नई दिल्ली। वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने पर लोकसभा में हो रही विशेष चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस बहस का उपयोग पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को साधने के लिए कर रही है और जनता का ध्यान वर्तमान समस्याओं से हटाकर अतीत की ओर मोड़ना चाहती है।
प्रियंका गांधी ने कहा कि 150 वर्ष पुराना यह राष्ट्रगीत देश की आत्मा का हिस्सा है, इसे लेकर आज अचानक संसद में बहस छेड़ने का उद्देश्य स्पष्ट रूप से राजनीतिक है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब वंदे मातरम् दशकों से भारतीयों के दिलों में समाया हुआ है, तो आज इस बहस की क्या जरूरत है।
उन्होंने कहा, “आप चुनाव के लिए हैं, हम देश के लिए हैं। चाहे हम कितने भी चुनाव हार जाएं, हम यहां बैठकर आपसे और आपकी विचारधारा से लड़ते रहेंगे। आप हमें रोक नहीं सकते।” उन्होंने दो टूक कहा कि इस बहस के पीछे दो कारण हैं—पहला, बंगाल में होने वाले चुनाव; दूसरा, आज़ादी की लड़ाई लड़ने वालों पर नए आरोप लगाने और इतिहास को राजनीतिक चश्मे से दिखाने की कोशिश।
प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि अब वे पहले जैसे प्रधानमंत्री नहीं रहे। उनका आत्मविश्वास कम हो रहा है और उनकी नीतियों से देश कमजोर हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष के सांसद भी भीतर ही भीतर इस बात को जानते हैं, मगर चुप्पी साधे हुए हैं।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि देश के लोग दुखी और परेशान हैं, लेकिन सरकार उनकी समस्याओं पर ध्यान देने के बजाय चर्चा का रुख बदलने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, “वंदे मातरम् देश के कण-कण में ज़िंदा है। इस पर बहस की ज़रूरत नहीं थी। यह सिर्फ जनता का ध्यान भटकाने का तरीका है।”
प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री के भाषण पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री भाषण अच्छे देते हैं, लेकिन तथ्यों के मामले में कमजोर पड़ जाते हैं। जनता के सामने तथ्यों को सही तरीके से रखना भी एक कला है। मैं नई हूं, कलाकार नहीं हूं, पर सच कहना मेरी ज़िम्मेदारी है।”
उन्होंने सत्तापक्ष पर आरोप लगाया कि उसके नेता इतने अहंकारी हो गए हैं कि वे स्वयं को महात्मा गांधी, रवींद्रनाथ टैगोर, राजेंद्र प्रसाद, डॉ. अंबेडकर, मौलाना आजाद, सरदार पटेल और सुभाष चंद्र बोस जैसे महान नेताओं से ऊपर समझने लगे हैं।
प्रियंका गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा यह कहना कि राष्ट्रगीत को ‘विभाजनकारी सोच’ के कारण काटा गया, उन सभी महान स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है जिन्होंने वंदे मातरम् को अपनाया और जिन्होंने देश की आज़ादी की लड़ाई में अपना जीवन समर्पित किया।
लोकसभा की इस बहस ने वंदे मातरम् के इतिहास, राजनीति और वर्तमान संदर्भों को लेकर नया विवाद खड़ा कर दिया है।
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