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पेपर पैकेजिंग उद्योग बंदी के कगार पर, फिर जूता निर्यात भी नहीं हो पाएगा, पढ़िए दर्दभरी कहानी

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Agra, Uttar Pradesh, India. ताजमहल के शहर आगरा में पेपर पैकेजिंग उद्योग बंदी के कगार पर पहुंच गया है। हाल यह है कि पेपर पैकेजिंग उद्योग चलाने वाले बस आंसुओं से नहीं हो रहे हैं। उनका कहना है कि घाटे में उद्योग चला रहे थे कि स्थिति ठीक हो जाएगी, लेकिन अब पानी सिर के ऊपर जा रहा है। या तो सरकार पेपर मिल वालों की मोनोपोली खत्म करे अन्यता हम जूते के डिब्बे और कार्टन नहीं बना पाएंगे। अगर ऐसी स्थिति आई तो आगरा से जूता निर्यात नहीं हो पाएंगे।

होटल भावना क्लार्क्स में कागज से जुड़े पैकिंग निर्माताओं की संस्था आगरा पेपर पैकेजिंग एसोसिएशन ने यह दर्द पत्रकारों के समक्ष प्रकट किया। इस प्रेसवार्ता में करीब 55 पत्रकार मौजूद थे। अध्यक्ष प्रदीप पुरी ने कहा- कार्टन और जूते के डिब्बे बनाने वाली इकाइयां बंदी के कगार पर पहुंच चुकी हैं। लाखों लोगों के सामने रोजगार का संकट है। केन्द्र और राज्य सरकार को तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए।

एसोसिएशन के महामंत्री बंटी ग्रोवर ने कहा– पिछले नवंबर से कागज एवं कच्चे उत्पादों की कीमतों में 70 से 80% की तेजी आ चुकी। इसके बने उत्पादों यानी डिब्बों और कार्टन पर अपेक्षित बढ़ोत्तरी नहीं की गई है। इसके बाद भी निर्माताओं द्वारा अपना लाभांश खत्म करके आपूर्ति जारी रखी गई,  लेकिन अब उनके अस्तित्व पर संकट है। समस्या बढ़ती जा रही है। सरकार तत्काल हस्तक्षेप करे।

कोषाध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि वर्तमान समय में इतनी तेजी के बाबजूद कच्चे माल की उपलब्धता नहीं है। कच्चे माल की अनापूर्ति एवं अनपेक्षित दर वृद्धि के कारण पेपर पैकिंग निर्माता अपनी इकाइयां सुचारु रूप से चलाने में असमर्थ हो रहे हैं। अगर इकाइयां बंद हुईं तो इस उद्योग से जुड़े लाखों गरीब मजदूर और कामगारों के रोजगार पर संकट आ सकता है। सरकार को तुरंत हस्तक्षेप करके कागज मिल निर्माताओं एवं हमारे बीच पैदा हो रहे गतिरोध को खत्म करने की पहल करनी चाहिए। अभी ये तेजी अंतिम नहीं है। कागज मिल केवल 24 घंटे की बुकिंग के रेट दे रही हैं और वो भी अग्रिम भुगतान पर।

उपाध्यक्ष एसके जैन ने बताया – वर्तमान में कच्चे माल पर हो रही अंधाधुंध वृद्धि से उत्पन्न विषम परिस्थितियों के मद्देनजर ग्राहकों से भी अपेक्षा है कि वह अपने आपूर्तिकर्ता का साथ दे। मंत्री नितिन शर्मा का कहना है कि हम सभी पेपर पैकिंग निर्माताओं एवं ग्राहकों को संगठित रूप से वर्तमान कठिनाइयों से उबरने का प्रयास करना चाहिए।

प्रेस वार्ता में बृज मोहन अग्रवाल, शैलेन्द्र शर्मा, अंकुर महाजन, अर्पित बंसल, शुभम अग्रवाल, मोनू ग्रोवर, प्रवीण तलवार, गुड्डू बंसल, ऋषभ सुरेका, रचित जिंदल, मयंक, योगेश, पुनीत ग्रोवर, विशेष बंसल, आयुष, आशीष, बंटी, मनीष,रमन सगी,सौरभ कालरा, बबलू आदि मौजूद थे।