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राज बब्बर भले ही ‘यूज एंड थ्रो’ की नीति अपनाते हैं लेकिन बसपा के इन पूर्व विधायकों को तो अहसानमंद होना ही चाहिए

NATIONAL POLITICS PRESS RELEASE REGIONAL

Agra, Uttar Pradesh, India. लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस के टिकट पर राज बब्बर ने फतेहपुर सीकरी से चुनाव लड़ा। उनकी करारी हार हुई। इसके बाद वे आगरा में नजर नहीं आए। ये तो एक बात है और बिलकुल सही बात है। जितने भी बड़े-बड़े नाम वाले नेता हैं, वह चुनाव हारने क्या जीतने के बाद भी नजर नहीं आते हैं। उदाहरण के तौर पर पड़ोसी जिला मथुरा को ही लें। यहां से भारतीय जनता पार्टी की सांसद हेमा मालिनी हैं। वे कभी-कभी दर्शन देने आती हैं। उनके खिलाफ मथुरा के लोग शोर मचाते रहते हैं पर इसे सुनता कौन है। लोग शोर मचाकर कर भी क्या लेंगे। अभी तो चुनाव में दो साल हैं।

बसपा के विधायक

हम बात कर रहे थे राज बब्बर की और पहुंच गए हेमा मालिनी पर। यही तो हो जाता है जब खबर कम तजुर्बेकार व्यक्ति खबर लिखता है। खैर, छोड़ो। असली मुद्दे पर आते हैं। राज बब्बर के चुनाव में बसपा के विधायक रहे डॉ. धर्मपाल सिंह (एत्मादपुर से विधायक रहे), ठाकुर सूरजपाल सिंह (फतेहपुर सीकरी से विधायक रहे) और भगवान सिंह कुशवाहा (खेरागढ़ से विधायक रहे) ने बहुजन समाज पार्टी छोड़ दी थी। जरूर इनसे ऐसे वादे किए होंगे ये झट से अपनी पार्टी छोड़कर राज बब्बर के साथ आ गए। किसी ने सही कहा है- कुछ तो मजबूरियां रहीं होंगी, यूं ही कोई बेवफा नहीं होता। राज बब्बर चुनाव हार गए और वापस मुंबई चले गए। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी नहीं रहे।

राज बब्बर की नीति ‘यूज एंड थ्रो’

आपको बता दें कि राज बब्बर का इतिहास है कि वे ‘यूज एंड थ्रो’ की नीति अपनाते हैं। हर चुनाव में उनके आसपास नए लोग होते हैं। उनकी बातें ऐसी हैं कि धुर विरोधी भी प्रशंसक बन जाता है। आपको नेता बनना है तो सब्जबाग तो तो दिखाने ही होंगे। राज बब्बर चुनाव में यही करते हैं। जब तक व्यक्ति कुछ समझ पाता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। इन पंक्तियों के लिखने वाले के बारे में यह न सोचें कि वह राज बब्बर का विरोधी है। जैसा है, वैसा लिखना तो चाहिए ही न।

पूर्व विधायकों का अलग मोर्चा

इन पूर्व विधायकों ने अपना अलग मोर्चा बना लिया। अब ये सभी विधायक एक साथ ही दिखते हैं।  इनके साथ पूर्व विधायक कालीचरण सुमन और डॉ. स्वदेश सुमन (वीरू सुमन) भी आ जाते हैं। इस तरह बसपा के पांच पूर्व विधायक अपना अलग अस्तित्व बनाए हुए हैं। इनमे से तीन तो पक्के हैं। एक साथ ही जाते हैं। अधिकारी से मिलना हो, धरना देना हो, किसी का घेराव करना हो तो एक साथ पहुंचते हैं। ये तीन विधायक हैं- धर्मपाल सिंह, ठाकुर सूरजपाल सिंह और भगवान सिंह कुशवाहा।

शुक्रवार को धरना

इन विधायकों ने शुक्रवार को किसानों के साथ डीवीवीएनएल एमडी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। इस दौरान 20 घंटे विद्युत, एफआईआर वापस लेने व किसानों का उत्पीड़न रोकने के लिए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।