अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान राम के मंदिर के उद्घाटन से पहले आज प्रधानमंत्री मोदी ने नासिक के कालाराम मंदिर में पूजा अर्चना की। अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान राम के मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा उत्सव की तैयारियां जोर शोर से चल रही है। पीएम मोदी भी अयोध्या जाकर तैयारियों का जायजा ले चुके हैं। आज मोदी ने नासिक जिले में मौजूद कालाराम मंदिर में जाकर पूजापाठ की है। आइए आपको बताते हैं इस मंदिर का इतिहास और महत्व।
कालाराम मंदिर का महत्व
कालाराम मंदिर नासिक जिले में मौजूद है और यह मंदिर भगवान राम, माता सीता और भाई लक्ष्मण को समर्पित है। बहुत ही प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है भगवान राम 14 साल के वनवास के दौरान माता सीता और लक्ष्मण के साथ यहां पंचवटी में आकर ठहरे थे। इस वजह से इस जगह को लेकर खास मान्यता है। यहां दूर-दूर से लोग भगवान राम के दर्शन करने आते हैं।
कालाराम मंदिर का इतिहास
मंदिर का नाम कालाराम क्यों पड़ा, इस संबंध में एक पौराणिक कथा प्रचलित है। ऐसा माना जाता है कि एक बार सरदार रंगारू ओढेकर नाम के एक व्यक्ति को सपने में श्रीराम आए थे। उन्होंने सपने में भगवान राम की काले रंग की मूर्ति को देखा था। उन्होंने मूर्ति को गोदावरी नदी में तैरते हुए देखा था। जब उनकी नींद खुली तब वह नदी किनारे पहुंचे तो देखा तो सच में भगवान राम की काले रंग की मूर्ति मौजूद थी। उस मूर्ति को वह अपने साथ ले आए और देवालय में लाकर स्थापित कर दिया। उसके बाद कालांतर में यह स्थान कालाराम मंदिर के नाम से विख्यात हो गया। यहां के बारे में कहा जाता है कि यह इस मंदिर की वास्तुकला उच्च कोटि की है।
कब हुआ मंदिर का निर्माण
मंदिर का निर्माण सन 1782 में हुआ था। सर्वप्रथम यहां पर लकड़ी के मंदिर का निर्माण हुआ था। उस वक्त इस मंदिर को बनाने में पूरे 12 साल का वक्त लगा था। बताते हैं कि रोजाना यहां 2 हजार लोग काम करते थे और तब जाकर यह मंदिर बना था। भारत के पश्चिम राज्य में भगवान राम का यह अद्भुत मंदिर स्थित है। इस मंदिर में मूर्तियों का विग्रह खड़ी मुद्रा में है। श्रीराम, सीता और लक्ष्मण की काले रंग की बेहद खूबसूरत प्रतिमा यहां स्थित हैं। इन मूर्तियों की ऊंचाई करीब दो फीट है।
-एजेंसी
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