Ayodhya (Uttar Pradesh, India)। अयोध्या मे श्रीराम मंदिर के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भूमि पूजन किया। यह वही स्थल है जहां छह दिसम्बर, 1992 तक रामलला विराजमान थे। विवादित ढांचा ढहाने के बाद रामलला को दूसरे स्थान पर स्थापित कर दिया गया था। अब उसी स्थान पर भव्य मंदिर बनेगा। माना जाता है कि इसी स्थान पर भगवान राम का जन्म हुआ था। इस मौके पर शिला पट्टिका का अनावरण भी किया गया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्याथ ने कहा- पांच शताब्दियों के बहुप्रतीक्षित तिथि का 135 करोड़ भारतवासियों को और पूरी दुनिया के अंदर भारते के प्रति भारत के सनातन धर्मावलंबियों के प्रति शुभेच्छा का भाव रखने वालों नागरिकों की भावनाओं को मूर्त रूप देने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कारण प्राप्त हुआ है। भारत ने दुनिया को अपनी ताकत का अहसास कराया प्रधानमंत्री के नेतृत्व में है। इस घड़ी की प्रतीक्षा में हम सबकी कई पीढ़ियां चली गईं। पूज्य संतों ने, अनेक महापुरुषों ने, वीरांगनाओं ने बलिदान दिया। अपने आँखों के सामने श्रीराम के भव्य मंदिर को देखने की तमन्ना लेकर चले गए। लेकिन संघर्ष और साधना चलती रही। लोकतांत्रिक मूल्य औऱ आदर्शों को मूल्यों की रक्षा करते हुए शांतिपूर्ण तरीके से इसका समाधान का मार्ग निकल सकता है, प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता से गौरव का क्षण प्राप्त हुआ है।
हम सब गौरवान्वित हैं इस बात को लेकर कि अवधपुरी के बारे में जो सपना हम सबने देखा है, तीन वर्ष पहले दीपोत्सव के कार्यक्रम में सबने महसूस किया होगा, उस कार्यक्रम की सिद्धि हो रही है। श्री राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण हो रहा है श्रीरम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास करेगा। अवधपुरी को दुनिया की सब वैभवशाली और समृद्धशाली नगरी बनाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। रामायण दर्शन और स्वदेश दर्शन, रामकथा के साथ कई कार्य हुए हैं।
आज का दिन उमंग और उत्साह का है। हम सबके लिए महत्वपूर्ण है कि हमारे विचार परिवार के प्रमुख आरएसएस के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत की उपस्थिति है। इस कार्यक्रम में आने से जो रह गए हैं, उनकी प्रत्यक्ष उपस्थिति अयोध्या में अन्य कार्यक्रमों में कराएंगे। यह कार्यक्रम केवल मंदिर निर्माण का शुभारंभ नहीं, उस भारत को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का अवसर है, जिसे आज से छह साल पहले रामराज की स्थापना की बात कही थी। इसमें जाति, भाषा, पंथ आदि के नाम पर कोई भेदभाव नहीं है। सबका साथ सबका विकास को चरितार्थ किया है। राम मंदिर भारत की कीर्ति को दुनिया में बढ़ाने का काम करेगा।