राजस्थान के करौली की हिंसा पर पुलिस की भूमिका को लेकर सवाल उठे

राजस्थान के करौली की हिंसा पर पुलिस की भूमिका को लेकर सवाल उठे

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राजस्थान के करौली जिले में नवसंवत्सर के दिन हुई हिंसा में पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। घटना के दिन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें कुछ लोग भीड़ से कहते सुनाई दे रहे हैं कि काम हो गया अब भागो। आरोप है कि ये आवाज किसी और की नहीं बल्कि करौली पुलिस की है जो उपद्रवियों को जल्दी-जल्दी भगाने की बात कह रही है। अंग्रेजी न्यूज़ चैनल टाइम्स नाऊ ने दावा किया है कि उपद्रवियों को भगाने वाला कोई और नहीं बल्कि करौली पुलिस है। इस बाबत एक वीडियो भी जारी किया गया है जिसमें आवाज आ रही है भागो, भागो, जल्दी भागो.. काम हो गया।
इस वीडियो के जारी होने के बाद बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने हैं। बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार उपद्रवियों के साथ मिली हुई है। हिंसा के दौरान पुलिस ना सिर्फ मूकदर्शक बनी हुई थी बल्कि उन्होंने उपद्रवियों को भगाने की भी कोशिश की। इस मामले में कांग्रेस का भी बयान आया है। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने अशोक गहलोत सरकार पर लग रहे आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि बीजेपी राज्य में सांप्रदायिक तनाव पैदा करना चाहती है क्योंकि राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ये हिंसा बीजेपी द्वारा करवाई गई है।
दूसरी तरफ करौली में स्थिति अब भी सामान्य नहीं है। 2 अप्रैल के बाद से पूरे इलाके में धारा 144 लगी हुई है। 2 अप्रैल को हिंदू नववर्ष के मौके पर करौली में बाइक रैली निकाली जा रही थी जिस पर कुछ लोगों ने पथराव कर दिया। इसके बाद हिंसा भड़क गई जिसमें कई दुकानों और वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया।
-एजेंसियां

Dr. Bhanu Pratap Singh