायतों के निस्तारण की रणनीति निर्धारित की थी। असीम अरुण ने आगरा के यातायात को सुधारने पर खासा काम किया। अलीगढ़ में भी वे यह प्रयोग करके आए थे। आगरा में लागू किया। इस समय पुलिस महानिरीक्षक नवीन अरोड़ा ने आगरा के यातायात को ठीक करने का बीड़ा उठाया हुआ है। हम आशा करते हैं कि वे अपने अभियान में सफल होंगे।

मुनिराज जी को राजभाषा हिन्दी समझने में मुश्किल आती थी। आगरा वाले तो ऐसी हिन्दी बोलते हैं कि हिन्दी वाला ही समझ सकता है। इसी कारण मुनिराज जी को आंग्लभाषा में संवाद करने वाला प्रिय लगता था।  हम मुनिराज जी की निंदा नहीं कर रहे हैं, बस जो फीडबैक मिला है, उसे अंकित कर दिया है। वैसे सभी अधिकारी स्वयं के अनुसार बेहतर काम करते हैं, पर जो ‘लोकसेवक’ के रूप में काम करते हैं, वे अपनी छाप छोड़ जाते हैं।

अब करते हैं नई बात। एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने आते ही जो निर्देश दिए हैं, वे सभी सभी पुलिस अधीक्षकों के लिए अनुकरणीय हैं।

सबसे बड़ी बात है कि वे यूपी सरकार द्वारा प्रदत्त सीयूजी मोबाइल नम्बर 9454400246 स्वयं रिसीव करेंगे। साफ-साफ कहा है कि पीआरओ फोन नहीं उठाएगा। पीड़ितजनों के लिए यह सबसे बड़ा दीपावली उपहार होगा।

बाजार में भीड़ है। इसे नियंत्रण करना चुनौती है। साफ-साफ कहा है कि चेकिंग के नाम पर परिवार के साथ जा रहे लोगों का उत्पीड़न न करें।

दुकान बंद करके लौटते समय कारोबारी लुट न जाए, इसके लिए पुलिस तैनात करने का निर्देश दिया है।

प्रातः 10-12 बजे तक पुलिस के सभी कार्यालयों में जनसुनवाई होगी। थानेदार  और पुलिस क्षेत्राधिकारी को कार्यालय में रहना होगा। अगर कार्यालय से बाहर हैं तो पीड़ित जन को इस बात की इत्तला दी जाएगी। फरियादियों को टहलाने की प्रवृत्ति रोकने की बात भी कही है।

थानों में ही सुनवाई हो, इस पर जोर है और अगर यह काम हो गया तो अफसरों के यहां भीड़ समाप्त हो जाएगी।

अधीनस्थों से कहा कि जनसुनवाई वॉट्सअप ग्रुप बनाया जाए। इसी पर संबंधित अधिकारी को प्रार्थनापत्र भेज दिया जाए ताकि तत्काल निस्तारण हो सके। डाक से शिकायती पत्र भेजने में विलम्ब होता है।

बता दें कि सुधीर कुमार सिंह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जनपद बिजनौर में गुलशन सिंह के परिवार में 29 जनवरी, 1963 को जन्म लिया था। सुधीर कुमार सिंह ने अर्थशास्त्र से एम.ए किया है। सुधीर कुमार सिंह ने लगभग 20 साल पीपीएस अफसर के रूप में कार्य किया उसके बाद शासन ने उनकी गुड पुलिसिंग को देखते हुए साल 2009 में आईपीएस अफसर के रूप में प्रमोशन दे दिया। सबसे पहले बलरामपुर का पुलिस अधीक्षक बनाया गया। 18 मई, 2016 को गोंड़ा जनपद के एसपी के पद पर तैनात किया गया। 14 मई 2017 को अम्बेडकर नगर के पुलिस अधीक्षक के रूप में तैनात किया गया। अक्टूबर 2017 को उनको जनपद अमरोहा के पुलिस अधीक्षक के पद पर भेज दिया गया। अमरोहा में रहते हुए आईपीएस सुधीर कुमार सिंह ने अपराध उन्मूलन और पुलिस के छवि को सुधारने हेतु काफी उत्कृष्ट कार्य किया। 28 अगस्त, 2018 को जनपद मुजफ्फरनगर के कप्तान की कमान सौंपी गई। 3 जुलाई, 2019 को गाजियाबाद का एसएसपी बनया गया। 12 घंटे के भीतर ही सिविल इंजीनियर कुणाल दत्ता और उसकी बेटी को बरामद कर एक आरोपी को पकड़कर घटना खोली थी, इस परिवार से 80 लाख की फिरौती मांगी गयी थी। इस खुलासे पर डीजीपी ओपी सिंह ने कमेंडेशन डिस्क पुरस्कार से सम्मानित किया। 10 जनवरी, 2020 को 15वीं वाहिनी पीएसी आगरा भेज दिया गया। 7 जुलाई, 2020 को एसएसपी एसटीएफ लखनऊ बना दिया। इसके बाद आईपीएस सुधीर कुमार सिंह को 16 अगस्त, 2020 को आजमगढ़ की कमान सौंप दी। 25 अक्टूबर, 2021 को आगरा का एसएसपी बनाया गया है।
इनपुटः डॉ. भानु प्रताप सिंह

Dr. Bhanu Pratap Singh