आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की बायोपिक का एलान कर दिया गया, फिल्म का शीर्षक है- ‘मैं रहूं या ना रहूं, यह देश रहना चाहिए- अटल’।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की बयोपिक में उनका किरदार जानदार अभिनेता पंकज त्रिपाठी निभाएंगे। फिल्म उत्कर्ष नैथानी ने लिखी है, जबकि इसका निर्देशन रवि जाधव कर रहे हैं, जो तीन बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीत चुके हैं। यह फिल्म अटल बिहारी वाजपेयी के निजी और राजनीतिक सफर को दिखाएगी।
अटल जी का बायोपिक मिलना खुशनसीबी- पंकज
अटल जी भारतीय राजनीति के उन नायकों में शामिल हैं, जिन्होंने बड़े स्तर पर देश की सियासत को प्रभावित किया था। उनकी हाजिरजबावी और बोलने के अंदाज के दोस्त ही नहीं, बल्कि सियासी प्रतिद्वंद्वी भी कायल थे। कवि के रूप में भी उन्हें काफी शोहरत मिली। जनसंघ की स्थापना से लेकर भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता और प्रधानमंत्री बनने तक, अटल जी की यात्रा प्रेरक रही है।
भारतीय राजनीति की इतनी बड़ी शख्सियत का किरदार निभाने का मौका मिलने पर पंकज त्रिपाठी खुद को खुशनसीब मानते हैं। पंकज ने कहा- ”पर्दे पर ऐसे राजनेता का किरदार निभाना सम्मान की बात है। वो सिर्फ राजनेता नहीं, बल्कि उससे कहीं ज्यादा था। जबरदस्त लेखक और विख्यात कवि। उन्हें पर्दे पर पेश करना मेरी खुशनसीबी है।”
सुनहरे मौके की तरह है फिल्म- रवि जाधव
रवि जाधव, मराठी सिनेमा के जाने-माने निर्देशक हैं। उन्होंने नटरंग और बालगंधर्व जैसी फिल्मों का निर्देशन किया है। जाधव ने फिल्म को लेकर कहा- ”अटल जी जैसा व्यक्तित्व और पंकज जैसा अदाकार, इस फिल्म को निर्देशित करना किसी सुनहरे मौके से कम नहीं है। एक निर्देशक के तौर पर अटल जी से बेहतर कहानी की कल्पना नहीं कर सकता था। इससे भी बढ़कर, पंकज जैसा कलाकार मिलना, निर्माताओं के लिए भी अच्छा रहेगा।”
अटल बिहारी वाजपेयी ने 1947 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ज्वाइन किया था और फिर बीजेपी में शीर्ष तक पहुंचे। अटल जी पहले ऐसे प्रधानमंत्री रहे, जो कांग्रेस से नहीं थे और अपना कार्यकाल पूरा किया। फिल्म का निर्माण विनोद भानुशाली, संदीप सिंह, सैम खान और कमलेश भानुशाली कर रहे हैं। जीशान अहमद और शिव शर्मा सह निर्माता हैं।
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