-आगरा स्मार्ट सिटी के सदस्य राजेश खुराना ने सांसद और डीएम को लिखा पत्र
-नेमिनाथ होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज की तरह होम्योपैथी से किया जाए इलाज
Agra, Uttar Pradesh, India. आगरा स्मार्ट सिटी भारत सरकार के सदस्य और वरिष्ठ समाजसेवी राजेश खुराना ने भाजपा सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल और जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश और केन्द्र सरकार से संस्तुति की जाए कि ब्लैक फंगस और कोरोना का इलाज नेमिनाथ होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज, आगरा की तरह होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति से भी किया जाए। इससे आगरा और उत्तर प्रदेश देश में होम्योपैथी से कोरोना और ब्लैक फंगस के इलाज में मॉडल बन सकता है।
महामारी का समूल नाश संभव
पत्र के माध्यम से में मांग की गई है कि देशभर के होम्योपैथी चिकित्सकों को डॉ. प्रदीप गुप्ता से कोरोना और ब्लैक फंगस के इलाज की ट्रेनिंग दिलाई जाए। इसके बाद दोनों महामारी का समूल नाश किया जा सकता है। तीसरी लहर की भयावहता को भी समाप्त किया जा सकता है। आयुष मंत्रालय ने होम्योपैथी मेडिकल कॉलेजों को कोविड सेन्टर के रूप में विकसित किया है।
छह बच्चों समेत 250 लोगों का इलाज
राजेश खुराना ने अवगत कराया है कि डॉ. प्रदीप गुप्ता कोरोना संक्रमित छह बच्चों समेत 250 लोगों का इलाज सफलतापूर्वक कर चुके हैं। नेमिनाथ कॉलेज में कोई डॉक्टर और स्टाफ मास्क नहीं लगता है। वे मरीजों को दिन में तीन बार छूकर और गले लगकर बिना मास्क या पीपीई किट पहने बिना इलाज करते हैं। स्पष्ट है कि होम्योपैथी दवा कोरोना के इलाज में कारगर है। इसलिए ब्लैक फंगस के इलाज में भी कारगर होगी।
ब्लैक फंगस की दवा निःशुल्क वितरित कर रहे
उन्होंने कहा है कि कोरोना के बाद पूरे देश में ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस) बीमारी की दहशत है। उत्तर प्रदेश समेत में महामारी घोषित है। ब्लैक फंगस के इलाज में कारगर दवाओं की भारी कमी है। ऐसे में सरकार को होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति से इलाज पर विचार करना चाहिए। नेमिनाथ होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य और पूर्व जिला होम्योपैथी अधिकारी डॉ. प्रदीप गुप्ता इस संबंध में तैयार भी हैं। वे ब्लैक फंगस की दवा निःशुल्क वितरित करने के लिए तैयार हैं। यह पूरे देश और प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि होगी।
ऐलोपैथी में कोरोनावायरस की कोई आधिकारिक दवा नहीं
राजेश खुराना ने अवगत कराया है कि कोरोनावायरस की कोई आधिकारिक दवा नहीं है। हमारे चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ अपनी जान पर खेलकर इलाज कर रहे हैं। अपने अनुभव से दवाइयों और स्टरायड्स को आजमाते हैं। मरीज की जान बचाने के लिए अधिक स्टेरॉयड्स का प्रयोग करना पड़ता है। यही कारण है कि ब्लैक फंगस महामारी के रूप में फैल रहा है। चूंकि यह बीमारी अचानक आ गई, इसलिए इलाज में समस्या है। इसलिए आवश्यक है कि होम्योपैथी या आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से इलाज के बारे में केन्द्र और राज्य सरकार विचार करे।
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